CG Prime News@रायपुर. महादेव सट्टा स्कैम (Mahadev satta app scam in Chhattisgarh) मामले में CBI ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत 21 लोगों पर भ्रष्टाचार ठगी और जुआ एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है। CBI ने इसी केस में दो IPS अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार से अभियोजन की स्वीकृति मांगी है। दोनों के खिलाफ CBI को प्रारंभिक जांच में मोटी रकम के लेनदेन और खर्च के सबूत मिले हैं। इसी आधार पर दोनों पर अभियोजन चलाने की तैयारी है। दोनों IPS अधिकारियों की गिरफ्तारी भी हो सकती है।
इनके खिलाफ दर्ज किया FIR
CBI ने 18 दिसंबर 2024 को 21 लोगों के खिलाफ 13 गंभीर धाराओं में FIR किया है। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के अलावा महादेव सट्टा के प्रमोटर रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर, शुभम सोनी उर्फ पिंटू, चंद्रभूषण वर्मा, असीम दास, सतीश चंद्राकर, नीतीश दीवान, अनिल अग्रवाल उर्फ अतुल, विकास छापरिया, रोहित गुलाटी, विशाल आहूजा, धीरज अहूजा , अनिल दमनानी, सुनील दमनानी, सिपाही भीम सिंह यादव, हरिशंकर, सुरेंद्र बागड़ी, सूरज चोखानी, पुलिस अधिकारी, पूर्व सीएम के OSD और निजी व्यक्ति शामिल है।
IPS अफसरों के यहां पड़ा था छापा
26 मार्च को CBI ने छत्तीसगढ़ में महादेव सट्टा ऐप स्कैम को लेकर पूर्व सीएम भूपेश बघेल, MLA देवेंद्र यादव, सीनियर IPS डॉ. आनंद छाबड़ा, IPS आरिफ शेख, IPS प्रशांत अग्रवाल, IPS डॉ. अभिषेक पल्लव, ASP अभिषेक माहेश्वरी, ASP संजय ध्रुव सहित अन्य के यहां छापेमार कार्रवाई की थी।
IPS अफसरों ने जमकर की खरीदारी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह भी चर्चा है कि दो IPS अपने टूर और खरीदारी की वजह से CBI के फंदे में फंस रहे हैं। वह हर माह दिल्ली मुंबई और बड़े शहरों में जाते थे। वहां होटल में ठहरते थे, लेकिन उसका पेमेंट खुद नहीं करते थे। बिल के समय उनका पेमेंट रायपुर से होता था। रायपुर के एक मॉल में तो एक IPS अधिकारी के नाम पर सबसे ज्यादा बिल बना है, लेकिन उसका पेमेंट अलग-अलग खातों व UPI से हुआ है।

IPS अधिकारी बन सकते हैं सरकारी गवाह
सूत्रों के मुताबिक CBI तीन IPS अफसरों को गिरफ्तार कर सकती है। वहीं एक IPS ऑफिसर और एक राज्य प्रशासनिक सेवा का अधिकारी सरकारी गवाह बन सकता है। हालांकि CBI ने किसी को अब तक गवाह बनाने की अनुमति नहीं दी है। CBI को महादेव सट्टा में 300 करोड रुपए से ज्यादा के हवाला का लिंक मिला है।
हवाला के जरिए पैसा पहुंचाया
कोलकाता से अलग-अलग समय में मोटी रकम हवाला के माध्यम से प्रोटेक्शन मनी के तौर पर भेजी गई है। इन पैसों को निचले स्तर के कर्मचारियों और अधिकारियों ने प्राप्त किया है। उन्होंने फिर अधिकारियों को बताई जगह पर छोड़ा है। CBI को ट्रांजैक्शंस की लाइन मिल गई है। पैसों का लेन देन कहीं भी ऑनलाइन नहीं किया गया है। पूरा लेन देन कैश में किया गया है। उन पैसों को कई संस्थाओं के माध्यम से दूसरे कार्यों में निवेश किया गया है।
