रायपुर@CGPrimeNews. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आम आदमी पार्टी की नेता सोनी सोरी को नोटिस जारी किया है। एनआईए एसपी अमित ने जारी नोटिस में 25 सिंतबर को जगदलपुर स्थित एनआईए दफ्तर में उपस्थिति दर्ज कराने कहा गया है। एनआईए दंतेवाडा़ के तात्कालीन भीमा मंडावी मामले में पूछताछ करना चाहती है। दंतेवाड़ा एसपी अभिषेक पल्लव ने बताया कि एनआईए की ओर से 22 सितंबर को नोटिस आया था। इसकी तामिली गीदम थाने से सोनी सोरी को कर दी गई है। साथ ही बताया गया है कि 25 सिंतबर की सुबह करीब 11 बजे एनआईए जगदलपुर स्थित दफ्तर में उपस्थिति दर्ज कराने कहा गया है। गौरतलब है कि दंतेवाड़ा के पूर्व विधायक भीमा मंडावी की 9 अप्रैल 2019 को हत्या कर दी गयी थी। वे लोकसभा चुनाव के लिए अपने क्षेत्र मे प्रचार पर निकले थे। इसी दौरान आइईडी विस्फोट कर उनकी वाहन को उड़ा दिया गया था। इस मामले में एनआईए ने जांच के दौरान तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
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जगदलपुर. दरभा थाना क्षेत्र के कुटुमसर इलाके में बुधवार की सुबह खेतों के पास स्थित पेड़ की डंगाल पर एक नाबालिग की लटकती लाश मिलनेे पर सनसनी फैल गई। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को नीचे उतारा और मामला पंजीबद्ध कर जांच में जुट गई है।
दरभा थाना प्रभारी लालजी सिन्हा ने बताया कि ग्राम पंचायत कुटुमसर चमरूपारा निवासी एक छात्रा सोमवार की सुबह अपने घर से कक्षा 11 वीं का फार्म भरने की बात कहकर निकली थी। देर शाम तक जब छात्रा वापस घर नही पहुंची तो परिजनों ने उसके मोबाईल में कॉल करना शुरू किया। फोन बंद आया। जिसके बाद छात्रा को ढूंढना शुरू किया तो बुधवार की सुबह खेत के करीब उसकी पेड़ पर फंदे से झूलती लाश मिली। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
जगदलपुर@CgPrimeNews. राज्य सरकार पूर्व सीपीएस स्व.देवनारायण पटेल के आत्महत्या प्रकरण को फिर से खोलने जा रही है. पटेल के परिजनों की नए सिरे से जांच की मांग के बाद इस मामले से जुड़ी फाइल तलब की गई है. यदि ऐसा हुआ तो तत्कालीन अतिरिक्त जिला और सेशन जज (फास्ट ट्रैक अदालत) एनेस्टस टोप्पो की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. आश्चर्य कि छह साल गुजरने के बाद भी इस मामले में पीड़ित परिवार को न्याय नही मिल सका है.
यह मामला 2014 का है जब जगदलपुर एसपी रहे, सीपीएस देवनारायण पटेल ने अपने दो बच्चों और पत्नी को गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी. इस हादसे में पति-पत्नी की मौत हो गई थी लेकिन छह साल के बेटे आर्यन और ग्यारह साल की बेटी पूनम गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस हादसे के बाद राज्य सरकार ने इसकी मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए थे. पटेल के आवास से एक सुसाइड नोट बरामद किया गया था जिसमें निलंबन से हताशा जताई गई थी.
सीपीएस पटेल ने चिट्ठी में लिखा था, मैं हमेशा राज्य और अपने विभाग के प्रति प्रतिबद्ध रहा लेकिन एक पियक्कड़ के झूठे दावों की बुनियाद पर ठीक तरह से जांच किए बगैर मुझे बेइज्जत और निलंबित कर दिया गया. मुझे अपनी बात भी नहीं कहने दी गई. लिहाजा निराश होकर मैं अब पूरे परिवार के साथ जा रहा हूं.
