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May 2021

भिलाई@CG Prime News. दुर्ग में सराफा व्यापारी के घर में डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस की टीम ने छापा मारा है। मंगलवार सुबह दुर्ग के महावीर कॉलोनी में चेंबर ऑफ कामर्स के प्रदेश उपाध्यक्ष जाने-माने व्यवसायी प्रकाश सांखला के घर पर टीम ने धावा बोला है।

सुबह लगभग 8 बजे सेंट्रल से आए 15-16 अधिकारियों की टीम सराफा कारोबारी से पूछताछ कर रही है। सुरक्षा के लिहाज से घर के बाहर बड़ी संख्या में सुरक्षाबल तैनात किए गए हैं। अचानक पड़े इस रेड के बाद चेंबर ऑफ कॉमर्स से जुड़े व्यापारियों में हड़कंप मच गया है।

प्रकाश सांखला ज्वेलरी और बर्तन का कारोबार करते हैं। मिली जानकारी के अनुसार व्यवसायी के गोदाम और दुकान पर भी टीम जांच करने जाएगी। यह भारत की प्रमुख खुफिया एजेंसी में से एक है। इसकी अध्यक्ष भारत सरकार के विशेष सचिव के स्तर के महानिदेशक द्वारा की जाती है। यह मुख्य रूप से नशीली दवाओं, सोना, हीरे, इलेक्ट्रॉनिक्स, विदेशी मुद्रा, नकली भारतीय मुद्रा की तस्करी को रोकने केलिए कार्य करता है।

– सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो से तूल पकड़ा मामला

सुरजपुर@CG Prime News. सूरजपुर कलेक्टर ने कोरोना संक्रमण का टेस्ट कराने जा रहे युवक को बीच सड़क पर रोककर कोरोना गाइडलाइन ऐसी समझाइश दी कि पद की गरिमा और मानवता को तारतार कर दिया। युवक विनती करते रहा कि साहब कोरोना टेस्ट कराने जा रहा, लेकिन कौन सुना है। पद के नशे में चूर कलेक्टर साहब यह समझकर बैठे कि युवक उनके क्रत्य का वीडियो बना रहा है। फिर क्या उस युवक को अपने पास बुलाया। पहले उसका मोबाइल लेकर जमीन पर पटक दिया। फिर पलटे और युवक की गालपर पूरी ताकत से तमाचा जड़ दिया। जब यह मामला सोशल मीडिया पर आया। प्रदेश के मुखिया ने यह ट्वीट करते हुए कहा कि किसी अधिकारी का शासकीय जीवन में इस तरह का आचरण स्वीकार्य नहीं है। उन्हें सूरजपुर से सचिवालय बुला लिया। युवक को नया मोबाइल भी दिया गया।

जिला सूरजपुर कलेक्टर रणवीर शर्मा शनिवार को अलग ही तेवर में दिखे। वे शहर में पुलिस के साथ लॉकडाउन की गश्त पर निकले थे। रास्ते में उनका सामना एक लड़के से हो गया। उससे पूछताछ की। लड़के का जवाब सुनकर कलेक्टर अपनी गाड़ी में बैठ रहे थे, लेकिन उन्हें कुछ खटका वो लौटे युवक का मोबाइल मांगा और उसे जमीन पर पटका और युवक के गाल पर एक झापड़ जड़ दिया। इसके बाद कलेक्टर ने पुलिसकर्मियों से कहते दिखे कि ये रिकॉर्डिंग कर रहा है, साथ चल रहे सुरक्षाकर्मी और पुलिसवालों की तरफ देखकर बोले- देख रहे हो इसे। साहब का इशारा खाकीधारी समझ गए। जवान ने डंडा लिया और कलेक्टर के सामने खड़े लड़के पर ताबड़तोड़ डंडे बरसाने लगे। जैसे ही डंडा पड़ा तो लड़का चिल्लाकर बोला- साहब कसम ये यह पर्ची देख लीजिए, मैं टेस्ट करवाकर आ रहा हूं। कलेक्टर ये कहकर निकल गए इसपर FIR करवाओ।

कोविड में ड्यूटी लगी है सर छोड़ दीजिए

कलेक्टर सुबह से ही गुस्से में थे। लॉकडाउन की गश्त में मिलने वाले आम लोगों को पुलिस से पिटवा रहे थे, जिस पर दया आ रही थी उसका 500 रुपए का चालान काटने का आदेश दे रहे थे। चेकिंग के दौरान एक बाइक सवार को रोका। उसने अपना आईकार्ड दिखाया, कलेक्टर साहब का दिमाग गरम था कार्ड को दरकिनार कर पुलिस जवान से बोले क्या देख रहे हो लगाओ एक डंडा, हड़बड़ा कर युवक बाइक से उतरा बोला सर..सर मेरी कोविड में ड्यूटी लगी है कर्मचारी हूं। तो दूसरे अफसरों ने उसे जाने दिया।

वीडियो सामने आते ही शुरू हो गया बवाल

अब IAS अफसर रणबीर शर्मा का ये वीडियो सामने आते ही बवाल शुरू हो गया। लोगों ने सोशल मीडिया पर इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि अफसर अपने पद के घमंड में जरूरतमंदों की तकलीफ भूल जाते हैं। तो किसी ने कलेक्टर के इस रवैये को बेहद गैर जिम्मेदाराना बताया। छत्तीसगढ़ के अलावा देश के दूसरे हिससों के लोगों ने भी वीडियो शेयर करते हुए इस घटना पर दुख और गुस्सा जाहिर किया।

