सचिन पायलट पहुंचे छत्तीसगढ़, नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत से पूछा– आप सीएम विष्णुदेव साय पर जुबानी हमला करने से क्यों बचते हैं, क्या उनसे डर लगता है?

रायपुर. कांग्रेस के सीनियर लीडर सचिन पायलट Sachin Pilot is in cg दो दिवसीय दौरे पर सोमवार को रायपुर पहुंचे। यहां उन्होंने राजीव भवन में कांग्रेस पदाधिकारियों की मैराथन बैठक ली। इस बीच पॉलिटिकल अफेयर्स की मीटिंग में गहमागहमी का माहौल रहा। भूपेश बघेल ने अनुशासनहीनता को लेकर नाराजगी भी जताई। इसके अलावा बताया जा रहा है कि ,उन्होंने चरणदास महंत से भी पूछा कि, आप मुख्यमंत्री पर हमला करने से क्यों बचते हैं? उन्होंने कहा कि, आप नेता प्रतिपक्ष हैं और नेता प्रतिपक्ष को सरकार के खिलाफ मुखर होना चाहिए।

प्रदेश की भाजपा सरकार पर पायलट ने बोला हमला

छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट ने रायपुर में कहा कि प्रदेश की कानून व्यवस्था लचर हो गई है। ऐसा लगता है कि यहां दिल्ली से सबकुछ मैनेज हो रहा, रायपुर का नियंत्रण कम है। जिन्हें शासन चलाने के लिए जनता से आशीर्वाद मिला है, वो भी हर निर्णय के लिए दिल्ली की ओर देख रहे हैं।

पायलट ने अमित शाह के नक्सलियों को सोने नहीं देंगे वाले बयान पर कहा कि हम हिंसा के खिलाफ हैं, लेकिन कार्रवाई पारदर्शी और संवेदनशील तरीके से होनी चाहिए। आंतरिक सुरक्षा का विषय है इसलिए, सबको विश्वास में लेकर कार्रवाई की जानी चाहिए।

बैठक में जताई नाराजगी

बताया जा रहा है कि, बैठक में सीनियर नेताओं ने नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि, उन्हें जिम्मेदारी नहीं दी जा रही है। जबकि सीनियर नेताओं के अनुभवों का लाभ लेना चाहिए। वहीं भूपेश बघेल ने कहा कि, कोई भी नेता कुछ भी बयान दे देता है। किसी के खिलाफ कोई भी टिप्पणी कर देता है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती।

मीडिया से कहा रिपोर्ट लूंगा

रायपुर एयरपोर्ट पर मीडिया से चर्चा करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस विधायकों ने सदन में प्रभावशाली तरीके से मुद्दे उठाए हैं। अब पार्टी राज्य के प्रमुख मुद्दों पर रणनीतिक चर्चा करेगी। पार्टी के कार्यकारिणी सदस्य, जिला कांग्रेस अध्यक्ष और संगठन के प्रमुख विभागों की बैठकें होंगी।

पायलट ने बताया कि अब तक के कार्यों की रिपोर्ट ली जाएगी और 2025 के लिए संगठन की रूपरेखा तैयार की जाएगी। इस साल को राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खडग़े ने संगठन के लिए समर्पित किया है। बूथ से लेकर प्रदेश स्तर तक संगठन में जो बदलाव जरूरी हैं, उन पर चर्चा होगी।