इधर हादसे के बाद पुलिस महकमे में हड़कम्प मच गया था और सीपीएस का एक धड़ा न्याय की मांग कर रहा था. उसके बाद छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने जगदलपुर के एसपी देवनारायण पटेल की आत्महत्या के बाद अतिरिक्त जिला और सेशन जज (फास्ट ट्रैक अदालत) एनेस्टस टोप्पो के काम और आचरण की जांच के आदेश दिए थे. कहा जा रहा है कि टोप्पो की तनातनी की वजह से ही पटेल ने परिवार समेत आत्महत्या कर ली थी.
तत्कालीन रजिस्ट्रार जनरल अशोक पंडा ने जारी निर्देश में कहा था कि छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस यतींद्र सिंह ने टोप्पो के काम और आचरण की जांच के आदेश दिए थे जिसके तहत एक रजिस्ट्रार को जगदलपुर में बस्तर जिला अदालत पहुंचकर टोप्पो के काम और आचरण की जांच करने के निर्देश दिए थे. गौरतलब है कि पटेल और जज टोप्पो के बीच तनातनी हुई थी. इसके बाद एसपी पटेल को निलंबित कर दिया गया था. इस आदेश से परेशान पटेल ने रात को अपने सरकारी आवास में अपनी पत्नी प्रतिमा और दो बच्चों को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. एक बच्चा बच गया था जो फिलहाल रिश्तेदारों के साथ रह रहा है. रिश्तेदारों ने अब पुन: मामले की जांच होने और न्याय दिलाने की बात कही है.
उस दौरान विपक्षी कांग्रेस ने यह मुददा उठाया था और निष्पक्ष जांच की माग की थी लेकिन ऐसा नही हो सका था. अब जबकि राज्य में कांग्रेस की सरकार है तो बस्तर जिला के नेताओं ने इसकी जांच पुन: करने का आग्रह किया है.

जगदलपुर@cgprimenews. पिछले कुद दिनों से लगातार हो रही बारिश के बाद बस्तर संभाग के बीजापुर जिले की मिंघाचल नदी उफान पर हैं। इसकी वजह से इलाके करीब एक दर्जन गांव में बाढ़ जैसे हालात है। यहां लोग पेड़ में चढ़कर अपनी जिंदगी बचाने को मजबूर हैं। ऐसे ही सूचना पर एसडीआरएफ की टीम तीन गांव तुमला, छोटे तुमनार, झाड़ीगुट्टा के ६६ लोगों के रेस्क्यू करने बीजापुर पहुंची। यहांं जवान १५ किमी दूर मोटरबोट लेकर पहुंचे और यहां फंसे सभी ६६ लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। इसके लिए करीब उन्हें लागातार२४ घंटे काम करना पड़ा।
एसडीआरएफ की टीम के मुताबिक नगर सेना को कलेक्टर बस्तर से अनुमति प्राप्त करने के बाद इस विभाग के 32 आपदा की टीम तीन मोटर बोट व आवश्यक उपकरणों के साथ जिला बीजापुर रवाना हुई। यहां के मिंगाचल नदी में बाढ़ से घिरे हुए सीआरपीएफ के 15 जवानों, तुमला में 07, छोटे तुमनार में 03, झाड़ीगुट्टा से 31 जिसमें २० बच्चे भी शमिल हैं, बीजापुर से 05 सीआरपीएफ जवान, मिंगाचल पुल से 05 समेत कुल 66 नागरिकों को रेस्क्यू करने पानी में मोटरबोट लेकर उतरे। वे जैसे ही इलाके में पहुंचे वहां उन्होंने देखा की सभी लोग अपनी जान बचाने के लिए पेड़ में चढ़े हुए हैं और चारों ओर पानी ही पानी है। इसके बाद रेस्क्यू टीम यहां मोटरबोट के साथ पहुंची और सभी को एक-एक कर पेड़ से उतारा। इस दौरान पेड़ में बिच्छू व सांप भी एसडीआरएफ की टीम को नजर आए। उन्हें हटाते हुए यह जवान आगे बढ़े और सभी को नीचे उतारा। इसी दौरान अन्य सुरक्षित जगह देखकर छिपे अन्य लोग भी बाहर आए। सभी को एक छोटे उंचे इलाके जहां जमीन नजर आ रही थी। वहां से मोटरबोट में सभी को चढ़ाया गया और सभी सुरक्षित १५ किमी दूर पहुंचाया। यहां फंसे सभी लोगों ने तब जाकर राहत की सांस ली।