जानिए क्या रहा कलेक्टर का जवाब

इस मामले में कलेक्टर रणबीर शर्मा का दावा था कि शनिवार और रविवार को हम जिले में टोटल लॉकडाउन का पालन करवा रहे हैं। मगर कुछ लोग लापरवाही कर रहे हैं। युवक खुद को नाबालिग कह रहा था, कभी दवा लेने, तो कभी टेस्ट करवाने की बात कह रहा था। वीडियो में डंडा मारने वाले हिस्से को ही जानबूझकर वायरल किया जा रहा है। एडिटेड क्लिप है।

– 6 मई से चंदूलाल चंद्राकार मेमोरियल हॉस्पीटल में इलाज चल रहा था। रविवार को सीएम मेडिकल कॉलेज में रेफर किया। सोमवार की सुबह महिला की मौत हो गई

भिलाई@ CG Prime News. छत्तीसगढ़ में लोग कोरोना संक्रमण से दंश झेल ही रहे थे कि अब ब्लैक फंगस अपनी चपेट में लेने लगा है। दुर्ग जिले में इस बार एक महिला मरीज ब्लैक फंगस की चपेट में आ गई, जिससे उसकी मौत हो गई। पूर्व में भिलाई के ही एक युवक की मौत इस बीमारी से हो चुकी है। प्रदेश में ब्लैक फंगस से मौत का आंकड़ा तीन पहुंच गया है। आश्चर्य की बात यह है कि एंटी फंगस इंजेक्शन डॉक्टर उपलब्ध नहीं करा सके। इस इंजेक्शन के अभाव महिला की जान चली गई।

जिला स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक 6 मई को चरोदा निवासी बी लक्ष्मी (61वर्ष) को चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियाल हॉस्पीटल में भर्ती कराया गया। एक आंख में ब्लैक फंगस पूरी तरह से जकड़ लिया। डॉक्टर उपचार करते रहे, लेकिन वह गंभीर होती गई। यह बीमारी दूसरी आंख में पहुंच गई। रविवार को सीएम मेडिकल कॉलेज में रेफर किया गया। सोमवार सुबह उपचार के दौरान मौत हो गई। बता दें कि दुर्ग जिले में अब तक ब्लैक फंगस के 14 मरीजों की पुष्टि हुई है।

करीब 4 लाख रुपए डॉक्टरों ने वसूला

बी लक्ष्मी का छोटा बेटा रेलवे कर्मचारी बी एन राजू ने बताया कि बड़ा भाई अमेरिका में है। मां के साथ रहता था। मां की तबियत बिगड़ी तो उन्हें पहले बीएमवाय रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया। वहां से 23 अप्रैल को उपचार के लिए रायपुर के एक निजी अस्पताल में रेसर किया। डॉक्टरों उस बीच ब्लैक फंगस होने की जानकारी दी। एंटी इंजेक्शन नहीं होने का हवाला देकर रेफर कर दिया। 6 मई को चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल हास्पिटल में भर्ती कराया। यहां के डॉक्टरों ने पहले तो एंटी फंगस इंजेक्शन की उपलब्धता की जानकारी देते हुए भर्ती कर लिया। उपचार चलता रहा। इसके बाद इंजेक्शन नहीं होने की बात करने लगे। पहले तो खुद एंटी इंजेक्शन का पता किया। 16 मई को चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज में मां को भर्ती कराया। 17 मई सुबह डॉक्टरों ने मौत की जानकारी दी।

राज्य स्वास्थ्य विभाग ने दवाइंयों का दावा किया है, लेकिन एंटी इंजेक्शन की अभाव

स्वास्थ्य विभाग ने ब्लैक फंगस को लेकर अहम जानकारी दी है। राज्य में ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीज के 76 प्रकरण सामने आए हैं और उनका इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में इसके इलाज के लिए पर्याप्त दवाईयां हैं। राज्य में ब्लैक फंगस (म्युकरमाइकोसिस) का इलाज सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में होगा। जबकि जिला में गिनती के एंटी फंगस इंजेक्शन सिर्फ सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध कराया जा रहा है।

ब्लैक फंगस का मंहगा है इलाज

7 हजार रुपया एक इंजेक्शन की कीमत है। एक मरीज को 40 इंजेक्शन लगते है। इस तरह 2 लाख 80 हजार रुपए का इंजेक्शन देना होगा। इसके अलावा 500रुपए की एक दवां है, जिसे दिन में तीन बार खाना है। यह जहां तीन माह तक चलती है।

– सत्र न्यायालय ने किम्सी के पति विकास जैन और चाचा अजीत सिंह को मरते दम तक जेल में रहने की सुनाई है सजा

भिलाई. बहुचर्चित अभिषेक मिश्रा हत्याकांड में फैसला आने के बाद सबसे अधिक चर्चा में किम्सी कम्बोज रही। पुलिस ने उसे मुख्य षडयंत्रकारी बताया था पर न्यायालय से वह दोषमुक्त हो गई। अभियोजन उसके खिलाफ साक्ष्य साबित करने में सफल नहीं हुआ। सत्र न्यायालय ने इस मामले में किम्सी के पति विकास जैन और चाचा अजीत सिंह को मरते दम तक जेल में रहने की सजा सुनाई है। इस हाईप्रोफाइल प्रकरण में किम्सी की पैरवी करने वाली अधिवक्ता उमा भारती साहू ने उन बिंदुओं पर रोशनी डाली जिसके कारण किम्सी निर्देष साबित हुई।

