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Bastar news

Cgprimenews.com@दंतेवाड़ा. विधायक भीमा मंडावी हत्याकांड की जांच कर रही एनआईए ने इस मामले में छठवें आरोपी के तौर पर नकुलनार निवासी व्यापारी हरिपाल सिंह चौहान पिता शिवनाथ सिंह को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी को जगदलपुर में एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से आरोपी को पूछताछ के लिए 3 दिन की एनआइए रिमांड पर भेजा गया है। आरोपी व्यापारी हरिपाल पर भीमा मंडावी हत्याकांड की साजिश में शामिल रहने, विस्फोट में इस्तेमाल चीजें मुहैया करवाने का आरोप है। इसके पहले भी एनआईए इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। पूर्व में गिरफ्तार आरोपियों में नकुलनार में इलेक्ट्रिक दुकान संचालन करने वाला लक्ष्मण जायसवाल, ककाड़ी के पूर्व सरपंच रमेश कश्यप, टिकनपाल निवासी युवती लिंगे ताती, भीमा ताती व मड़कम ताती शामिल हैं। एनआईए ने इस मामले में आईपीसी की धारा 147, 147, 149, 302, 396, 307, 120 बी, 25, 27 आर्म्स एक्ट के तहत यह कार्रवाई की है।

विधायक व 4 सुरक्षा कर्मी शहीद हुए थे
9 अप्रैल 2019 को नक्सलियों ने नकुलनार के नजदीक श्यामगिरी में विधायक भीमा मंडावी के वाहन को ब्लास्ट से उड़ा दिया था। इस वारदात में विधायक भीमा व उनके साथ 4 सुरक्षा कर्मी शहीद हो गए थे। लोकसभा चुनाव प्रचार से लौटते वक्त नक्सलियों ने यह हमला किया था।

Cgprimenews@बीजापुर. आदिवासी बहुल व नक्सल प्रभावित बीजापुर जिला आकांक्षी जिलों की डेल्टा रैंकिंग में पूरे देश में प्रथम स्थान मिला है। नीति आयोग ने जून 2020 की स्थिति में जारी की गई आकांक्षी जिलों की रैंकिंग में बीजापुर ने विभिन्न मानकों पर बेहतर प्रदर्शन करते हुए प्रथम स्थान हासिल किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसके लिए बीजापुर जिलेवासियों सहित जिला प्रशासन की पूरी टीम को बधाई दी है। नीति आयोग की आकांक्षी जिलों की सूची में बीजापुर के प्रथम स्थान आने पर बीजापुर विधायक ने कहा की जिले का नाम रौशन हुआ है। जिले को अलग पहचान मिली है जिसका सीधा श्रेय सीमित संसाधनों के बावजूद लगन और समर्पण से मेहनत करने वाले जिले के हर अधिकारी- कर्मचारियों को जाता है। विधायक विक्रम ने बताया कि निरंतर यहां प्रशासन मूलभूत योजनाओं को लेकर गांव और ग्रामीणों के बीच पहुंचता रहा है, जिसका परिणाम है की देश के 112 संसाधनों से परिपूर्ण जिलों में से बीजापुर सीमित संसाधनों के बावजूद प्रथम स्थान पर आया है।

गौरतलब है कि स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कौशल विकास, कृषि, जल संसाधन, वित्तीय समावेशन और बुनियादी अधोसंरचना विकास के क्षेत्र में बेहतर कार्य करते हुए बीजापुर ने अपने डेल्टा अंकों में पूरे देश में सर्वाधिक 2.3 अंकों की वृद्धि की है। फरवरी में हुई डेल्टा रैंकिंग में बीजापुर को 48.1 अंक मिले थे, जबकि जून की रैंकिंग में इसे 50.4 अंक मिले हैं। बीजापुर के डेल्टा अंकों में बढ़ोतरी पूरे देश में सर्वाधिक है। आकांक्षी जिलों के रूप में शामिल देश भर के 112 जिलों में बीजापुर जिले ने पहला स्थान हासिल किया है।