जगदलपुर@cgprimenews. छत्तीसगढ़ के पारंपरिक पर्वों में से एक भाद्रपद अमावस्या को मनाया जाने वाला पोला पर्व आज कोरोना महामारी के चलते सादगी से मनाया जाएगा। बैलों की पूजा के बाद बच्चे मिट्टी के बैल दौड़ाएंगे। इसके एक दिन पहले से ही बाजारों में मिट्टी के बैल बिकने लगे हैं। मंगलवार को शहर के बाजारों में कुम्हारों से मिट्टी के मनमोहक बैल खरीदने बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। बाजार में बैल जोड़ी 50 से 60 रूपए में बिकी।

- बैलों का सम्मान करने मनाते हैं पर्व पोला पर्व के दौरान खरीफ फसल की तैयारी हो चुकी होती है। खेतों में निंदाई, गुड़ाई का काम निपट जाता है। ऐसी मान्यता है कि पोला पर्व के दिन अन्ना माता गर्भ धारण करती हैं, धान के पौधों में दूध भरता है। बैलों को सम्मान देने के उद्देश्य से किसान पोला पर्व पर बैलों की पूजा करते हैं। रात्रि में गांव के पुजारी, मुखिया, गांवों की सीमा में स्थापित देवी-देवता की पूजा करते हैं।
- इन व्यंजनों का लगेगा भोग
देवी, देवता और बैलों को गुड़हा, चीला, अनरसा, सोहारी, चौसेला, ठेठरी, खुरमी, बरा, मुरकू, भजिया, मूठिया, गुजिया, तसमई आदि छत्तीसगढ़ी व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा। भाद्रपद अमावस्या को भगवान कृष्ण ने किया था पोलासुर का वध, इसलिए इस दिन का नाम पड़ा पोला। - बैलों का करेंगे श्रृंगार
- किसान गौमाता और बैलों को स्नान कराकर श्रृंगार करेंगे। सींग और खुर यानी पैरों में माहुर, नेल पॉलिश लगाएंगे, गले में घुंघरू, घंटी, कौड़ी के आभूषण पहनाकर पूजा करेंगे।
cgprimenews.com@जगदलपुर. कोरोना के कहर के बीच बस्तर में फैली एक और नई बीमारी से लोग सख्ते में आ गए हैं। इस बीमारी की चपेट में आने से पिछले दो दिनों में 10 से अधिक मवेशियों की मौत हो चुकी है। जबकि दर्जन भर से अधिक मवेशी गंभीर रूप से बीमार है। जिनका इलाज चल रहा है। बस्तर जिले के माडपाल गांव में पिछले दो दिनों में अज्ञात बीमारी से 10 मवेशियों की हुई मौत।
मिली जानकारी के अनुसार जिले के प्रत्येक गांव में पिछले कुछ दिनों से मवेशियों को एक रहस्यमई बीमारी देखने को मिल रही है। मांडपाल गांव के लोगों की सूचना के बाद मंगलवार को पशु चिकित्सा विभाग की टीम द्वारा गांव में पहुंचकर मवेशियों का इलाज किया गया इलाज के बाद उसी रात छः मवेशियों की मौत हो गई। गांव वालों की सूचना पर पशु चिकित्सा विभाग की टीम दुबारा गांव पहुंची पुनः इलाज किया गया किन्तु उसी रात फिर से चार मवेशियों की मौत हो गई
माड़पाल में, पिछले 2 दिनों में 10 मवेशियों की मौत हो गई है, जबकि एक दर्जन से अधिक मवेशी अभी भी गंभीर रूप से बीमार हैं, जिनका इलाज चल रहा है।
