बस्तर@CGPrimeNews.
देश के सबसे अधिक ईनाम वाले अपराधी के आत्मसमर्पण की तैयारी हैदराबाद में चल रही है। जिस अपराधी के आत्मसमर्पण की तैयारी है उसका नाम है गणपति! गणपति यानी देश में माओवादियों के सेंट्रल कमेटी का सर्वोच्च पदाधिकारी जिसने करीब 40 सालों तक माओवादी संगठन को थामे रखा।
पुलिस के पास गणपति की करीब 45 वर्ष उम्र की एक तस्वीर है जिसे वह कई बार अपने मोस्ट वांटेड माओवादियों की लिस्ट के साथ जारी कर चुकी है। रेड कारीडोर के करीब—करीब सभी राज्यों में कई नृशंश हत्या और आपराधिक गतिविधियों के दर्ज मामलों में गणपति नामजद दर्ज है। करीमनगर से यह खबर बाहर आई है कि माओवादी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सचिव मुप्पाला लक्ष्मण राव उर्फ़ गणपति के आत्मसमर्पण किये जाने की कोशिश में है। छत्तीसगढ़ पुलिस के पास भी इस बात की सूचना है पर माध्यम हैदराबाद पुलिस नहीं है।
यहां पुलिस के पास इस बात की सूचना है कि करीब 10 दिन पहले ही गणपति ने हथियार डाल दिए हैं। हांलाकि इस खबर से तेलंगाना में सनसनी फैल गई है। लंबे समय तक माओवादी पार्टी के केंद्रीय सचिव के रूप में कार्य कर चुके गणपति के आत्मसमपर्पण के संकेत मिल रहे हैं।
बताया जा रहा है कि गणपति और परिवार के सदस्यों के बीच बातचीत होते ही आत्मसमर्पण की घोषणा किये जाने की उम्मीद है। 74 वर्षीय गणपति स्वास्थ्य की गंभीर समस्याओं से पीड़ित हैं। मुख्य रूप से गणपति इस समय घुटने में दर्द और डायबिटीज की समस्या से परेशान है। माओवादी नेता गणपति जगित्याल जिले के बीरपुर गाव निवासी है।
करीब 40 सालों तक भूमिगत रहे चुके गणपति को एमपीसी और नक्सली दलों के विलय के बाद केंद्रीय सचिव नियुक्त किया गया। सेहत ठीक नहीं रहने के कारण साल 2018 में सचिव पद से हट गया। इस बात की पुष्टि भी काफी दिनों बाद हो सकी थी। कि गणपति के बाद नंबाल्ला केशव राव उर्फ़ बसवराजू को केंद्रीय सचिव बनाया गया है।
यहां यह भी खबर है कि हाल ही में बस्तर के अबूझमाढ़ में आयोजित माओवादियों की बड़ी बैठक में यह निर्णय लिया गया कि अब गणपति को सुरक्षित तरीके से आत्मसमर्पण के लिए मुक्त कर देना चाहिए। गणपति के आत्मसमर्पण को लेकर केंद्रीय गृहमंत्रालय को विश्वास में लिया जा सकता है।क्योंकि इंडिया मोस्ट वांटेड लिस्ट में गणपति पर डी कंपनी के दाउद से ज्यादा ईनाम घोषित है। फिलहाल देश के नौ राज्यों में गणपति की तलाश जारी है।