सरकारी फार्मासिस्टों ने ऑनलाइन कोर्स बताकर बिना एनओसी कर लिया बी फार्मेसी कोर्स, जुगाड़ से अटेंडेंस बनवाइ और परीक्षा भी दी, शिकायत के बाद अब डिग्री रद्द होगी

भिलाई . छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय से संबद्ध एक निजी फार्मेसी कॉलेज में शुरू हुए बी.फार्मा प्रैक्ट्सि कोर्स में धांधली का आरोप लग रहा है। यह रायपुर का निजी कॉलेज है, जिस पर आरोप है कि यहां शुरू हुए इस नए रेगुलर कोर्स में कॉलेज ने शासकीय फार्मासिस्टों को प्रवेश दिया और बिना कक्षाएं अटेंड किए ही उनकी परीक्षाएं भी करवा दी। इसको लेकर इंडियन फार्मेसी एसोसिएशन ने सीएसवीटीयू के कुलपति को लिखित ज्ञापन दिया। इन शासकीय फार्मासिस्टों ने अपने विभाग को यह कोर्स ऑनलाइन बताकर किया।

फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने की शिकायत

इसी शर्त पर उन्हें कोर्स के लिए मंजूरी भी दी गई, जबकि यह कोर्स डिस्टेंस नहीं होकर पूरी तरह से रेगुलर है, जिसमें प्रतिदिन कक्षाएं अटेंड करना अनिवार्य होता है। फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने सीएसवीटीयू को ज्ञापन सौंपकर मामले की जांच करने की मांग की है। इस फर्जीवाड़े में दुर्ग के 5 फार्मासिस्टों सहित प्रदेशभर के 40 फार्मासिस्टों का नाम सामने आ रहा है।

कांकेर में रहते हुए कर ली रायपुर की पढ़ाई

इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन के सेके्रटरी राहुल वर्मा ने बताया कि फार्मेसी प्रोफेशनल्स के लिए यह विशेष कोर्स सीएसवीटीयू की संबद्धता से रायपुर के एक मात्र कॉलेज में संचालित होता है। छत्तीसगढ़ राजपत्र के अनुसार कोर्स यह दो वर्षीय कोर्स है, जिसमें प्रत्येक कैलेंडर वर्ष में कम से कम 180 दिवस की कक्षाएं लगानी होती है। साथ ही छह विषयों के सैद्धांतिक और प्रायोगिक कक्षाओं के लिए 400 घंटों की रेगुलर पढ़ाई अनिवार्य है।

गलत अटेंडेंस भी बनवाई

इसके बावजूद भी, इस कोर्स में जगदलपुर, कांकेर, दंतेवाड़ा में पदस्थ शासकीय फार्मासिस्टों ने एडमिशन लिया। यही नहीं, उन्होंने कॉलेज से सांठगांठ कर गलत अटेंडेंस भी बनवाए और परीक्षा में बैठ गए। फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने बताया कि शासकीय सेवा में रहते हुए उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए नियम से हर साल एक जिले से केवल दो कर्मचारियों को ही अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया जा सकता है, जबकि दुर्ग स्वास्थ्य विभाग ने अपने ५ कर्मचारियों को एनओसी दिया। ऐसा ही रायपुर के १३ कर्मचारी फायदे में रहे।