सूचना मिलने के बाद, पशु चिकित्सा विभाग ने गांव में शिविर लगाया और सभी गंभीर रूप से बीमार मवेशियों का इलाज किया, लेकिन बुधवार देर रात 4 और जानवरों ने दम तोड़ दिया। दूसरी ओर, पशु मालिकों का आरोप है कि विभाग के डॉक्टरों ने गलत टीकाकरण दिया है। जिसकी वजह से मवेशी तबीयत बिगड़ने के बाद मर रहे हैं। मवेशी मालिकों ने मामले की जांच की मांग की है। वर्तमान में बीमार मवेशियों का इलाज चल रहा है और उनकी हालत भी गंभीर है। इधर, 2 दिन में मडपाल गांव में 10 मवेशियों की मौत के बाद पशु चिकित्सा विभाग में हड़कंप मच गया है। मवेशी के मालिक सरकार से मुआवजे की मांग कर रहे हैं।


cgprimenews.com@जगदलपुर. बस्तर में एक बार फिर माओवादियों के कोर इलाके में पुलिस ने ऑपरेशन चलाकर सफलता हासिल की है। इस बार कोंडागांव व कांकेर पुलिस की ज्वाइंट ऑपरेशन से यह सफलता हाथ लगी है। दोनो जिलों के सीमावर्ती इलाके के सिंदूरमेटा में जवानों ने यह ऑपरेशन चलाया और मुठभेड़ में एक वर्दीधारी माओवादी को मार गिराने के साथ मौके से दो हथियार भी बरामद किए हंैं।
बस्तर आईजी पी. सुंदरराज ने बताया कि यह जगह माओवादियों के प्रभाव वाले इलाके में आती है। पुलिस को सूचना मिली थी माओवादी किसी बड़ी घटना को अंजाम देने वाले हैं और इसके लिए वे सिंदूरमेटा के जंगलों में बड़ी संख्या में इक_े हुए हैं। इसके बाद पुलिस ने रविवार को ऑपरेशन लांच किया। इधर कोंडागांव से टीम निकली तो दूसरी तरफ से कांकेर से जवान ऑपरेशन पर निकलेे। सिंदूरमेटा के जंगलों में माओवादियों को दोनों तरफ से घरने की तैयारी थी। सोमवार की शाम ५.३० बजे जैसे ही दोनों टीमें माओवादियों को घेरने की कोशिश कर रहीं थी। उसी समय माओवादियों ने जवानों को देख लिया और उन पर फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने भी मोर्चा संभाला और ताबड़तोड़ जवाबी फायरिंग की। करीब डेढ़ घंटे तक दोनो तरफ से फायरिंग चलती रही। इसके बाद माओवादी अंधेरे में जंगल का सहारा लेकर भाग निकले। अंधेरे में जवानों ने इलाके की जितनी भी सर्चिंग की उस समय तक एक पुरूष माओवादी का शव उन्हें मिल चुका था। वहीं मौके से उन्हें एक ३०३ और एक ३१५ बंदूक बरामद की। वहीं कई विस्फोटक के सामान भी उन्हें मिले है।
घटनास्थल में रात रूकेगी पार्टी, कल लौटेगी
बस्तर आईजी पी. सुंदरराज ने बताया कि फिलहाल मुठभेड़ शांत हो चुकी है। पुलिस का कोई भी जवान घायल नहीं है। घटना स्थल पर पुलिस के जवान अभी भी मौजूद है। क्योंकि मुठभेड़ खत्म होते होते अंधेरा हो चुका था। ऐसे में पूरे इलाके की अच्छी से सर्चिंग जवान नहीं कर पाएं है। इसलिए वे रात घटना स्थल के करीब ही बिताएंगे। मंगलवार की सुबह इलाके की अच्छी तरह सर्चिंग करने के बाद वे माओवादी का शव और जब्त सामान लेकर लौटेंगे। तब ज्यादा जानकारी मिल पाएगी।
