माओवादी दम्पति ने किया आत्मसमर्पण
CG Prime News@नारायणपुर। जिले में सुरक्षा बलों की बढ़ती मौजूदगी, विकास कार्यों की रफ्तार और पुनर्वास नीति के प्रभाव से माओवादी तेजी से मुख्यधारा में लौट रहे हैं। इसी कड़ी में भैरमदेव एरिया कमेटी, MMC ZONE के अंतर्गत सक्रिय माओवादी दंपति सुदेन कोर्राम उर्फ जनकू कोर्राम और सरिता पोटावी उर्फ करिश्मा ने 24 फरवरी 2025 को आत्मसमर्पण कर दिया। उन्होंने पुलिस व बीएसएफ अधिकारियों के समक्ष हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ने की घोषणा की।
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विकास और सुरक्षा के बढ़ते प्रभाव से प्रभावित
सुरक्षा बलों द्वारा अबूझमाड़ के दुर्गम इलाकों में लगातार कैंप स्थापित करने, सड़कों का निर्माण होने और नागरिक सुविधाओं के विस्तार से माओवादियों पर मनोवैज्ञानिक दबाव बढ़ रहा है। आत्मसमर्पित माओवादियों ने स्वीकार किया कि संगठन के अंदरूनी मतभेद, शोषण और बाहरी नक्सली नेताओं द्वारा स्थानीय आदिवासियों के साथ भेदभाव ने उन्हें निराश किया। सरकार की पुनर्वास नीति, जिसमें घर, रोजगार और अन्य सुविधाएं दी जाती हैं, ने भी उन्हें प्रभावित किया।
सुरक्षा बलों की रणनीति का असर
बीएसएफ और जिला पुलिस के संयुक्त अभियान “माड़ बचाओ अभियान” और निरंतर दबाव के चलते माओवादी आत्मसमर्पण को मजबूर हो रहे हैं। पुलिस अधीक्षक प्रभात कुमार, बीएसएफ 135वीं बटालियन के कमांडेंट नवल सिंह, उप महा निरीक्षक हरिंदर पाल सिंह सोही, डीआरजी की उप पुलिस अधीक्षक अमृता पैकरा सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में आत्मसमर्पण प्रक्रिया पूरी हुई।
प्रोत्साहन राशि और पुनर्वास की सुविधा
सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत दोनों माओवादियों को ₹25,000 की प्रोत्साहन राशि दी गई और पुनर्वास योजना के तहत अन्य सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। अधिकारियों ने बताया कि आने वाले समय में और भी माओवादी संगठन छोड़ सकते हैं, जिससे नक्सली संगठनों को बड़ा नुकसान होगा।
“माड़ बचाओ अभियान” से बदले हालात
सुरक्षा बलों और सरकार की रणनीति से अबूझमाड़ में बड़ा बदलाव देखा जा रहा है। बढ़ती सड़कें, रोजगार के अवसर और शिक्षा सुविधाओं के विस्तार से आदिवासी समाज विकास की ओर बढ़ रहा है। प्रशासन और सुरक्षा बलों ने माओवादियों से अपील की है कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर शांति और विकास के मार्ग को अपनाएं।
