PM मोदी ने मन की बात में बस्तर ओलंपिक की जमकर तारीफ की, कहा खिलाड़ी कारी, पायल और पुनेम की कहानी ने किया प्रेरित

PM MODI

CG Prime News@रायपुर. मन की बात में पीएम मोदी (PM Modi) ने बस्तर ओलंपिक (bastar olympic 2024) की जमकर तारीफ की है। उन्होंने बस्तर ओलंपिक में शामिल खिलाडिय़ों के संघर्ष की कहानी भी बताई। साथ ही देश के कई राज्यों में भी शुरू करने की अपील की है। पीएम ने कहा कि जहां नक्सल हिंसा रही, वहां नई क्रांति जन्म ले रही है। खिलाड़ी कारी कश्यप की कहानी मुझे बहुत प्रेरित करती है। मोदी ने कहा कि एक छोटे से गांव से आने वाली कारी जी ने तीरंदाजी में रजत पदक जीता है। वे कहती हैं कि बस्तर ओलिंपिक ने हमें सिर्फ खेल का मैदान ही नहीं, जीवन में आगे बढऩे का अवसर दिया है।

बस्तर यूथ आइकन चुना रंजू को
प्रधानमंत्री ने कहा कि, सुकमा की पायल कवासी की बात भी कम प्रेरणादायक नहीं है। जैवलिन थ्रो में स्वर्ण पदक जीतने वाली पायल जी कहती हैं कि, अनुशासन और कड़ी मेहनत से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है। कोडागांव के तीरंदाज रंजू सोरी को ‘बस्तर यूथ आइकन चुना गया है। उनका मानना है कि बस्तर ओलंपिक दूर-दराज के युवाओं को राष्ट्रीय मंच तक पहुंचाने का अवसर दे रहा है। पीएम ने कहा कि, सुकमा के दोरनापाल के पुनेम सन्ना की कहानी तो नए भारत की प्रेरक कथा है। एक समय नक्सली प्रभाव में आए पुनेम आज व्हीलचेयर पर दौड़कर मेडल जीत रहे हैं। उनका साहस और हौसला हर किसी के लिए प्रेरणा है।

1 लाख 65 हजार खिलाडिय़ों ने हिस्सा लिया
पीएम मोदी ने मन की बात (pm modi mann ki baat) में कहा कि बस्तर ओलंपिक में एथलेटिक्स, तीरंदाजी, बैडमिंटन, फुटबॉल, हॉकी, कराटे, कबड्डी, खो-खो और वॉलीबॉल हर खेल में हमारे युवाओं ने अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है। मेरे लिए यह बहुत ही खुशी की बात है कि, बस्तर ओलिंपिक का सपना साकार हुआ है। यह उस क्षेत्र में हुआ, जो कभी माओवादी हिंसा का गवाह रहा है। बस्तर ओलिंपिक में 7 जिलों के 1 लाख 65 हजार खिलाडिय़ों ने हिस्सा लिया है। यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है। यह हमारे युवाओं के संकल्प की गौरव-गाथा है।

सरेंडर नक्सली भी हुए शामिल
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित संभाग में बस्तर ओलंपिक की शुरुआत हुई। इसकी खास बात ये रही कि शहरों और गांवों के खिलाडिय़ों के साथ ही सरेंडर नक्सलियों ने भी हिस्सा लिया। इसी महीने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बस्तर पहुंचे थे। उन्होंने इसका समापन किया। बस्तर ओलंपिक में सरेंडर नक्सली खिलाड़ी 318 और नक्सल हिंसा से ग्रसित 18 खिलाड़ी थे।

सीएम ने जताया आभार
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि बस्तर ओलिंपिक के सफल आयोजन पर आपके प्रोत्साहन के लिए सभी प्रदेशवासियों की ओर से आभार। आपके कुशल मार्गदर्शन में हमारी सरकार बस्तर में बदलाव और यहां के लोगों के जीवन में खुशहाली लाने संकल्पित है। साय ने कहा कि सुकमा की पायल कवासी, दोरनापाल के पुनेम सन्ना, कोंडागांव के तीरंदाज रंजू शोरी और कारी कश्यप ने अपनी बेहतरीन खेल प्रतिभा से मेडल जीता और बस्तर का मान बढ़ाया है। बस्तर में अब बंदूक की आवाज नहीं, खेलों का शोर सुनाई देता है, हंसते-खेलते लोगों के चेहरे दिखाई देते हैं।