cgprimenews.com@कोंडागांव. छत्तीसगढ़ शासन की नीतियों एवं विकास कार्य के प्रभाव से तथा क्षेत्र में सुरक्षा बलों के नक्सल विरोधी अभियान के बढ़ते दबाव से क्षेत्र में नक्सलियों का जनाधार एवं पकड़ कमजोर हुआ है, इसलिए अब नक्सली आम ग्रामीणों पर बलपूर्वक दबाव बनाकर नवयुवक एवं नवयुवतियों को जबरदस्ती अपने साथ शामिल करने का प्रयास कर रहे है। प्रयास कर रहे है। इसी प्रकार का एक मामला थाना केशकाल क्षेत्र के नक्सल प्रभावित अंचल में बसे ग्राम माडगांव से भी सामने आया है। पिछले माह थाना धनोरा क्षेत्र के ग्राम माडगांव से दो युवक एवं दो युवतियों को बलपूर्वक ग्रामीणों को धमकाकर नक्सली दलम में शामिल करने के उद्देश्य से किसकोडो दलम के नक्सली ले गये थे।

चारो युवक-युवतियों ने नक्सलियों के विचारों से विमुख होकर एवं समाज की मुख्य धारा में जुड़ने का निर्णय लिया तथा स्वयं अपने ग्राम माडगांव वापस आ गये और आज 09 अगस्त को ग्राम के अन्य रहवासियों की मद्द से इन्हें कोण्डागांव पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कराया गया। पूछताछ के दौरान इन चारों ने खुलासा किया कि इन चारो को गत् माह 12 जुलाई को ग्राम माड़गांव से नक्सली किसकोडो एलजीएस कमांडर लखमू एवं अन्य 07 नक्सली गांव से बलपूर्वक धमकाकर अपने साथ ले गये थे तथा इस दौरान उन्हें नक्सलियों द्वारा हथियार चलाने, बम बनाने एवं अन्य नक्सल संबंधित प्रशिक्षण दिया गया तथा जबरदस्ती अपने साथ घुमाकर इनके जहन में नक्सल संबंधी भडकाउ वीडियों, साहित्य इत्यादि के माध्यम से अपने साथ शामिल करने का प्रयास किया गया। छत्तीसगढ़ शासन की नीतियों एवं विकास कार्यो से प्रभावित होकर इन नौजवानों ने नक्सलियों का साथ छोड़कर समाज की मुख्य धारा में शामिल होने का निर्णय लिया है और आश्वासान दिया है कि पुनः नक्सलियों का साथ नहीं देगें तथा सभी अपने गांव में रहकर गांव के विकास में भागीदार बनेंगे। पूछताछ में कुछ अन्य महत्वपूर्ण नक्सल संबंधी सूचनाएॅ भी दी गयी है। नक्सलियों की इस करतूत से यह स्पष्ट है कि जिन ग्रामीण नौजवानों के हाथ में नागर या कलम होनी चाहिए और जिन्हें समाज की मुख्य धारा में रहकर अपने गांव और अपने लोगों के बेहतर जीवन के लिए कार्य करना चाहिए, नक्सली उन्हें धमकाकर जबरदस्ती हथियार पकड़ाकर अपने साथ शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं।
इस मौके पर कोण्डागांव पुलिस अधीक्षक श्री सिद्धार्थ तिवारी (भा.पु.से.) ने नक्सलवाद की राह में भटके हुए साथियों से यह अपील की है कि नक्सलवाद को किसी भी स्वरूप में बढ़ावा न दें तथा शासन और समाज की मुख्य धारा में शामिल होकर आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति से लाभान्वित होवें तथा इसी तारतम्य में कोण्डागांव पुलिस द्वारा दो युवक एवं दो युवतियों कुल चार निवासी माडगांव को उनके इस सराहनीय कदम हेतु प्रत्येक को 10,000/- रूपये की प्रोत्सहान राशि भी प्रदाय की गई है। इस अभियान में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कोण्डागांव श्री अनंत कुमार साहू के मार्गदर्शन में अनुविभागीय अधिकारी पुलिस केशकाल अमित पटेल, उप पुलिस अधीक्षक (आॅप्स) दीपक मिश्रा, थाना प्रभारी धनोरा रमेश शोरी, थाना प्रभारी केषकाल भीमसेन यादव एवं अन्य स्टाफ भी सक्रिय भूमिका में रहे।
