अस्पताल में अंडा खाने की सजा बर्खास्त की
CG Prime News.भिलाई। सुपेला के नंद गोपाल चाइल्ड एंड मेटरनिटी केयर अस्पताल (hospital) में एक महिला नर्स को सिर्फ अंडा (age) खाने के कारण नौकरी से निकाल दिया गया। अस्पताल प्रबंधन ने 14 फरवरी को नर्स रिंकी यादव को मीटिंग के बहाने बुलाया और अचानक टर्मिनेशन लेटर थमा दिया। इस घटना के बाद अस्पताल प्रबंधन की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं। नर्स ने लेबर कोर्ट और पुलिस में जाने की चेतावनी दी है, जिससे मामला और तूल पकड़ सकता है।
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रिंकी यादव ने बताया कि वह बीमार थी और 10 दिन पहले रात के खाने में अंडा लेकर गई थी। लेकिन अस्पताल में अंडा खाना प्रतिबंधित होने का हवाला देते हुए उसे नौकरी से हटा दिया गया। हैरानी की बात यह रही कि अस्पताल प्रबंधन ने पहले सर्विस खराब होने की बात कहकर बर्खास्त किया, लेकिन जब मामला बढ़ा तो अगले ही दिन दूसरा लेटर देकर उसकी मेहनत और सेवाओं की तारीफ की।
अस्पताल पर गंभीर आरोप, स्टाफ और मरीज परेशान
रिंकी यादव ने अस्पताल पर कई चौंकाने वाले आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि अस्पताल में आयुष्मान कार्ड से इलाज होने के बावजूद मरीजों से जबरन पैसे वसूले जाते हैं और आईसीयू का अतिरिक्त चार्ज लगाया जाता है। मरीजों की देखभाल में लापरवाही की जाती है और स्टाफ के साथ दुर्व्यवहार आम बात है।
महिला ने की आत्महत्या की कोशिश, गलत इंजेक्शन लगाने का मामला
नर्स ने यह भी खुलासा किया कि कुछ दिनों पहले एक इलेक्ट्रिशियन की पत्नी ने अस्पताल की छत से कूदकर आत्महत्या की कोशिश की थी, लेकिन स्टाफ ने उसे बचा लिया। वहीं, एक स्टाफ नर्स द्वारा एक बच्चे को गलत इंजेक्शन लगाए जाने का भी मामला सामने आया है, जिससे उसे यूरिन इन्फेक्शन हो गया।
सीईओ का बयान – अस्पताल में अंडा खाना मना है
अस्पताल के सीईओ जितेंद्र शर्मा ने कहा, “हमारे अस्पताल में अंडा खाना सख्त मना है। रिंकी यादव की सर्विस अच्छी नहीं थी और वह स्टाफ से बदतमीजी करती थी, इसलिए उसे नियमों के तहत निकाला गया है।”
