CG Prime News@मुंगेली. छत्तीसगढ़ के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में एक भाजपा नेता की गुंडागर्दी सामने आई है। भाजपा नेता ने सरपंच प्रत्याशी एक महिला के साथ दुव्र्यवहार करते हुए उसे नामांकन भरने से रोकने की कोशिश की। पूरा मामला मुंगेली जिला के खुटेरा ग्राम पंचायत का है। जहां से दिव्यांग सरपंच प्रत्याशी को जान से मारने की धमकी दी और गाली-गलौज की। इसका वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है।
एसपी से की शिकायत
मामला पथरिया थाना क्षेत्र का है। बीजेपी नेता का नाम नेता विनोद सिंह ठाकुर है। वह निर्विरोध सरपंच बनना चाहता है। बीजेपी नेता पर आरोप है कि उसने मिलीभगत कर रघुसिंह ठाकुर का नामांकन भी रद्द करा दिया है। पीडि़त पक्ष ने बीजेपी नेता और पीठासीन अधिकारी की शिकायत एसपी-कलेक्टर से की है।
एसपी ने दिए जांच के निर्देश
वहीं मामले में एसपी भोजराज पटेल ने बताया कि शिकायत पर डीएसपी को जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। धमकाने और फॉर्म भरने से रोकने का वीडियो भी वायरल हो रहा है। जांच के बाद मामले में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
यह है पूरा मामला
3 फरवरी को दिव्यांग सरपंच प्रत्याशी रघुसिंह अपनी पत्नी शैल ठाकुर के साथ नामांकन जमा करने ग्राम सिलदहा जा रहे थे। इस दौरान बीजेपी नेता विनोद सिंह पहले से ही रास्ते में मौजूद था। उसने इनकी गाड़ी को रास्ते में ही रोक लिया। इस दौरान बीजेपी नेता विनोद सिंह पति-पत्नी को धमकाने लगा। वह कहने लगा कि उसे निर्विरोध सरपंच बन रहा है, इसलिए कोई और दूसरा नामांकन जमा नहीं कर सकता। इसी तरह और लोगों को भी फॉर्म भरने से रोक दिया है। हालांकि वह शिकायत नहीं किए हैं।
धमकाने और फॉर्म भरने से रोकने का वीडियो वायरल
बताया जा रहा है कि विवाद बढऩे के दौरान मौके पर मौजूद कुछ लोगों ने धमकाने और फॉर्म भरने से रोकने का वीडियो बना लिया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में विनोद कहता हुआ दिख रहा है कि उसे गांववालों ने सरपंच पद के लिए खड़ा किया है। बीजेपी नेता कह रहा है कि तुम यानी रघुसिंह ठाकुर बिलासपुर में रहते हो। तुम लोग बाहरी आदमी हो। किसी भी हालत में वह उन्हें फॉर्म भरने नहीं देगा। वीडियो में दिख रहा विनोद सिंह महिला का हाथ पकड़ लिया है। उसके साथ गांव के 10-12 लोग थे।
नामांकन रद्द करने का आरोप
शैल ठाकुर ने बताया कि उन्होंने निवेदन कर छोटे से जगह से हाथ डालकर नामांकन पत्र जमा किया, लेकिन बिना किसी गलती के नामांकन निरस्त कर दिया गया। पीठासीन अधिकारी ने नामांकन निरस्त का कारण भी नहीं बताया।