जगदलपुर.CG Prime News.मेडिकल काॅलेज के कोविड-19 वार्ड मे शुक्रवार – शनिवार की दरम्यानी रात एक कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो गई। डाॅक्टरों की लापरवाही के चलते यह जिले में पहला कोरोना पाॅजिटिव की मौत हुई है। मरीज तडपता रहा, बावजूद उसके इलाज के लिए डाॅक्टर नहीं पहुंचे। वहीं सुबह मरीज की लाश बेड के नीचे जमीन पर पड़ी मिली। मिली जानकारी के अनुसार मृतक कोरोना संक्रमित युवक लोहांडीगुड़ा ब्लाॅक के ग्राम कोटलापाल का रहने वाला था। कुछ दिनों से युवक की तबियत ठिक नहीं थी। शुक्रवार को अचानक तबियत ज्यादा बिगड़ गई और उसे सांस लेने में दिक्कत होने लगा। ऐसे में परिजनों ने उसे इलाज के लिए लोहांडीगुड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए। यहां से डाॅक्टर ने मेडिकल काॅलेज रेफर कर दिया। युवक को सांस लेने में तकलिफ होने के साथ ही कोरोना के कुछ लक्षण दिखा रहा था। ऐसे में उसे कोविड-19 आईसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया। यहां एंटीजेन कीट से जांच की गई, जो रिपोर्ट पाॅजिटिव आया।

सुत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रात करीब 10 बजे मेडिकल काॅलेज के कोविड-19 वार्ड में मरीज को भर्ती किया गया। उसे सांस लेने में तकलिफ होने के कारण उसे आॅक्सीजन लगाया गया। इसके बाद सभी डाॅक्टर, नर्स अपने ड्यूटी रूम में चल गए। दो घंटे बाद रात करीब 12-12.30 बजे उसकी तबियत और बिगड़ने लगी। सांस लेने में तकलिफ होने के कारण वह हाथ-पैर मारता रहा। मरीज की हालत को देखकर वार्ड में भर्ती अन्य मरीजों ने हाॅस्पिटल द्वारा दिए गए नंबर पर काॅल किया। वहीं ड्यूटी पर मौजूद नर्स ने फोन उठाया और बोला की इतनी रात को कौन पीपीई कीट पहनेगा। मरीज को बोलो की वह आॅक्सीजन लगा के रखे। इसके बाद वह फोन रख दी। सुबह करीब 6-6.30 बजे कोविड-19 वार्ड में भर्ती अन्य मरीजों ने जब जाकर देखा तो मरीज बेड के नीचे जमीन पर गिरा पड़ा हुआ था। वहां पर मौजूद मरीजों ने फिर फोन कर इसकी जानकारी ड्यूटी पर मौजूद स्टाफ को दिए। जानकारी देने के करीब एक से डेढ घंटे बाद डाॅक्टर पहुंचे और उसे मृत घोषित कर दिया। यदि रात में ही मरीज के फोन करने पर डाॅक्टर पहुंच कर उसका इलाज करते तो मरीज की जांच बच जाती। मेडिकल काॅलेज के कोविड-19 वार्ड में इस प्रकार से लापरवाही बरती जा रही है। डाॅक्टर और स्टाफ मरीज की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं।
मेकाज के पीछे करेंगे शव को दफन
कोरोना संक्रमित मृतक युवक का अंतिम संस्कार रविवार को किया जाएगा। मृतक युवक के शव को मेडिकल काॅलेज के पीछे स्थित स्टेडियम में दफनाया जाएगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन द्वारा तैयारी किया जा रहा है। वहीं मृतक के परिजनों को दूर से ही उसका अंतिम संस्कार देख पाएंगे। कोरोना पाॅजिटिव आने के कारण परिवार वाले अब आखिरी बार भी अपने बेटे का चेहरा नहीं देख सकेंगे।
