राष्ट्र सेविका समिति दुर्ग विभाग की 5 दिवसीय शीतकालीन प्रारंभिक शिक्षा वर्ग, बेटियों को पढ़ाया दंड, यष्ठी और अनुशासन का पाठ

Rashtriya Sevika Samiti

CG Prime News@भिलाई. राष्ट्र सेविका समिति (Rashtriya Sevika Samiti) दुर्ग विभाग की 5 दिवसीय शीतकालीन प्रारंभिक शिक्षा वर्ग सरस्वती शिशु मंदिर कुम्हारी में लगाया गया था। 23 दिसंबर से 28 दिसंबर तक चले इस वर्ग में 94 बालिकाएं और युवतियां शामिल हुई। दुर्ग विभाग कार्यवाहिका राखी विश्वास ने बताया कि सभी सेविकाओं का बस एक सपना, बने कार्यकर्ता बढ़े देश अपना, का भाव जगाने के मूल उद्देश्य के साथ वर्ग का आयोजन किया गया था।

वर्ग में मुख्य शिक्षिका प्रिया साहू, विशाखा और सिमरन ने इन पांच दिनों में तेजस्वी बेटियों को दंड, यष्ठी, नियुद्ध और योगचाप का प्रशिक्षण दिया। चार सह शिक्षिकाएँ समय नियोजन और अनुशासन के साथ शिक्षार्थियों को प्रशिक्षण पूर्ण करने में सहायक रहीं। वंदे मातरम, लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर, भारतीय संस्कृति: सर्वश्रेष्ठ संस्कृति, हमारे जीवन में गुरु की महत्ता, वंदनीय मौसी एवं वंदनीय ताई जी की प्रेरक कथाएं बौद्धिक का मुख्य विषय रहा। रात्रिकालीन सत्र में प्रतिभा प्रकटीकरण, भजन संध्या और अनुभव कथन का लाभ शिक्षणार्थियों ने लिया।

राष्ट्र के प्रति दायित्व सुनिश्चित हो
समापन समारोह में वर्गाधिकारी दुर्ग जिला कार्यवाहिका नीलम कोसले, मुख्य अतिथि के रूप में स्व सहायता समूह संचालिका अहिल्या यादव और मुख्य वक्ता के रूप में प्रांत व्यवस्था प्रमुख अश्विनी नागले उपस्थिति रहीं। मुख्य अतिथि के आशीर्वचनों के साथ मुख्य वक्ता अश्विनी नागले ने हमारे जीवन के मुख्य कर्तव्य: देश सेव पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा छोटी-छोटी सेविकाएं, छोटे-छोटे कार्य कर राष्ट्र के प्रति अपने दायित्व को सुनिश्चित कर सकती हैं। पर्यावरण, जल, विद्युत संरक्षण का हमें विशेष ध्यान रखना होगा। उन्होंने वर्ग में सिखाए गए प्रात: जागरण, अनुशासन, समय- नियोजन एवं योग अभ्यास के निरंतर अभ्यास की सलाह दी। स्वयं के व्यक्तित्व का सर्वांगीण विकास कर हम राष्ट्र हित के लिए सिद्ध एवं सक्षम हो पाएंगे, यह हमें दृढ़ निश्चय करना है।

दिया गया एक-एक पौधा
पर्यावरण संरक्षण के प्रति शिक्षार्थियों में जागरूकता लाने के लिए सभी 94 शिक्षार्थी सेविकाओं को दीक्षांत के अवसर पर एक-एक पौधा वितरित किया गया। उनके संरक्षण और संवर्धन के लिए शपथ दिलाई गई। वन्देमातरम के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में कंठस्थ कराए गए राष्ट्र की जय चेतना का गान वन्देमातरम, राष्ट्र भक्ति प्रेरणा का गान वन्देमातरम गीत के सामूहिक सस्वर गायन से नई सेविकाओं में राष्ट्र हिताय समर्पण के लिए कटिबद्धता की झलक दिखी।