छत्तीसगढ़ विधानसभा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू बोलीं-छत्तीसगढिय़ा सबसे बढिय़ा

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CG Prime News@रायपुर. भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) ने छत्तीसगढ़ विधानसभा (Chhattisgarh Legislative Assembly) में विधायकों को संबोधित करते हुए शुरुआत जय जोहार कहकर किया। उन्होंने कहा कि यहां के लोग काफी अच्छे हैं इसलिए इन्हें छत्तीसगढिय़ा सबसे बढिय़ा कहा जाता है। छत्तीसगढ़ से मुझे लगाव है। मैं 5-6 बार यहां आ चुकी हूं। आप जैसे बरगढ़, संबलपुर को छत्तीसगढ़ का हिस्सा समझते हैं, हम भी रायपुर को ओडिशा का हिस्सा समझते हैं। राष्ट्रपति ने ये बातें छत्तीसगढ़ विधानसभा के रजत जयंती कार्यक्रम के मौके पर कही। इससे पहले उन्होंने जय जोहार कहकर अपने भाषण की शुरुआत की थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने छत्तीसगढ़ के एक दिवसीय प्रवास पर आज राजधानी रायपुर में रही।

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दिल की कोई दीवार नहीं

विधानसभा में राष्ट्रपति बोलीं, परिसीमन की सीमा है, लेकिन दिल की कोई दीवार नहीं है। दिल से हम सब एक। चाहे छत्तीसगढ़ हो या ओडिशा हो। इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में टोनही प्रताडऩा, खाद्य सुरक्षा सहित अब तक 565 विधेयक पारित हो चुके हैं। विधानसभा में सदस्यों की संख्या 90 है। इनमें अनुसूचित जनजाति के 30, अनुसूचित जाति के 10, ओबीसी के 35 सदस्य, सामान्य वर्ग के 15 और महिला सदस्यों की संख्या 19 है।

राष्ट्रपति के भाषण की यह रही बड़ी बातें

जगन्नाथ सिर्फ ओडिशा के नहीं है। विश्व के हैं, छत्तीसगढ़ के हैं। मंदिर में जो 56 कोटि का चावल पकता है, वो छत्तीसगढ़ का है। जिसके प्रसाद को पूरा विश्व खाता है।
250 साल पहले गुरु घासीदास ने समाज सुधार का संकल्प लिया था उसे आज आप सबको सिद्ध करना है। श्रेष्ठ छत्तीसगढ़ का निर्माण करना है।
छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद का खात्मा अंतिम चरण पर है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र के लोग विकास के मार्ग पर आगे बढऩा चाहते हैं।
छत्तीसगढ़ में विकास की असीम संभावनाएं है, यहां सीमेंट, खनिज उद्योग, स्टील, एल्युमिनियम और विद्युत उत्पादन जैसे क्षेत्रों में विकास के कई मौके हैं।
यहां के पारंपरिक लोक शिल्प की देश-विदेश में सराहना होती है। हरे-भरे जंगल, झरने मनमोह लेती हैं।
मुझे बताया गया है कि अब तक छत्तीसगढ़ विधानसभा में 565 विधेयक पारित किए गए हैं, जिसमें कई विधेयक समाज के विकास से संबंधित है।
इस सदन को छत्तीसगढ़ की माता बहनों का विशेष समर्थन मिला है। मैं महिला विधायकों से कहना चाहूंगी कि आप सब जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढऩे के लिए प्रयासरत रहें।
यह राज्य सही अर्थों में भारत माता का प्रतीक है। नारी शक्ति के संदर्भ में मिनीमाता का योगदान याद है।
छत्तीसगढ़ से संसद जाने वाली पहली महिला जन सेवक थीं और लगातार पांच बार लोकसभा में सांसद बनी। मिनीमाता ने लोगों के कल्याण और उत्थान के लिए कार्य किए थे।

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राज्यपाल ने किया स्वागत

स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर राष्ट्रपति मुर्मू का स्वागत राज्यपाल रामेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, उपमुख्यमंत्री अरुण साव, विजय शर्मा, सांसद बृजमोहन अग्रवाल, महापौर मीनल चौबे, रमेश बैस, सरोज पाण्डे, गौरीशंकर अग्रवाल, शिवरतन शर्मा सहित भाजपा के कई नेताओं ने किया।