गांव को किया गया सील
कोरोना पाॅजिटिव की खबर मिलते ही होहांडीगुड़ा अस्पताल में हडकंप मच गया। वहीं युवक का इलाज करने वाले डाॅक्टर, नर्स और स्टाफ की जांच की जा रही है। साथ ही युवके के गांव कोटलापाल को पूरी तरह से सील कर दिया गया है। परिजनों को होम क्वारेटाइन किया गया है। वहीं मृतक कोरोना संक्रमित युवक के संपर्क में आने वाले लोगों ट्रेस किया जा रहा है।
मृतक युवक का कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं
मिली जानकारी के अनुसार कोरोना पाॅजिटिव मृतक युवक को कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। बावजूद वह कोरोना संक्रमित हो गया, जो स्वास्थ्य विभाग के लिए समस्या बनी हुई है। अब स्वास्थ्य विभाग की टीम मृतक युवक का ट्रैवल और काॅन्टेक्ट हिस्ट्री खंगालने में लगे हुए है। वहीं लोहांडीगुड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सेनेटाइज कर युवक के सीधे संपर्क में आने वाले स्टाफ को होम क्वारेंटाइन किया गया।
मेडिकल काॅलेज के अधीक्षक डॉ केएल आजाद ने बताया कि कोविड-19 वार्ड में शुक्रवार-शनिवार की दरम्यानी रात इलाज के दौरान कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो गई। युवक की हालत पहले से गंभीर थी, उसे सांस लेने में तकलिफ हो रही थी। डाॅक्टरों ने उसे हर संभाव इलाज किया, लेकिन मरीज की हालत गंभीर होने के कारण उसकी मौत हो गई।
cgprimenews.com@जगदलपुर. जगदलपुर शहर से करीब 15 किमी दूर स्थित छापरभानपुरी में शनिवार को एक ट्रक ड्राइवर शराब के नशे में अपने ही घर की दीवाल को ट्रक (सीजी १२बीबी १४४७) ठोकर मार दी। इसमें दीवाल बुरी तरह से क्षति ग्रस्त हो गई। इसके बाद ट्रक से उतरा आरोपी बलराम कश्यप आस-पास के लोगों से मारपीट करने लगा। गुस्साए ग्रामीणों ने आरोपी को पकड़ा और उसे रस्सी से तबतक बांधकर रखा जब तक की मौके पर पुलिस नहीं आ गई। पुलिस आरोपी को बड़ांजी थाने लेकर पहुंची जहां उससे पूछताछ चल रही है।

अदरक से भरे ट्रक में मिला एक लाख का गांजा, ओड़िसा से मध्यप्रदेश ले जा रहे थे, बस्तर पुलिस ने धर दबोचा
cgprimenews.com@जगदलपुर. अदरक से भरे ट्रक में चोरी छिपे एक बोरा गांजा ले जाने की कोशिश कर रहे तस्करों की साजिश को पुलिस ने नाकाम कर दिया है। नगरनार पुलिस ने इस १४ चक्के ट्रक (एमपी ०९ एचएच ७१४२) से दो तस्कर निरज कुमार (२३) और विनोद रावत (२०) के पास से २२ किलो गांजा बरामद किया है। दोनो ही आरोपी मध्य प्रदेश के दतिया जिले के रहने वाले हैं। इनके पास से जब्त गांजे की बाजार कीमत करीब १ लाख १० हजार रुपए है।

