CG Prime News @दुर्ग. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM modi) ने वर्चुअल माध्यम से भारतीय सर्वेक्षण विभाग, राज्य के राजस्व विभाग तथा पंचायत राज्य विभाग के सहयोग से गांव के घरों के मालिकों को अधिकारों का रिकार्ड प्रदान करने हितग्राहियों को स्वामित्व योजना अंतर्गत संपत्ति कार्ड वितरित किया। कार्यक्रम प्रदेश के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा की मुख्य आतिथ्य में ऑडिटोरियम भिलाई प्रद्योगिकी संस्था (बीआईटी) दुर्ग में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में स्वामित्व योजना अंतर्गत संपत्ति अधिकारों की ओर एक कदम’ के तहत 10,325 हितग्राहियों को संपत्ति कार्ड का वितरण किया गया।
दुर्ग जिले के तहसील दुर्ग के 5 ग्राम के कुल 1973 हितग्राही, तहसील धमधा के 9 ग्राम के कुल 1680 हितग्राही, तहसील पाटन के 13 ग्राम के 3065 हितग्राही, तहसील बोरी के 11 ग्राम के 2694 हितग्राही एवं तहसील अहिवारा के 2 ग्राम के 913 हितग्राही सहित कुल 40 ग्रामों के 10325 हितग्राहियों को अधिकार अभिलेख (संपत्ति कार्ड) वितरित किया गया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कार्यक्रम में वर्चुअली सम्मिलित हुए। प्रधानमंत्री के संबोधन का लाईव प्रसारण किया गया। उन्होंने सभी हितग्राहियों को शुभकामनाएं प्रेषित की। उन्होंने कहा 21वीं सदी की इस दुनिया में क्लाइमेट चेंज, पानी की कमी स्वास्थ्य का संकट, महामारियां जैसी कितनी ही चुनौतियां है। विश्व के सामने एक और बहुत बड़ी चुनौती रही है जो है प्रॉपर्टी राइट्स की। संयुक्त राष्ट्र के अध्ययन के अनुसार यह सामने आया कि दुनिया के कई लोगों के पास अपनी प्रॉपर्टी के पक्के कानूनी दस्तावेज है ही नहीं।
पीएम मोदी ने कहा कि सयुक्त राष्ट्र ने साफ तौर पर कहा कि यदि किसी देश की गरीबी कम करनी है तो जरूरी है कि उस देश के लोगों के पास उनकी प्रॉपर्टी राइट्स हो। दुनिया की इस बड़ी चुनौती से भारत भी अछूता नहीं था। देश के गांवों के लोगों के पास कई संपत्ति रहने के बावजूद उनके पास कानूनी दस्तावेज नहीं होते थे। इस समस्या के समाधान की लिए स्वामित्व योजना लाई गई। जिसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि की मालिकाना हक को रिकॉर्ड करना और भूमि के स्वामित्व का डिजिटल सत्यापन करना है। इसके तहत ग्राम पंचायतों में निवासियों को भूमि स्वामित्व कार्ड (प्रॉपर्टी कार्ड) दिए जा रहे है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अवगत कराया देश में 6 लाख से अधिक गांव है। इनमें से स्वामित्व योजना ने 3.17 लाख गांवों में ड्रोन सर्वेक्षण के माध्यम से ग्रामीण भूमि के दस्तावेजीकरण में प्रगति की है। अब तक 1.53 लाख गांवों के लिए संपत्ति कार्ड तैयार किए गए हैं और कुल 2.25 करोड़ संपत्ति कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश ने ड्रोन सर्वेक्षण में शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल किया है, जबकि हरियाणा और उत्तराखंड ने 100 प्रतिशत संपत्ति कार्ड तैयार कर नई ऊंचाईयों को छुआ है। महाराष्ट्र और गुजरात ने भी 98 प्रतिशत से अधिक प्रगति के साथ बेहतर प्रदर्शन किया है। कानूनी दस्तावेज मिलने के बाद कई लाख युवकों ने अपने घर और संपत्ति के आधार पर बैंकों से लोन लिए और अपना छोटा-मोटा व्यापार शुरू किया। इनके लिए ये संपत्ति कार्ड इनकी आर्थिक सुरक्षा की गारंटी बनी।