@Dakshi sahu Rao
CG Prime News@जांजगीर-चांपा. CGBSE Result 2024: सीजी बोर्ड का रिजल्ट आते ही प्रदेश में दो छात्राओं ने मौत को गले लगा लिया। बोर्ड रिजल्ट के दूसरे दिन फेल होने पर दोनों छात्राओं ने आत्महत्या कर ली। पहला मामला जांजगीर-चांपा जिले का है। जहां 12 वीं की छात्रा ने दो विषय में फेल होने पर घर में ही चुनरी का फंदा बनाकर सुसाइड कर लिया। वहीं दूसरे मामले में बलरामपुर जिले के पुरषोत्तमपुर में दसवीं की परीक्षा में 2 विषयों में फेल होने से व्यथित छात्रा ने घर में फांसी लगा ली। रिजल्ट आने के बाद से छात्रा लगातार रो रही थी। परिजनों ने उसे समझाइश भी दी थी, लेकिन सुबह 9 बजे उसने आत्महत्या कर ली। घटना रामानुजगंज थाना क्षेत्र की है।
परिजनों ने सोचा सो रही सुबह खत्म कर ली थी जिंदगी
जानकारी के मुताबिक जांजगीर-चांपा जिले के सेंदरी गांव की छात्रा निशा मानिकपुरी सेंदरी शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल में 12वीं की छात्रा थी। जब गुरुवार को निशा ने रिजल्ट चेक किया तो फिजिक्स और रसायन में फेल हो गई। परिजनों ने पुलिस को बताया कि गुरुवार को परिवार के सभी सदस्य रात में खाना खाकर अपने-अपने कमरे में सोने चले गए थे। निशा भी अपने कमरे में जाकर सो गई थी, लेकिन देर रात पंखे में चुनरी को रस्सी बनाकर झूल गई। जिससे उसकी मौत हो गई। सुबह जब घर वाले उठे तो छात्रा फंदे पर झूलते हुए मिली थी। पुलिस ने परिजनों की सूचना के बाद मामले की जांच शुरू कर दी है।
बेटी को समझाया था, वो रो रही थी
बलरामपुर जिले के पुरषोत्तमपुर में दसवीं की परीक्षा में 2 विषयों में पूरक होने से व्यथित छात्रा ने घर में फांसी लगा ली। रिजल्ट आने के बाद से छात्रा लगातार रो रही थी। परिजनों ने उसे समझाइश भी दी थी, लेकिन सुबह 9 बजे उसने आत्महत्या कर ली। घटना रामानुजगंज थाना क्षेत्र की है। छात्रा रेखा सिंह के पिता मनोज सिंह ने बताया कि रिजल्ट देखकर रेखा रो रही थी। परिवार ने उसे समझाया था कि वह दोबारा मेहनत कर पास हो जाएगी, लेकिन उसने खौफनाक कदम उठा लिया। रेखा सिंह कस्तूरबा गांधी छात्रावास रामानुजगंज में रहकर गल्र्स स्कूल रामानुजगंज में पढ़ती थी। घटना से परिवार के सदस्य सदमे में हैं।
एक्सपर्ट: जीवन बहुत कीमती है- चिरंजीव जैन
सचदेवा न्यू पीटी कॉलेज के डायरेक्टर और सर्टिफाइड पैरेटिंग कोच चिरंजीव जैन ने बताया कि हर साल कई बच्चे रिजल्ट को जीवन का अंतिम परिणाम मानकर मौत को गले लगा लेते हैं। मैं सभी बच्चों और पैरेंट्स से कहना चाहता हूं कि आप अपने बच्चे का हाथ थामकर रखें। उन्हें प्यार से समझाए कि एक रिजल्ट आपका भविष्य निर्धारित नहीं कर सकती। रिजल्ट सुधारने का दूसरा मौका भी मिलेगा। बस आपको धैर्य से काम लेना है। पैरेंट्स भी अपने बच्चों से कहे कि वो उनका फेल्यिर सेलिब्रेट करने को तैयार है। अगली बार बच्चे को दोगुनी मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित करें। बच्चों को समझाए कि जीवन बहुत कीमती है। लोग क्या कहेंगे इस बात से डरने की बजाय अपना कॉन्फिडेंस बनाकर रखें। एक न एक दिन जरूर सफलता मिलेगी।
