@Dakshi sahu Rao
CG Prime News@दुर्ग. पुलिस लाइन दुर्ग में 5 दिवसीय फिंगर एवं फुट प्रिंट नफीस ट्रेनिंग कार्यशाला का आयोजन किया गया था। जिसमें शामिल दुर्ग रेंज के 64 फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट को शुक्रवार को आईजी राम गोपाल गर्ग ने सर्टिफिकेट प्रदान किया। कार्यशाला में बालोद और दुर्ग के 64 पुलिस अधिकारी-कर्मचारी शामिल हुए थे। कार्यशाला के प्रशिक्षक फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट कमलेश्वर सिंह, धर्मेंद्र कुमार भारती थे। जिनके द्वारा गिरफ्तार व्यक्तियों, संदेहियों एवं निगरानी बदमाशों के फिंगर प्रिंट तैयार करने के संबंध में जानकारी दी गई। वहीं घटना स्थल में फिंगर प्रिंटों को सुरक्षित करने के तरीके, अज्ञात मृतक के टेन प्रिंट स्लिप का वेरिफिकेशन, नेफि़स अपलोडिंग, फूट प्रिंट और नवीन तकनीक के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया।
क्राइम सीन पर फिंगर प्रिंट संग्रह में होगी आसानी
पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज रामगोपाल गर्ग ने कार्यशाला के समापन पर अपने संबोधन में कहा कि इस कार्यशाला के आयोजन बाद आप सभी फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट बन गए हैं। अबक्राइम सीन वेरिफिकेशन में अपराधी को साइंटिफिक तरीके से साक्ष्य एकत्र कर सजा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। फिंगर प्रिंट एनालिसिस (विश्लेषण) करने में मदद मिलेगी। साथ ही क्राइम सीन पर प्रिंट के संग्रह और उसके वेरिफिकेशन में काफी आसानी होगी। इस पहल से मामलों को सुलझाने में भी पुलिस को काफी मदद मिलेगी। आईजी ने उपस्थित सभी फिंगरप्रिंट एक्सपर्ट को सर्टिफिकेट प्रदान किया।
दी जानकारी
इस कार्यशाला के माध्यम से फिंगर प्रिंट सुरक्षित रखने से आरोपी के बारे में त्वरित जानकारी मिल सकेगी। पहले आरोपी का फिंगर प्रिंट मेनुअल लिया जाता था। मिलान भी मेनुअल किया जाता था। अब आनलाईन फिंगर प्रिंट लिया जाया। उसकी मैचिंग भी आनलाईन किया जाएगा। फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट ने उपस्थित सभी अधिकारी, कर्मचारियों को साइंटिफिक विवेचना हेतु फिंगर प्रिंट के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।