अधिवक्ता उमाभारती ने कहा कि न्यायालय ने अपने आदेश मे यह स्पष्ट किया है कि यह प्रकरण परिस्थिति जन्य साक्ष्य पर आधारित है और बिन्दुवार 12 परिस्थितियों को रेखांकित किया है। इन 12 बिन्दुओं पर 34 साक्षियों का साक्ष्य अभियोजन ने न्यायालय मे प्रस्तुत किया था। जिसमें किम्सी जैन के विरूद्ध कोई भी साक्ष्य प्रमाणित नहीं हुआ।

कॉल डेटा रिकार्ड पर आधारित थी पुलिस की जांच

अधिवक्ता ने बताया कि पूरा केस सीडीआर (कॉल डेटा रिकार्ड) पर आधारित था। किम्सी जैन की अधिवक्ता के रुप मे मैंने इसी को ध्यान मे रखा और इसे ही अपने बचाव की पहली कड़ी बनाई। किसी भी मोबाइल का सीडीआर (कॉल डेटा रिकार्ड) यह बताता है कि उक्त मोबाइल नंबर से कितनी बार और किस-किस नम्बर पर फोन किया है, लेकिन व्यक्तियों के मध्य क्या बातचीत हुई यह नहीं बताता है। किम्सी जैन और अभिषेक मिश्रा के मध्य घटना दिनांक व उसके पूर्व हुई बातचीत टेनिस टूर्नामेंट लीग के स्पांशरशिप ढूंढने के लिए होती थी। जिससे संबंधित 26 पृष्ठ के मेल जो किम्सी द्वारा अन्य लोगों व कंपनियों को एवं अभिषेक मिश्रा के द्वारा किम्सी को भेजा गया था, उसे मैंने बचाव साक्ष्य के रुप में प्रस्तुत किया था। जिसे न्यायालय ने प्रमुखता से लेते हुए किम्सी के खिलाफ आरोपो एवं षडय़ंत्र को निराधार माना है।

एक स्थान नहीं मिला था किम्सी और अभिषेका टॉवर लोकेशन

अधिवक्ता उमा भारती ने कहा कि किम्सी की ओर से मेरे द्वारा अभियोजन साक्षी आईडिया कंपनी के नोडल अधिकारी पंकज रमैया सेे विस्तृत जिरह के बाद यह प्रमाण्ति हुआ कि घटना दिनांक को किम्सी जैन व मृतक अभिषेक मिश्रा का टावर लोकेशन भिन्न था। एक साथ एक जगह कभी भी नहीं था। न्यायालय ने इस बचाव को भी स्वीकार किया।

28 दिन पहले आपरेशन से हुआ था प्रसव, नहीं कर सकती थी हत्या का षणयंत्र

किम्सी के खिलाफ सीडीआर के अलावा अभियोजन ने कोई भी साक्ष्य पेश नहीं किया। उन्होंने बताया कि मैंने धनवंतरी हॉस्पीटल का डिस्चार्ज कार्ड प्रस्तुत किया, जिसके अनुसार 9 नवंबर 2015 के 28 दिन पहले ही किम्सी का शल्य क्रिया से प्रसव हुआ था। ऑपरेशन के 28 दिन बाद किम्सी की शारिरीक व मानसिक स्थिति ऐसी नहीं हो सकती कि किसी की हत्या का षडयंत्र एवं हत्या मे शामिल हो सके। इस बचाव को भी न्यायालय द्वारा स्वीकार किया गया।

घटना के दिन बीमार बच्चे को दिखाने डॉक्टर के पास गई थी किम्सी

अधिवक्ता उमाभारती ने बताया कि न्यायालय में किम्सी के बचाव में 9 नवंबर 2015 के डॉ कोठारी के हॉस्पीटल की पर्ची प्रस्तुत की थी। जिसके अनुसार उक्त दिनांक को किम्सी का बच्चा बीमार था और उसे इलाज के लिए अस्पताल ले गए थे। जिसके सबंध में विकास और किम्सी के मध्य मोबाइल में कई बार बात की थी। किम्सी और विकास पति-पत्नी हैं, जिसे अभियोजन ने अभिषेक मिश्रा की हत्या का षडय़ंत्र साबित करने की पुरजोर कोशिश की, लेकिन चिकित्सीय दस्तावेजों के कारण वे असफल रहे। इस प्रकरण मे किम्सी जैन का कोई मेमोरेंडम अर्थात् पूछताछ पुलिस द्वारा नहीं की गई। उन्होंने बताया कि किम्सी 4 मई को कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। जेल से रिहाई के बाद वह होम क्वारंटाइन में है।

– चंदूलाल चन्द्राकर कोविड केअर हॉस्पिटल में थीं एडमिट, आज हुई रिचार्ज

दुर्ग@ CG Prime News. कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में युवाओं को भी अपने चपेट में लिया। बड़ी संख्या में युवा भी गंभीर संक्रमण का शिकार हो रहे हैं, लेकिन अच्छी बात यह है कि अच्छे इलाज की वजह से इस संक्रमण के दायरे से बाहर भी आ रहे हैं। चंदूलाल चंद्राकर कोविड केयर हॉस्पिटल में ऐसा ही जूली के साथ भी हुआ। 21 वर्षीय जूली कोरोना संक्रमण का शिकार हुई।