महज ढाई लाख की आबादी बीजापुर की
बीजापुर 6562 वर्ग किमी क्षेत्रफल में फैला एक छोटा और पिछड़ा हुआ जिला है। यहां की आबादी महज 2 लाख 60 हजार है। तेलांगाना और महाराष्ट्रा की सीमा से लगा आदिवासी बहुल बीजापुर वनोपज और कृषि आधारित जिला है। यहां नक्सलवादी वारदातों के कारण जिला पिछड़ता जा रहा था। वहीं कुछ सालों में यहां नक्सल वारदातों में कमी देखी गई है। साथ ही विकास का पहिया भी दौडऩे लगा है। सडक़ों का जाल अब यहां नामुमकिन लगने वाले गांवो तक पहुंचने लगा है।

Cgprimenews.com@बीजापुर. प्रसव पीढ़ा से कराहती गर्भवती महिला को परिवार के 4 लोगों ने बर्तन ( गंज ) से चिंतावागु नदी पार कराया. नदी के इस तरफ गोरला से गर्भवती को भोपालपट्टनम हॉस्पिटल लाया गया। नवजात के आने की खुशी उस वक्त मातम में बदल गई जब नर्से ने उन्हें बच्चे के गर्भ में ही मृत होने की खबर सुनाई. अब परिजन डॉक्टर्स और स्टाफ नर्स पर लापरवाही बरतने और बच्चे की मौत के लिए जिम्मेदार बता रहे हैं. ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर को लिखित शिकायत कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

मिनकापल्ली निवासी हरीश यालम की पत्नी लक्ष्मी यालम गर्भधारण के बाद अपने मायके मीनुर गई हुई थी.13 जुलाई को प्रसव पीढ़ा बढ़ने से जान जोखिम में डालकर परिवार और गांव के 4 लोगों ने भोजन पकाने वाली गंज ( बर्तन) में बैठाकर उफ़नती चिंतावागु नदी को पार कराया. चिंतावागु नदी की धारा और फैलाव ज्यादा होने कारण जान का खतरा ज्यादा था. बावजूद प्रसव पीढ़ा से कराहती महिला को ग्रामीणों की मद्दत से नदी पार गोरला लाया गया. गोरला से भोपालपट्टनम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया।

परिजनों की खुशी उस वक्त मातम में बदल गई जब उन्हें स्वास्थ्य विभाग के नर्स ने गर्भ में ही बच्चे के मृत होने की सूचना दी. अब परिजनों ने बच्चे की मौत के लिए उस वक्त ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर गोपी किशन और सहयोगी स्टाफ नर्स को जिम्मेदार बताया है. परिजनों के मुताबकि नर्स और डॉक्टर्स डिलीवरी कराने में देरी कर रहे थे. स्टाफ नर्स और स्टाफ लगातार उन्हें जच्चा- बच्चा के स्वास्थ्य होने की सूचना दे रहे थे। छुट्टी के बाद नए स्टाफ नर्स को आने में देरी हुई. वहीं प्रसूता को देखभाल भी नियमित नहीं किया जा रहा था. जहां डॉक्टर और नर्स जच्चा- बच्चा के स्वस्थ होने की बात कह रहे थे. वहीं रात 8 बजे के करीब गर्भ में ही बच्चे के मरने की खबर दी गई।

लापरवाही से परिजनों में आक्रोश पूरे मामले में अब परिजन डॉक्टर और नर्स पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. परिजनों के मुताबिक डॉक्टर और स्टाफ नर्स की लापरवाही से बच्चे की जान गई है. ऐसे लापरवाह कर्मचारियों को सरकारी सेवा से बेदखल करने की मांग आक्रोशित परिजन कर रहे हैं।