थाना प्रभारी शिव शंकर गेंदले ने बताया कि उन्हें मुखबिर से सूचना मिली कि एक ट्रक में कुछ लोग संदिग्ध सामान लेकर ओडि़शा की तरफ से जगदलपुर की ओर आ रहे है। सूचना मिलते ही पुलिस ने धनपूंजी के पास बैरिकेट लगाकर वहां से गुजरने वाली वाहनों की तलाशी लेना शुरू कर दिया। इसी दौरान वहां से आ रही एक १४ चक्का ट्रक को रोका। रोकने के बाद पुलिस ने वाहन चालक से पूछताछ की। जिसके बाद जवानों को शक गहराया। इसके बाद गाड़ी में बैठे लोगों को उतारकर वाहनकी तलाशी ली। जिसमें वाहन से 2२ किलो गांजा बरामद किया। जिसकी कीमत करीब 1 लाख ० हजार रुपए बताई जा रही है। वही पुलिस ने गाड़ी से दोनों आरोपी को गिरफ्तार कर थाने ले आई। इनके आरोपियों को खिलाफ अपराध एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला पंजीबद्ध करते हुए न्यायालय में पेश किया जहां से उसे न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया है।
Cgprimenews.com@जगदलपुर. बस्तर थाने ने 30 जुलाई को जिन चार गांजा तस्करों को पकड़ा था, उनमें से एक के कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इधर आरोपी की रिपोर्ट के बाद थाने में तैनात जवानों की बुधवार कोरोना जांच की गई है।

बस्तर थाना प्रभारी सुरेंद्र बघेल ने बताया कि बीते 30 जुलाई को गांजा तस्करी के मामले में बस्तर थाना पुलिस ने 4 आरोपी को गिरफ्तार किया था और सभी का स्वास्थ्य परीक्षण कराया था। इनमें से एक आरोपी की जांच रिपोर्ट मंगलवार की रात को पॉजिटिव आई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी के संपर्क में ड्यूटी में तैनात 12 पुलिसकर्मी आए थे। साथ ही आरोपी को केंद्रीय जेल में भी दाखिल कर दिया गया था। कल शाम आरोपी की रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद से उस वक्त ड्यूटी में तैनात सभी पुलिसकर्मियों की सैंपल लिए गए हैं। हालांकि पुलिस कर्मियों की जांच रिपोर्ट अब तक नहीं आई है। वहीं कोरोना संक्रमित हुए गांजा एक्ट के आरोपी को डिमरापाल के कोविड अस्पताल में भर्ती किया गया है। जहां उसका इलाज जारी है। गौरतलब है कि, कुछ दिन पहले ही परपा थाना में भी जुआ एक्ट के मामले में पुलिस ने कार्रवाई की थी। जिसमें एक आरोपी की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी और उसे भर्ती किया गया है। उसके बाद बस्तर थाना में यह मामला सामने आया है बताया जा रहा है कि आरोपी को जेल दाखिल करने के दौरान जितने भी पुलिसकर्मी उसके संपर्क में आए थे।
जांच में पॉजिटिव आये जवान तो थाना होगा सील
पुलिस के मुताबिक जांच में अगर एक जवान की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो बस्तर थाना को भी सील करने की कार्यवाही की जाएगी। फिलहाल इन सभी की रिपोर्ट आना अभी बाकी है। वहीं एतिहात के लिए आम जनों की शिकायत एतिहात बरतते हुए लिया जा रहा है।
इधर जेल में नए आरोपियों के लिए विशेष व्यवस्था
जेल अधीक्षक का कहना है कि यहां नए आरोपियों के लिए अलग व्यवस्था की गई है। जब तक उनकी रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक उन्हें अन्य बंदियों के संपर्क में नहीं आने दिया जाता। इसलिए फिलहाल जेल में दिक्कत जैसी बात नहीं है।