जूली को चंदूलाल चंद्राकर केयर हॉस्पिटल में लाया गया। उस समय उसका ऑक्सीजन लेवल 70 था। 28 दिन के इलाज के पश्चात जूली डिस्चार्ज हुई और अब जूली का ऑक्सीजन लेवल 95 है। कोविड केयर हॉस्पिटल के मेडिकल ऑफिसर डॉ. अनिल शुक्ला ने बताया कि जब जूली का एडमिशन हुआ। उस समय उसकी स्थिति गंभीर थी डॉक्टरों द्वारा जरूरी मेडिसिन प्लान किए गए, धीरे-धीरे राहत मिलती गई और अब जूली पूरी तरह से संक्रमण से बाहर है और स्वस्थ है। उन्हें पोस्ट कोविड केयर एक्सरसाइज के बारे में बताया गया है।

अच्छा है हॉस्पीटल का स्टाफ

जूली के पिता ने बताया कि हमें उम्मीद से भी अधिक अच्छा इलाज और इतना अच्छा केयर यहां मिल पाया। यहां का हॉस्पिटल स्टाफ बहुत सहयोगी है। डॉक्टर्स दो से तीन बार राउंड लगाते हैं और मरीज के पैरामीटर पर पूरी तरह से नजर रखते हैं। यहां अस्पताल का अनुभव बहुत अच्छा है। खाने पीने की व्यवस्था भी बहुत अच्छी है।

25 बेड का आईसीयू शुरू

चंदूलाल चंद्राकर कोविड केयर हॉस्पिटल में 25 बेड का आईसीयू भी शुरू हो गया है। यहां सभी बेड में वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध है तथा आईसीयू केयर स्टाफ 24 घंटे के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ उपलब्ध है। इसके चलते अब बेहद क्रिटिकल मरीजों को शंकराचार्य हॉस्पिटल में शिफ्ट करने की आवश्यकता नहीं रह गई है। उल्लेखनीय है कि कोविड संक्रमण की स्थिति को देखते हुए हॉस्पिटल में तेजी से ऑक्सीजन बेड एवं अतिरिक्त हॉस्पिटल मैनेजमेंट स्टाफ का इंतजाम किया गया। इससे मरीजों की रिकवरी काफी तेज हुई है और बहुत से गंभीर मरीज बेहतर हालात में रिकवर होकर घर लौट गए है।

– कोरोना संकट में जीवन रक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने से बाज नहीं आ रहे बदमाश

भिलाई@ CG Prime News. कोरोना संकट काल में जीवन रक्षक रेमडेसिविर इंजेक्शन ( Remdesivir Injection ) की कालाबाजारी करने से लोग पीछे नहीं हट रहे है। भिलाई में ड्रग इंस्पेक्टर की छापेमार कार्रवाई में एक युवक पुलिस की गिरफ्त में तो आ गया, लेकिन दूसरा फरार मुख्य सरगना जावेद खान भागने में कामयाब हो गया। पुलिस उसकी तलाश कर रही है। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3, 7 के तहत जुर्म दर्ज कर कोर्ट में पेश किया। जहां से सलमान को जेल भेजा गया।

गुरुवार को खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के निरीक्षक बृजराज सिंह और ईश्वरी नारायण सिंह को रेमडेसिविर इंजेक्शन की तस्करी करने की सूचना मिली। उन्होंने छावनी पुलिस की मदद ली। ग्राहक बनकर कालाबाजारी करने वाले मुख्य आरोपी नया तालाब जामुल निवासी जावेद खान पिता अनवर खान (25 वर्ष) और सलमान अली पिता करामत अली (28 वर्ष) से बात की। 21 हजार 600 रुपए में 6 नग इंजेक्शन का सौदा हुआ। बसंत टॉकिज के पास जावेद ने मिलने बुलाया। टीम मौके पर पहुंच गई। जहां सलमान अली 6 इंजेक्शन और 6 ऑक्सीगेन मास्क लेकर मिला। टीम ने उसे मौके पर पकड़ लिया गया। दूर खड़ा जावेद खान टीम को देखकर भाग खड़ा हुआ।

निजी अस्पताल में कार्यरत एक महिला का नाम
पुलिस सूत्रों ने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले आरोपी जावेद खान की राजनैतिक पकड़ अच्छी है। मामले से उसका नाम हटाने के लिए काफी दबाव बनाया गया। यह भी सूचना मिली है कि इस मामले में स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी एक महिला भी संलिप्त है। आरोपी जावेद की गिरफ्तारी के बाद पर्दा उठेगा। वहीं स्वास्थ्य विभाग की महिला कर्मचारी का नाम आने के बाद विभाग भी सकते है। लेकिन औषधि विभाग का कहना है कि उनकी कार्रवाई से कोई बचेगा नहीं।