शिकायत मिली है, जवाब के बाद करेंगे कार्रवाई ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ.रामटेके ने कहा कि परिजनों ने लिखित शिकायत डॉक्टर गोपी किशन और नर्स के खिलाफ की है. परिजनों के शिकायत के आधार पर सभी को शो-काज नोटिस दे दिया गया है. उनके जवाब के आधार पर आगे की कार्रवाई करेंगे।

बता दें मीनुर से भोपालपट्टनम की दूरी 15 किमी है, मगर मीनुर और गोरला के बीच चिंतावागु नदी में पुल नहीं बना है. जिस वजह से बारिश के समय यहां स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं पहुंच पाती. वहीं छोटे से भोजन पकाने वाली बर्तन में गर्भवती महिला को जान जोखिम में डालकर लाना साबित करता है कि देश और प्रदेश में विकास और तरक्की के दावे खोखले हैं. आज भी मां बहन बेटियां बर्तन में बैठकर प्रसव के लिए हॉस्पिटल तक जाने मजबूर है।

cgpmimenew@ भिलाई. पुलिस ने पिस्टल व कट्टा के साथ दो युवकों को गिरफ्तार किया है। एक पिस्टर तो दूसरा कट्टा समेत दो जिन्दा कारतूस रखा था। पुलिस ने आरोपी टिकेश्वर चंद्राकर और चुन्नी लाल चौहान के कब्जे से बरामद कर गिरफ्तार किया है। आरोपियों के खिलाफ धारा 25,27 आम एक्ट के तहत कार्रवाई की।
भिलाई -3 टीआई संजीव मिश्रा ने बताया कि मुखबिर से सूचना मिली कि एक युवक पिस्टल लेकर अपराध करने की नियत से घूम रहा है। तत्काल टीम गठित कर मौके पर पहुंचे। सिरसा कला निवासी आरोपी टिकेश्वर चंद्राकर उर्फ पिन्टू(36 वर्ष) पकड़ा गया। वहीं पुरैना निवासी चुन्नी लाल चौहान ने पुलिस की गाड़ी देखते ही भागने लगा। तत्काल उसका पीछा किया। करीब एक किलोमीटर तक दौड़ाते हुए जवानों ने उसे भी दबोच लिया। तलाशी ली गई तो कमर में कट्टा खोसा हुआ था। दोनों को पकड़कर थाना लाकर कार्रवाई की गई।
वीवीआईपी क्षेत्र होने के बावजूद पिस्टल व कट्टा के साथ घुम रहा था आरोपी
चौकाने वाली बात यह है कि भिलाई तीन वीवीआईपी इलाका है। जहां उक्त आरोपी पिस्टल, कट्टा और जिंदा कारतूश के साथ घूम रहे थे। बता दें इस में टिकेश्वर ऐसा आरोपी है, जो पूर्व में पदुमनगर व रसमड़ा के एटीएम कों गैस कटर से एटीएम मशीन व सहकारी केन्द्रीय बैंक में सेंधमारी की वारदात को निशाना बनाकर वारदात को अंजाम दिया था। वह जेल जा चुका है।
यूपी से खरीदा था कट्टा
आरोपी टिकेश्वर ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि सिलतरा की एक कंपनी में काम करता है। पिस्टल और कट्टा रखने का शौकीन है। उसने कंपनी में काम के दौपान एक उत्तर प्रदेश के रहने वाले से उसकी मुलाकात हुई। उसी से पिस्टल खरीदना स्वीकार किया।
वर्जन
सूचना मिलते ही टीआई संजीव मिश्रा ने टीम के साथ मौके पर दबिश दी। दोनों आरोपियों के पकडऩे में सफलता मिली। आरोपियों के कब्जे से पिस्टल, कट्टा और जिंदा कारतूस बरामद किया है। शातिर दोनों आरोपियों के खिलाफ आम्र्स एक्ट के तहत कार्रवाई की गई।

cgprimenews@बस्तर. जिले के विभिन्न गांवों में विलुप्ति की दहलीज पर पहुंच चुकी लोक कला गेड़ी नृत्य को अब बोरजे गांव के कलाकार संजोने लगे हैं और वे अपनी अगली पीढ़ी को भी ये कला सीखा रहे हैं। सरकारी प्रोत्साहन और आश्वासन से दूर ये कलाकार अभी भी अपनी कला दीगर प्रांतों में बिखेर रहे हैं। 

