Big Breaking News: बिलासपुर में रेप पीड़िता ने किया हंगामा, सीएम काफिले के सामने बैठी 15 मिनट तक करना पड़ा इंतजार

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CG Prime News@भिलाई. छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक रेप पीड़िता ने जमकर बवाल किया। वह मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के काफिले के सामने बैठ गई। न्याय की गुहार लगाने लगी। उसका आरोप है कि आरोपी किशन पटेल उसके साथ बलात्कर किया। जेल से छूटने के बाद वह घर आया है। उसके साथ अत्याचार कर रहा है और केस वापस लेने दबाव बना रहा है। आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगी। तब आनन फानन में महिला पुलिस पहुंची और उसे पकड़कर जबरिया हटाया। इसके बाद उनका काफिला रवाना हुआ।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का बिलासपुर में प्रोग्राम था, जिसमें शामिल होने जा रहे थे। इस बीच रेप पीड़िता अपने बच्चे को लेकर अचानक रास्ते में बैठ गई। जिसकी भनक मुख्यमंत्री की सुरक्षा में लगे अधिकारी और संबंधित थाना क्षेत्र की पुलिस को नहीं लगी। जैसे ही मुख्यमंत्री का काफिला रूका। तब सुरक्षा जवानों में अफरा-तफरी मच गई। दौड़ते भागते महिला पुलिस पहुंची। उसे रास्ते से हटाने लगे, लेकिन वह चिल्ला-चिल्ला कर बोलने लगी। न्याय नहीं मिला तो वह आत्महत्या कर लेगी। महिला पुलिस ने उसको बलपूर्वक पकड़ कर रास्ते से हटाया। इस पूरे हंगामा के बीच 15 मिनट तक मुख्यमंत्री के काफिले को इंतजार करना पड़ा। इसके बाद काफिला रवाना हुआ।

पुलिस पर गंभीर आरोप

रेप पीड़िता ने अपनी बात को रखने के लिए जमकर हंगामा किया। महिला ने आरोप लगाया कि सिविल लाइन पुलिस उसकी शिकायत को गंभीरता से नहीं ले रही है और आरोपी के खिलाफ कार्रवाई में जानबूझकर देरी कर रही है। वह भारी मशक्कत के बाद कलेक्टर के पास पहुंची और अपनी पीड़ा सुनाई। कलेक्टर के आदेश पर 19 नवम्बर को पुलिस ने आरोपी किशन पटेल के खिलाफ धारा 296, 115(2),351(2), 3(5) और लैंगिग अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 4 के तहत प्रकरण दर्ज किया है।

प्रशासन पर उठ रहे सवाल

इस घटना ने राज्य में कानून व्यवस्था और पीड़ितों की शिकायतों को लेकर पुलिस और प्रशासन की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मुख्यमंत्री के काफिले के सामने इस तरह की घटना सरकार और पुलिस के लिए एक गंभीर चेतावनी है।

हंगामे की मुख्य बातें:

  1. आरोप और पुलिस की लापरवाही: महिला का आरोप है कि रेप के आरोपी ने जेल से छूटने के बाद उसे और उसके बच्चों को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। उसने यह भी दावा किया कि आरोपी ने उसके बच्चों के साथ घिनौनी हरकतें कीं, लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट लिखने में टालमटोल की और कार्रवाई में देरी की।
  2. सीएम काफिले को रोककर प्रदर्शन: न्याय की मांग को लेकर पीड़िता ने करीब 15 मिनट तक सीएम के काफिले को रोके रखा। इस दौरान उसने जोर-जोर से अपनी आपबीती सुनाई और न्याय की गुहार लगाई।
  3. विधायक का हस्तक्षेप: बेमेतरा विधायक सुशांत शुक्ला ने मौके पर पहुंचकर महिला से बातचीत की और न्याय का आश्वासन दिया।
  4. वीडियो बनाकर आरोप साबित करने की कोशिश: महिला ने अपने साथ हुई मारपीट का वीडियो भी बनाया और इसे प्रशासन के सामने प्रस्तुत किया।