डॉ. चटर्जी मामले की 23 मार्च को न्यायालय में होगी गवाही, परिवाद को कोर्ट ने स्वीकारा

CG Prime News @भिलाई. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कार्यकर्ता डॉ.दीप चटर्जी के घर पर शाही उत्सव समिति की संरक्षक चारूलता पांडेय व उनके बेटों द्वारा तोड़फोड़ मामले में मंगलवार को दुर्ग न्यायालय में सुनवाई हुई। सीजेएम मोहन सिंह कोर्राम ने आरक्षी केन्द्र को तत्काल एफआईआर दर्ज करने के आवेदन को खारिज कर दिया। डॉ. चटर्जी के आवेदन पत्र को परिवाद की भांति आगे की कार्यवाही के लिए स्वीकार किया है। अब इस प्रकरण में 23 मार्च को सुनवाई होगी। जिसमें आवेदक डॉ. दीप चटर्जी की ओर से गवाह और साक्ष्य प्रस्तुत किया जाएगा।

सीजेएम ने अपनी सुनवाई में कहा है कि प्रारंभिक तौर पर आवेदन पत्र में यह उल्लेख नहीं किया गया है कि घटना किस विधान और किस धारा की तरफ आकर्षित होते हैं। सुनवाई के दौरान न्यायाधीश ने कहा कि अनावेदक 21 फरवरी को उसके घर आए थे। घर के गमले को तोडफ़ोड़ कर दिए। आवेदक को मां बहन की अश्लील गालियां दी, जान से मारने, पुत्री पर एसिड फेंक देने और रेप करने की धमकी दी। इन्हीं तथ्यों पर विचार करते हुए न्यायालय 156 (3) के तहत प्रकरण पंजीबद्ध करनेे के लिए निर्देशित नहीं किया जा सकता। यानी न्यायालय के इस टिप्पणी के अनुसार अनावेदक यानी चारूलता के बेटे एवं अन्य साथियों के खिलाफ 156 (3) के तहत अपराध दर्ज कर अन्वेषण करने से संबंधित आवेदन खारिज हो गया।

परिवाद के तहत प्रकरण स्वीकार

न्यायालय ने डॉ. चटर्जी की मांग को नहीं स्वीकार करते हुए निरस्त कर दिया। उनकी आवेदन पर परिवाद की तरह कार्यवाही के लिए प्रकरण को स्वीकार किया है। साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए 23 मार्च की तिथि सुनिश्चित किया है। डॉ. चटर्जी अपने हाथों को कोर्ट के सामने प्रस्तुत करेंगे।

जानिए क्या है मामला

21 फरवरी को सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर डॉ. दीप चटर्जी और चालरूता पांडे के बीच विवाद शुरू हुआ। यह विवाद उनके घर तक पहुंच गया। पांडेय के दोनों बेटों ने अपने दोस्तों और भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ डॉ. चटर्जी के घर के सामने हंगामा किया और तोड़फोड करते हुए गमलों को क्षतिग्रस्त कर दिए थे। स्म्रति नगर चौकी पुलिस ने मामले में न तो प्राथमिकि दर्ज की और न ही कोई कार्यवाही की।

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