मुख्य सरगना आरोपी फरार
औषधि निरीक्षक बृजराज सिंह ने बताया कि मामले में प्रतिवेदन थाना को सौप दिया था। पुलिस ने आरोपी जावेद खान और सलमान अली के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। इस मामले का मुख्य सरगना जावेद खान अभी फरार है। उसकी तलाश की जा रही है। जब जावेद पकडाएंगा तब इस मामले में जिनकी और भी संलिप्त होगी। उसका खुलासा होगा।

आवश्यक अधिनियम के तहत जुर्म दर्ज

सीएसपी छावनी विश्वास चंद्राकर ने बताया कि आरोपी सलमान अली और जावेद के खिलाफ धारा 3,7 ईसीएक्ट के तहत जुर्म दर्ज किया है। सलमान को न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया। वहीं मुख्य आरोपी जावेद की तलाश की जा रही है।

भिलाई@CG Prime News. चिखली एसआर हॉस्पीटल में नर्सिंग-डे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बैंडबाजा के साथ नर्सों को देवदूत मानकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम में आईसीयू इंचार्ज डॉ. अर्चना मेथाई, हॉस्पिटल के चेयरमैन संजय तिवारी, डॉयरेक्टर कैलाश सोनी और डॉ. अश्वनी शुक्ला उपस्थित थे।

कार्यक्रम के दौरान डॉ. अर्चना ने नर्सों का हौसला बढाया। हमेशा कार्य के प्रति इमानदारी और मरीजो के प्रति लगन से कार्य करने की सलाह दी। हॉस्पिटल के चेयरमैन संजय तिवारी ने कहा कि नर्स ही मानव जीवन को बचाने के लिए देवदूत का रूप ले कर मरीजों की देखभाल कर उनकी रक्षा करने के लिए हमेशा तत्पर रही है। अपने कार्य को ही श्रेष्ठ कार्य मानकर आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा अपने व्यवहार से सब कुछ जीता जा सकता है, जिसके माध्यम से समस्त परिस्थितियों में मरीज के विशेष देखभाल के साथ मरीजो का ईलाज सुचारू रूप से चलता रहे। हॉस्पिटल के डॉयरेक्टर कैलाश सोनी ने बताया कि समस्त स्टाफ नर्स मरीजो के साथ रह कर अपने सरल स्वभाव से मरीजो की सुरक्षा में विशेष योगदान दिया है, जिन्होंने निडर होकर इस जानलेवा कोविड महामारी को हराने के लिए अपना योगदान दिया।

कार्यक्रम में यह रहे उपस्थित

कार्यक्रम में हरि, आभा , पार्वती, आईरिस, निधि, लवली, सिमरन, रोशनी, शालीन, किशोर, इंदु, ममता, ग्वालिन, निशा, पूजा, आलोक, विभा, प्रिया, रितिका, संतोषी, समीक्षा, आकांक्षा,श्रद्धा, टीनू, दिलेश्वरी, विणा, सुचिता,चन्द्रकली,रीना, प्रतिमा, प्रेरणा, बादल, प्रियंका, विकास, प्रीति मिश्रा, तारा पटेल, विजय बघेल, अफसार निशा व अन्य उपस्थित रहे।

– पंडित जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र सेक्टर-9 में 6 दिनों से चल रहा था इलाज। कोरोना से उबरने के बाद ब्लैक फंगस से पीड़ित था।

भिलाई@CG Prime News. छत्तीसगढ़ में कोरोना संकट से अभी उबर नहीं सका।इधर ब्लैक फंगस वायरस ने कहरबरपाने लगा। ब्लैक फंगस यानी म्यूकरमाइकोसिस के 4 मरीजों की पुष्टि हुई है। इनमें 3 अंबेडकर अस्पताल व एक भिलाई का केस हैं। इस बीमारी से प्रदेश में पहली मौत हुई है। भिलाई के सेक्टर-1 निवासी श्रीनिवास राव (35) कोरोना से रिकवर होने के बाद ब्लैक फंगस की चपेट में आ गए थे। 6 दिन से सेक्टर-9 हॉस्पीटल में इलाज चला रहा था। स्थिति गंभीर होने के बाद उन्हें रायपुर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका उपचार चल रहा था। इस बीच दमतोड़ दिया। बता दें सेक्टर-9 हॉस्पीटल में 10 मरीजों का इलाज जारी है। 2 मरीजों को रायपुर रेफर किया गया है। दुर्ग सीएमएचओ ने सभी निजी अस्पतालों को अलर्ट किया।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश में ब्लैक फंगस के संक्रमण को गंभीरता से लेते हुए सभी जिलों में ब्लैक फंगस के इलाज के लिए जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा है। सीएम के निर्देश के बाद ड्रग विभाग ने सीएंडएफ, होलसेलर व रिटेलर दवा कारोबारियों को रोजाना एंफोटेरेसिन-बी और पोसाकोनाजोल का रोजाना का स्टॉक मांग लिया है। बता दें एसे मरीजों की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेशभर के ऐसे मरीजों का इलाज अंबेडकर अस्पताल में करने का निर्णय लिया है। इधर एम्स में ब्लैक फंगस के लक्षण वाले 15 मरीज भर्ती हैं, जिनकी पुष्टि एम्स डायरेक्टर डॉ. नितिन एम नागरकर ने की है। उन्होंने बताया कि सभी मरीजों का इलाज चल रहा है।

