किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी! अब इन्हें भी मिलेगा कृषक उन्नति योजना का लाभ, साय कैबिनेट ने लिया फैसला

रायपुर। छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने बुधवार को मंत्रालय महानदी भवन में कैबिनेट मीटिंग की गई। इस मीटिंग में कई बड़े फैसले लिए गए है। किसानों के हित में सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। बता दें कि अब रेगहा-अधिया खेती करने वाले किसानों को भी छत्तीसगढ़ सरकार की कृषक उन्नति योजना का लाभ मिलेगा।

मंत्रिपरिषद ने बैठक में ‘‘कृषक उन्नति योजना‘‘ के दिशा-निर्देशों में संशोधन करते हुए इसका लाभ प्रदेश के ऐसे सभी किसानों, जिनसे खरीफ मौसम में सहकारी समिति एवं छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषक विकास निगम लिमिटेड के माध्यम से धान/धान बीज का उपार्जन किया गया हो, उन्हें आदान सहायता राशि दिए जाने का निर्णय लिया है।

हजारों किसानों को सीधा लाभ मिलेगा

सरकार ने खेती-किसानी से जुड़े मुद्दों को भी नजरअंदाज नहीं किया। अब रेगहा, बटाई, लीज और डूबान क्षेत्र में खेती करने वाले किसानों को भी कृषक उन्नति योजना का लाभ मिलेगा। पहले यह सुविधा सीमित वर्ग को ही मिलती थी, लेकिन अब जिन किसानों ने खरीफ सीजन में धान या बीज की बिक्री सहकारी समितियों या निगमों के माध्यम से की है, उन्हें भी आदान सहायता राशि दी जाएगी। इससे हजारों किसानों को सीधा लाभ मिलेगा, खासकर उन लोगों को जो अब तक योजना के दायरे से बाहर थे।

क्या है उन्नति कृषक योजना?

आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने के उद्देश्य से कृषक उन्नति योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को उचित मूल्य पर उनकी फसल बेचने का मौका देना और कृषि के लिए उन्नत तकनीकों को बढ़ावा देना है। इसके माध्यम से धान की खरीदी, आधुनिक कृषि यंत्रों का उपयोग और नवीन कृषि तकनीकों में निवेश को प्रोत्साहन दिया जा रहा है।

बर्खास्त बीएड शिक्षकों का होगा समायोजन

वहीं सरकार ने 2023 की सीधी भर्ती में सेवा समाप्त किए गए 2621 बी.एड. डिग्रीधारी सहायक शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। अब इन सभी शिक्षकों को सहायक शिक्षक (विज्ञान प्रयोगशाला) के पद पर समायोजित किया जाएगा। मीटिंग में यह फैसला लिया गया कि सभी सहायक शिक्षक विज्ञान प्रयोगशाला के पद पर एडजस्ट किए जाएंगे। नवा रायपुर के तूता धरना स्थल में बीते 126 दिनों से बर्खास्त बीएड सहायक शिक्षक आंदोलन कर रहे थे।

अलग-अलग तरीके से किया था प्रदर्शन

बर्खास्त बीएड शिक्षकों ने 18 अप्रैल को सीएम विष्णुदेव साय से मुलाकात की थी। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने यह आंदोलन समाप्त किया था। इससे पहले शिक्षकों ने सामूहिक मुंडन, अंगारों पर चलना, रैली निकालकर अलग-अलग तरीके से अनोखा प्रदर्शन किया था।