आयकर सर्वे में रायपुर और धमतरी के सर्राफा कारोबारियों की 15 करोड़ रुपए की कर चोरी का पर्दाफाश

रायपुर और धमतरी में प्रमुख ज्वेलर्स द्वारा नकद बिक्री, फर्जी बिलिंग और अवैध धन उधारी की गतिविधियां उजागर, 15 करोड़ रुपए की कर चोरी पर कार्रवाई

CG Prime News.रायपुर|आयकर विभाग (IT Red) itके असेसमेंट विंग ने रायपुर और धमतरी में स्थित प्रमुख सर्राफा व्यापारियों के खिलाफ 15 करोड़ रुपये की कर चोरी का पर्दाफाश किया है। यह खुलासा विभाग द्वारा 30 घंटे से अधिक चले एक सर्वेक्षण के दौरान हुआ, जिसमें ए. एम. ज्वेलर्स (रायपुर) और श्री सेठिया ज्वेलर्स (धमतरी) के व्यापारिक दस्तावेजों की गहन जांच की गई। इन प्रतिष्ठानों में बेहिसाब सोने की बड़ी मात्रा, अवैध धन लेन-देन और अकाउंट बुक्स से बाहर किए गए निवेश का खुलासा हुआ।

आयकर अधिकारियों की पूछताछ के बाद, ए. एम. ज्वेलर्स के संचालक सुनील पारख और उनके पुत्र अंकित पारख ने 10 करोड़ रुपये की कर चोरी स्वीकार की, जबकि श्री सेठिया ज्वेलर्स के संचालक राहुल सेठिया ने 5 करोड़ रुपये की कर चोरी की बात कबूल की। दोनों व्यापारियों को क्रमशः 3 करोड़ रुपये और 1.5 करोड़ रुपये का अग्रिम कर 15 मार्च तक जमा करने का निर्देश दिया गया है, और अतिरिक्त दंड भी लगाया जाएगा।

छोटे व्यापारियों को नगद में करते थे भुगतान

सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि दोनों व्यापारियों ने एक संगठित तंत्र के तहत नकद बिक्री को छुपाया और अपने स्वर्ण आभूषणों को छत्तीसगढ़ और ओडिशा के दूर-दराज क्षेत्रों के छोटे व्यापारियों को आपूर्ति किया, जिनका भुगतान नकद में किया जाता था। इसके अलावा, श्री सेठिया ज्वेलर्स के परिसर से बड़ी संख्या में प्रॉमिसरी नोट्स भी जब्त किए गए, जो अवैध रूप से गिरवी रखे गए गहनों के बदले नकद उधार देने के प्रमाण थे।

आयकर विभाग की जांच के दौरान, यह भी सामने आया कि ए. एम. ज्वेलर्स ने बेहिसाब नकदी से अचल संपत्ति में निवेश किया था। विभाग ने इस मामले की आगे की जांच जारी रखी है, और यह संभावना जताई जा रही है कि आगामी वर्षों में और भी कर चोरी के मामले सामने आ सकते हैं।

फोरेंसिक विशेषज्ञों ने स्वर्ण का किया मूल्यांकन

इस कार्रवाई के दौरान नागपुर से बुलाए गए स्वर्ण मूल्यांकनकर्ताओं और मुंबई के साइबर फोरेंसिक विशेषज्ञों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिन्होंने सोने की सही कीमतों की पुष्टि करने के साथ-साथ डिजिटल डेटा से साक्ष्य एकत्र किए।

आयकर विभाग इस कार्यवाही को उच्च-मूल्य वाले सर्राफा व्यापारियों पर सख्ती बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम मान रहा है और जल्द ही अन्य बड़े व्यापारिक प्रतिष्ठानों पर भी इस तरह की कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।