जानिए कैसे फैलता है ब्लैक फंगस

डॉक्टरों ने बताया कि यह पोस्ट कोविड बीमारी उन मरीजों में हो रही है, जो डायबिटीज या जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है। फंगस नाक के पास की नसों से शुरू होकर आंखों तक जाता है। इस वजह से आंखों के आस- पास सूजन आती है। ऐसी स्थिति आने पर तुरंत डाक्टर के पास जाना चाहिए। सही समय पर इलाज होने से आंखों को हर तरह के नुकसान से बचाया जा सकता है, लेकिन डॉक्टर के पास जाने में देरी बिलकुल भी नहीं होनी चाहिए।

एमएसडब्ल्यू के छात्र ने युवती को शादी का प्रलोभन देकर दो साल से लगातार शारीरिक संबंध बनाता रहा। जब वह गर्भवती हुई तो शादी से इनकार कर दिया। इसके बाद घर से फरार हो गया। पुलिस उसे महासमुंद से गिरफ्तार कर लाई। अब आरोपी को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया।

दुर्ग@CG Prime News. एमएसडब्ल्यू की पढ़ाई के बीच कॉलेज में युवक और युवती की दोस्ती हुई। युवक बातचीत के दौरान युवती को अपने प्रेम जाल में फसा लिया। उसे बड़े- बड़े सपने दिखाकर शादी करने का झांसा दिया। करीब 2 साल से युवती के साथ शारीरिक संबंध बनाता रहा। इस बीच युवती गर्भवती हो गई। तब आरोपी हितेश साहू ने शादी करने से इनकार कर दिया। परेशान युवती थाना का दरवाजा खटखटाई। पुलिस ने आरोपी हितेश को बलात्कार के मामले में गिरफ्तार कर कार्रवाई की। न्यायिक रिमांड पर भेजा गया।

पद्मनाभपुर चौकी प्रभारी युवराज देशमुख ने बताया कि बलात्कार के मामले में फरार आरोपी ग्राम धनोरा सरोजनी नगर निवासी हितेश साहू (27 वर्ष) को महासमुंद से गिरफ्तार किया। आरोपी एमएसडब्ल्यू की पढ़ाई के दौरान युवती से दोस्ती किया। उसने शादी का प्रलोभन देकर दोस्ती को शर्मसार करते हुए उसके साथ बलात्कार किया। जब उसके पेट में 2 माह का गर्भ ठहर गया। उससे शादी से इनकार कर दिया। पीडि़ता ने शिकायत पुलिस में की। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धारा 376 (2)(ढ) के तहत जुर्म दर्ज किया।

पुलिस में शिकायत की जानकारी मिली हो गया फरार
पुलिस ने बताया कि 9 मई 2021 को 27 वर्षीय पीड़िता ने शिकायत की। वह एमएसडब्ल्यू की पढ़ाई कर रही थी। आरोपी हितेश भी उसी के साथ पढ़ता था। इस वजह से जान पहचान हुई। दोनों की दोस्ती हो गई। हितेश ने उसके साथ बातचीत करते हुए अपने झांसे में ले लिया। 20 अप्रेल 2019 शाम 4 बजे उसके साथ बलात्कार किया। शादी की झुठा आश्वासन देकर हितेश फिर उसके साथ लगातार शारीरिक संबंध बनाते रहा।

गर्भपात कराने युवती पर बनाया दबाव

पुलिस ने बताया कि आरोपी हितेश के जब पचा चला कि युवती के पेट में 2 माह का बच्चा ठहर गया। तब हितेश उसका गर्भपात कराने दबाव बनाने लगा। लेकिन युवती ने मना करते हुए उससे शादी करने जोर देने लगी। हितेश शादी से इनकार कर दिया। युवती परेशान होकर चौकी पहुंची और आरोपी के खिलाफ रिपोर्ट की। इसकी भनक लगते ही आरोपी घर से फरार हो गया।

महासमुंद पुलिस की मदद से आरोपी को पकड़वाया

पुलिस ने बताया कि आरोपी हितेश साहू के पिता सदानंद साहू बालोद में आदिम जाति कल्याण विभाग में बाबू है। युवती के पिता की मौत हो चुकी है। आरोपी युवती के मजबूरी का फायदा उठ कर पहले तो उसका सहारा बनने का दिलाशा दिया। फिर शादी का प्रलोभन देकर उसके आबरु से खेलते रहा। जब गर्भ से हो गई तो उसे छोड़कर फरार हो गया। युवती ने हितेश को खोज निकाली। पुलिस को बताया कि हितेश महासमुंद में है। पद्मनाभपुर चौकी पुलिस ने महासमुंद कोतवाली पुलिस की मदद से आरोपी को गिरफ्तार कर दुर्ग लाई।

– महिला के शरीर पर कई जगह चोट के निशान

भिलाई. तेज हवा और बारिश के बीच कुम्हारी की एक आरामिल के सर्वेंट क्वाटर में अकेली रहने वाली एक महिला के साथ बलात्कार के बाद दरिंदों ने उसकी हत्या कर दी. महिला बिस्तर पर पूरी नग्न अवस्था में पड़ी हुई थी. उसके गला और पूरे शरीर पर निशान मिले है. इस घटना से क्षेत्र में सनसनी फैल गई. मौका-ए-वारदात की तफ़तीश में पुलिस जुट गई. पुलिस प्रथमद्रष्टिया में बलात्कार के बाद हत्या की संदेह में है. पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट होगा.

