@Dakshi sahu Rao
CG Prime News@भिलाई. भिलाई एजुकेशन ट्रस्ट द्वारा संचालित भिलाई महिला महाविद्यालय में आइकयूएसी द्वारा 24 जुलाई को भारतीय नागरिक सुरक्षा एवं भारतीय साक्ष्य अधिनियम परिवर्तित कानून पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एडवोकेट दीर्घेश कुमार शर्मा, विशिष्ट अतिथि के रूप में मोहन नगर थाना प्रभारी नवी मोनिका पांडे उपस्थित थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्या डॉ. संध्या मदन मोहन ने की। आइकयूएसी प्रभारी डॉ. भारती वर्मा ने कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की।
कार्यशाला में प्राचार्य डॉक्टर संध्या मदन मोहन ने साक्ष्य अधिनियम एवं नागरिक सुरक्षा अधिनियम पर प्रकाश डालते हुए अतिथियों का संक्षिप्त परिचय प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि हमारे पौराणिक न्याय की जो कल्पना है वह समग्र विश्व के न्याय दर्शन में सबसे उदार कल्पना है। इस आधार पर नए कानून में सभी व्याख्या को लिया गया है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एडवोकेट दीर्घेश कुमार शर्मा ने कहा कि नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय दंड संहिता का समय सीमा के अंदर घटना की सूचना देना तथा प्रकरण का शीघ्र ही निर्णय अधिकतम 3 वर्षों के अंदर प्रदान कर दिया जाना है। उन्होंने बताया कि महिलाओं और बच्चों के लिए निर्धारित धाराओं को भी प्राथमिकता के क्रम पर लिए जाने का प्रावधान है। भारतीय आतंकवाद, आजीवन कारावास के नियमों में भी कसावट लाई गई है। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि मोहन नगर थाना प्रभारी टीआई नवी मोनिका पांडेय ने कहा कि भारतीय साक्ष्य अधिनियम में कई बदलाव किए गए हैं।
इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को दस्तावेज की परिभाषा में शामिल कर दिया गया है। अब किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को दस्तावेज माना जाएगा। इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल रिकॉर्ड की कानूनी स्वीकार्यता को अब कोई भी को कोर्ट में चुनौती नहीं दे पाएगा। थाना प्रभारी पांडेय ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक रूप से प्राप्त बयान को साक्षी की परिभाषा में शामिल कर दिया गया है।। कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त विभागों के विभागाध्यक्ष सहित अन्य प्राध्यापक गण, छात्राओं ने कार्यशाला का लाभ प्राप्त किया। कार्यक्रम का संचालन वाणिज्य विभाग के डॉ. निधि मोनिका शर्मा ने किया।