-बाल दिवस पर जिला एवं तालुका स्तर पर जागरूकता रैली निकाली
दुर्ग@CG Prime News. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली द्वारा 2 अक्टूबर से 14 नवम्बर 2021 तक आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत विधिक जागरूकता विशेष अभियान का समापन हुआ। इस मौके पर न्यायधीस राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि आज के बच्चे कल के भारत का निर्माण करेंगे। बच्चे ही इस देश का भविष्य है।
इसलिए ये जरूरी है कि उनकी शिक्षा एवं कल्याण पर विशेष ध्यान दिया जाए । हम जितनी बेहतर तरह से बच्चों की देखभाल करेंगे राष्ट्र निर्माण भी उतना ही बेहतर होगा।

इस अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव ने हरी झंडी दिखाकर जागरूकता रैली निकाली। रैली में 37 बटालियन सीनियर विंग के एनसीसी के लगभग 287 कैडेट्स, पैरालीगल वालिन्टियर्स, पैनल अधिवक्ता हिस्सा लिए। विधिक जागरूकता रैली के शुभारंभ कार्यक्रम में जिला न्यायालय के न्यायाधीशगण, परिवार न्यायालय के न्याायाधीश, श्रम न्यायालय के न्यायाधीश, स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष, जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष व सचिव पदाधिकारीगण, अधिवक्तागण, तृतीय श्रेणी न्यायिक कर्मचारी संघ के अध्यक्ष, पैरालीगल वालिन्टियर्स, पैनल अधिवक्ता एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के समस्त तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी उपस्थित थे।

बच्चों के सर्वागिंक विकास के लिए सरकार की योजनाओं को समझना जरूरी
न्यायधीस राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि बाल दिवस समारोह का आयोजन देश के भविष्य के निर्माण में बच्चों के महत्व को बताता है। बच्चे राष्ट्र की बहुमूल्य सम्पत्ति होने के साथ ही भविष्य और कल की उम्मीद हैं, इसलिए उन्हें उचित देख-रेख और प्यार मिलना चाहिए। बच्चों के विकास, उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य को लेकर सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं। लेकिन आज भी बहुत से बच्चों को उनका अधिकार नहीं मिल पाता है। उन्होंने कहा कि बाल दिवस का अर्थ पूर्ण रुप से तब तक सार्थक नहीं हो सकता, जब तक हमारे देश में हर बच्चे को उसके मौलिक बाल अधिकारों की प्राप्ति ना हो जाए। बाल शोषण और बाल मजदूरी का पूरी तरह से खात्मा होना चाहिए। आर्थिक कारणों से कोई बच्चा शिक्षा पाने से वंचित नहीं रहना चाहिए। बाल कल्याण के लिए चल रही सभी योजनाओं का लाभ बच्चों तक पहुंचना चाहिए। बाल दिवस के अवसर पर हम सब को मिलकर बाल अधिकारों के प्रति जागरुकता फैलानी चाहिए।

नशा बच्चों के भविष्य का घून है
न्यायधीस ने कहा कि घर में कोई नशा करता हो तो बच्चे को यह सीखते हुए भी देर नहीं लगती। कुछ मामले में और भी कम आयु में उन्हें इन नशीले पदार्थों की लत लग जाती है। मां बाप इस बात से अनभिज्ञ रहते हैं। बच्चे की इस आदत के बारे में जब पता भी चलता है तो काफी देर हो चुकी होती है। ऐसे में मां बाप को अपने बच्चों से बातचीत करते रहनी चाहिए। इन टिप्स की मदद से आप अपने बच्चे को नशे के अंधेरे से दूर रख सकते हैं। बचपन से ही बताएं कि नशीले पदार्थ कैसे होते हैं। उन्हें खाने से क्या होता है। उन्हें क्यों नहीं खाना पीना चाहिए।