यहां हरेली पर्व पर गोधन न्याय योजना के शुभांरभ के अवसर पर आए गेड़ी नर्तक दल ने बताया कि अभी जिले में ये लोक कला सिमटती जा रही है। इस कला को आज भी बोरजे गांव के कलाकार संजाए हुए हैं। इस नर्तक दल के मुखिया किस्टा अंगनपल्ली ने बताया कि कुछ गांवों में बरसों तक गेड़ी नृत्य लोकप्रिय था और इसके बहुत कलाकार थे, लेकिन धीरे-धीरे ये लुप्तप्राय होते जा रहा है। इसके पीछे आधुनिकीकरण भी एक सबब है। नई पीढ़ी इसे सीखना नहीं चाहती है लेकिन वे बोरजे गांव में अपने बच्चों को इस लोक नृत्य से परे होना नहीं देना चाहते हैं। इस वजह से वे नई पीढ़ी को इसे सीखा रहे हैं। इससे ना केवल ये लोक नृत्य जीवित रहेगा बल्कि इससे गांव का नाम भी रौशन होता रहेगा। 

एक लोक नर्तक शंकर अंगनपल्ली ने बताया कि उनके गांव के सभी नर्तक दोरला जनजाति के हैं और इस जनजाति में ये लोकप्रिय है। वे अपनी संस्कृति जीवित रखना चाहते हैं। उनकी जनजाति के लोग दोरली और तेलुगू दोनों बोली-भाषा बोलते हैं। गेड़ी नृत्य के लिए एक खास पोशाक की जरूरत होती है। इसमें घुंघरू के अलावा खास अंदाज के कपड़े शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस लोक नृत्य को सरकारी तौर पर प्रोत्साहन नहीं मिलता है और ना ही कलाकारों को किसी तरह की सुविधा। 

देश में जलवा बिखेरा
इस गांव के नर्तक रायपुर और जगदलपुर में प्रस्तुति देने अक्सर जाते हैं और कई बार इन्हें पुरस्कार भी मिला है। बीजापुर मेंं हर राष्ट्रीय पर्वों पर उन्हें आमंत्रित किया जाता है। वे सुकमा, चित्रकोट, मलकानगिरी, मण्डला आदि स्थानों पर भी प्रस्तुति दे चुके हैं। पीएम के जांगला प्रवास के दौरान भी वे स्वागत में शामिल थे। 

CGPrimenews.com@दंतेवाड़ा.
दन्तेवाड़ा जिले में सोमवार को एक ही दिन 27 कोरोना मरीजों की पुष्टि हुई है। अब तक का यह सबसे बड़ा मामला है। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन फिर से लॉक डाउन लगाने की तैयारी में है। कलेक्टर दीपक सोनी ने बताया कि दन्तेवाड़ा के साथ अन्य नगरीय क्षेत्रों बचेली, गीदम और किरंदुल में 22 जुलाई की रात 12 बजे से 29 जुलाई रात 12 बजे तक लॉक डाउन करने की रणनीति बन रही है। इसका आदेश जारी कर रहे हैं। कलेक्टर सोनी ने बताया कि 27 केस इंस्टिट्यूशनल क्वारंटाइन सेंटर के और 2 होम क्वारंटाइन के मामले हैं। इसलिए ज्यादा दिक्कत नहीं है। होम क्वारंटाइन वालों की कांटेक्ट ट्रेसिंग कराई जाएगी और उसके हिसाब से अन्य लोगों को भी क्वारंटाइन में रखा जाएगा।

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