कुम्हारी थाना पुलिस ने बताया कि सोमवार की दोपहर सूचना मिली. श्री महावीर सॉ मील के सर्वेंट क्वार्टर में लेबर महिला की नग्न अवस्था में लाश पड़ी है. मृतका के शरीर में कई चोट के निशान है. महिला कालाहांडी ओडिशा की रहने वाली संजू माझी (42 वर्ष) आरामिल में मजदूरी करती थी. दरिंदो ने दरवाजा की कुंडी को तोड़ कर घर के अंदर घुसे है. उसके साथ ज्यादती कर हवस की प्यास बुझाई. गले में मिले निशान से संदेह है कि गला दबाकर उसकी हत्या की होगी. उसे बेड पर ही नग्न अवस्था में छोड़कर फरार हो गए. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मामले का खुलासा होगा. फिलहाल मामले में जांच की जा रही है.

पति और बच्चे पुणे में करते है काम
करीब 25 दिन पहले ही महिला ओड़िशा से यहां आई थी. पूर्व में इसी आरामिल में काम करती थी. उसने घर में बहुत सारा सामान इकट्ठा कर लिया था. इस बीच मृतका के पति और बच्चे पुणे में काम करने चले गए थे. एक दो सप्ताह में वापस आने वाले थे. लॉकडाउन की वजह से नहीं आ पाए.

पोस्टॉर्टम रिपोर्ट से होगा खुलासा
छावनी सीएसपी विश्वास चंद्राकार ने बताया कि मजदूर महिला की आरामिल के सर्वेंट क्वाटर में बिस्तर पर नग्न अवस्था में शव मिला है. शरीर पर चोट के निशान मिले है. प्रथमद्रष्टिया बलात्कार कर हत्या की आशंका है. मौके से साक्ष्य इकट्ठा किया गया है. एफएसएल टीम और डॉग स्कॉट मौके पर पहुंचे. फिलहाल मामले की जांच की जा रही है.

भिलाई@CG Prime News. छत्तीसगढ़ के भिलाई में हुए हाई प्रोफाइल अभिषेक मिश्रा हत्याकांड पर कोर्ट का फैसला आ गया है। यह फैसला ऑनलाइन सुनाया गया। लोक अभियोजक बालमुकुंद चंद्राकार ने बताया कि हत्याकांड में शामिल किम्सी जैन को बरी कर दिया गया है। जज ने किम्सी को लेकर कहा कि परिस्थितिजन्य प्रकरण है और किम्सी के खिलाफ परिस्थितियां प्रमाणित नहीं हुई हैं। आरोपी विकास जैन और अजीत सिंह को जीवन की मरते दम तक आजीवन कारावास की सजा सुनायी गई है। दोनों आरोपियों पर अर्थदंड भी लगाया गया है। सत्र न्यायाधीश राजेश श्रीवास्तव ऑनलाइन यह फैसला सुनाया है।

नवंबर 2015 में अभिषेक मिश्रा की हत्या कर दी गई थी। 10 नवंबर 2015 की शाम शंकराचार्य इंजीनियरिंग कालेज के चेयरमैन IP मिश्रा के इकलौते बेटे अभिषेक मिश्रा का अपहरण हुआ था। किडनैपिंग की खबर ने तब पूरे प्रदेश में खलबली मचा दी थी। पुलिस ने भी इसे सुलझाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था। यही वजह थी कि पूरे देश के करीब एक करोड़ मोबाइल फोन की डिटेल खंगालने के बाद पुलिस की निगाह भिलाई में रहने वाले सेक्टर-10 निवासी विकास जैन के ऊपर टिक गई थी।

करीब 45 दिन बाद मिली थी लाश

एक तरफ पुलिस कॉल डिटेल को आधार बनाकर जांच शुरू कर चुकी थी, वहीं दूसरी ओर किडनैपिग की घटना के करीब 45 दिन बाद आरोपी विकास जैन के चाचा अजीत जैन के स्मृति नगर निवास के बगीचे में अभिषेक की सड़ी-गली लाश बरामद हुई। आरोपियों ने बेहद ही शातिराना अंदाज में लाश को दफना कर ऊपर फूल गोभी की सब्जियां उगा दी थी। पुलिस ने लाश के पास हाथ का कड़ा, अंगूठी और लाॅकेट देखकर अभिषेक की लाश होने की पुष्टि की थी। लाश का DNA टेस्ट भी कराया गया था।

5 वर्ष तक दुर्ग न्यायालय में चला मामला

मामले में अभिषेक के काॅलेज में पढ़ाने वाली प्रोफेसर किम्सी जैन, उसके पति विकास जैन और उसके चाचा अजीत को गिरफ्तार किया गया था। तीनों की गिरफ्तारी के बाद लगातार इस मामले की जांच की गई और जांच पूरी होने के बाद दुर्ग न्यायालय में चार्जशीट पेश की गई। करीब 5 साल (2016) से ये मामला दुर्ग जिला न्यायालय में चल रहा था।

– नोवा नेचर के सदस्य अजय कुमार ने बड़ी सतर्कता से पकड़ा

भिलाई@CG Prime News. कोहका साकेत नगर में रहने वाले नामदेव नारखेड़े के घर में एक अनहोनी घटना होते होते बची गई. आधी रात में उनकी बेटी प्रीति पाटील और नाती पीयूष के रूम से आवाज आई. पलंग पर मच्छरदानी के अंदर सांप है. यह सुनकर पूरे परिवार में हड़कंप मत गया. नोवा नेचर संस्था के सदस्य मौके पर पहुंचे और रेस्क्यू कर जहरीला सांप को पकड़ा गया.

