Big Breaking : भिलाई नगर निगम के वार्ड परिसीमन पर हाईकोर्ट ने लगाया स्टे

भिलाई@CG Prime News. नगर पालिक निगम भिलाई के वार्ड परिसीमन पर बिलासपुर हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया है। अपने आदेश में हाईकोर्ट ने कहा है कि परिसीमन में निर्धारित नियमों का पालन नहीं किया गया है। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद अब नगर निगम के अधिकारी अपना जवाब पेश करेंगे। जब तक कोर्ट में मामला विचाराधीन रहेगा तक तक अब भिलाई नगर निगम का चुनाव नहीं हो सकेगा।

परिसीमन में कथित गड़बड़ी को लेकर शहर के कई वर्तमान व पूर्व जनप्रतिनिधियों ने याचिका दायर की थी। इनमें कैंप क्षेत्र की कांग्रेस पार्षद रिंकु राजेश प्रधान स्वतंत्र रूप से याचिका दायर की थी। इनके अलावा पार्षद पीयूष मिश्रा, बशिष्ठ नारायण मिश्रा और शाहीन अख्तर तथा निगम के पूर्व नेता प्रतिपक्ष जे. संजय दानी और जय प्रकाश यादव संयुक्त रूप से याचिका लगाई थी। उन्होंने सुधार करते हुए नये सिरे से परिसीमन कराने का आग्रह किया है। गुरुवार को याचिका पर सुनवाई जस्टिस पीएस कोसी के कोर्ट मेंं हुई। पार्षदों ने जिला प्रशासन द्वारा किए गए परिसीमन को छग नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 और वार्डों का विस्तार नियम 1994 के विपरीत बताया है। इसे अवैधानिक और इसके पीछे व्यक्ति विशेष को राजनीतिक फायदा पहुंचाने की नीयत होने की बात कही है। साथ ही यह भी कहा है कि राजनीतिक दबाव में आकर परिसीमन किया गया। इसके पीछे कुछ लोगों को उनके जनाधार वाले वार्ड में चुनाव लडऩे से रोकना भी है।

नियमों को किया गया नजरअंदाज

यही वजह है के वार्डों के जनसंख्या आंकड़े जो कि समानुपातिक होना चाहिए उसमें काफी अंतर है। किसी वार्ड में 4000, तो कहीं 7500 और कहीं तो 9600 भी है। वर्गवार आंकड़ों मेंं भी घालमेल है। कई जनसख्या ब्लॉक को शामिल करना भी भूल गए यानि लोग किसी भी वार्ड के मतदाता नहीं है। नवीन परिसीमन में छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 एवं छग नगर पालिक (वार्डों का विस्तार) नियम 1994 को नजरअंदाज कर दिया गया है।

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