नामदेव नारखेड़े की बेटी प्रीति पाटील ने बताया कि जब वे नींद में थी तो उन्हें लगा की बच्चे ने गुब्बारा फुला कर रखा है, जिसमें से हवा निकल रही है. थोड़ी देर में सुरसुराने की आवाज आई. नींद में ही उस और हाथ बढ़ाकर गुब्बारे को पकड़ने की कोशिश की ताकि गुब्बारे की हवा बंद कर सके. जब उन्होंने गुब्बारे सोच सांप को पकड़ा तो गुदगुदाहट लगी. नींद खूली देखें तो उन्हें अपने हाथ में सांप दिखा. उन्हें देखते ही सांप जोरो से फुफकारने लगा. पलंग में मच्छरदानी लगी हुई थी. लेकिन यहां तो मच्छरदानी के अंदर सांप घुस आया.

प्रीति की सूझबूझ से बची जान

प्रीति पाटील ने सबसे पहले अपने बेटे को नींद में अपनी ओर खींचते हुए कोने में पलंग पर बैठ गए. सांप पलंग पर मच्छरदानी के अंदर किस और तेजी से गया वह दिखाई नहीं दिया, लेकिन वह मच्छरदानी के अंदर ही था. प्रीती पाटील ने अपने पापा को आवाज लगाई और सांप पकड़ने वाले को बुलाने को कहा रात के 2:45 बजे अपने भतीजे संदीप नारखेड़े को फोन कर सूचना दी. कोई पहचान में हो जो सांप पकड़ सके.

आधी रात को सूचना मिलने पर 15 मिनट में पहुंचे नोवा नेचर के सदस्य

संदीप ने नोवा नेचर के सक्रिय सदस्य अजय कुमार को फोन लगाया. अजय आधी रात को 15 मिनट के अंदर रेस्क्यू की जगह पहुंच गए. प्रीति पाटील और पीयूष को मच्छरदानी के अंदर से बाहर निकाला. फिर अजय ने मच्छरदानी को हिलाया और पलंग में पड़े गद्दे को पलट के देखा, लेकिन सांप दिखाई नहीं दिया. अच्छी तरह मच्छरदानी को देखने के बाद गद्दे में दबे मच्छरदानी के भाग में सांप छुपा था. उसे पकड़कर बाहर निकाला. तब जाकर प्रीति और बच्चे की जान बची.

रसैल वाइपर बहुत ही जहरीला सांप है

अजय ने बताया यह सांप रसैल वाइपर है, जो अत्यधिक विषैला होता है. यह सांप गर्मी के मौसम में नहीं निकलता. ज्यादातर ठंडी के मौसम में निकलता है. इस मौसम में यह सांप देख कर थोड़ा अचंभा लगा. मच्छरदानी के अंदर से रसैल वाईपर का सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू किया गया, लेकिन जब सांप के घर के अंदर घुसने का रास्ता देखा गया तो कुछ समझ नहीं आया. सांप आया कहां से है जब घर के पीछे खुले प्लॉट की तरफ देखा गया तो वहां घने घने झाड़ियां दिखी. जहां से आने की पूरी आशंका हुई. सांप का रेस्क्यू करने के बाद नोवा नेचर के सदस्य अजय कुमार ने वनविभाग दुर्ग के माध्यम से राजनांदगांव के जंगल में रसैल वाईपर को सुरक्षित छोड़ा दिया.

रसेैल वाईपर को हिंदी में घोड़स और छत्तीसगढ़ी भाषा में जुड़ामहामंडल कहते है
अजय ने बताया कि रसैल वाईपर जिसे हिंदी में घोड़स और छत्तीसगढ़ी भाषा में जुड़ामहामंडल के नाम से जानते हैं. इस सांप का सिर अंग्रेजी अक्षर के वी आकार का दिखाई देता है. बड़े नथुने, भुरि या पीली पीठ जिस पर स्पष्ट काले अंडाकार आकार में धब्बे होते हैं. इस सांप को छेड़ने पर प्रेशर कुकर की तरह बहुत जोर से फुंफकारता है. जब कोई चारा नहीं बचता तब ही काटता है. सांप निशाचर, खुले घास के मैदानों, पथरीली पहाड़ियों, घने कांटेदार बाड़ो के निकट रहता है.

हिमोटॉक्सिक जहर से खून की नलियों को कर देता है पंचर

अजय ने बताया कि इसमें हिमोटॉक्सिक जहर होता है, जिसके काटने से खून की नलियां जगह-जगह पंक्चर हो जाती है. सबसे पहले इसका असर नाजुक अंगों किडनी, दिल, व फेफड़े की खून की नलियों पर पड़ता है. समय रहते अगर नजदीक के अस्पताल में जहां एंटी वेनम की व्यवस्था हो वहां इलाज करा जाए तो सर्पदंश में बचा जा सकता है. ऐसी परेशानी में नोवा नेचर रेस्क्यू नंबर अजय कुमार 9753807733, एम सूरज 9993454757, मोईज़ अहमद 9303345640 के मोबाइल नम्बर पर संपर्क कर सकते है.

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