CG Prime News@रायपुर. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Central home minister Amit shah) के बस्तर दौरे से पहले छत्तीसगढ़ में नक्सली बैकफुट पर आ गए हैं। नक्सलियों ने स्वयं एक पर्चा जारी करके सरकार को शांति वार्ता (Peace talks) का प्रस्ताव दिया है। नक्सलियों के केंद्रीय समिति के प्रवक्ता अभय ने एक पर्चा जारी किया है। जिसमें अभय ने कहा कि, पिछले 15 महीनों में उनके 400 साथी मारे गए हैं। अगर राज्य और केंद्र सरकार नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन रोकती है, तो हम शांति वार्ता के लिए तैयार हैं।
यह है लिखा है नक्सलियों के पर्चे में
माओवादियों के केंद्रीय समिति के प्रवक्ता अभय के द्वारा जारी किए गए पर्चे में लिखा है कि, जब हमारे दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के सदस्य और माओवाद संगठन के प्रतिनिधि विकल्प ने शांति वार्ता के लिए अपनी शर्त रखी थी कि जवानों को कैंप तक ही रखा जाए। ऑपरेशन (Anti naxal operation in chhattisgarh) को बंद किया जाए। जिसके बाद बातचीत करेंगे। इन शर्तों का जवाब दिए बगैर लगातार ऑपरेशन चलाए गए। पिछले 15 महीने में हमारे 400 से अधिक नेता, कमांडर, पीएलजीए के कई स्तर के लड़ाके मारे गए हैं।
बिना शर्त युद्ध विराम की घोषणा
नक्सली नेता अभय ने तेलगु भाषा में पर्चा जारी किया है। इसमें लिखा है कि, 24 मार्च को हैदराबाद में संगठन की एक बैठक हुई थी। जिसमें बिना किसी शर्त के शांति वार्ता के लिए आगे आने और बातचीत कर युद्धविराम की घोषणा करनी चाहिए इस पर बात हुई। अभय ने लिखा है कि, छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री विजय शर्मा ने शांति वार्ता के लिए पहल की थी। बता दें कि 4 अप्रैल को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। 5 अप्रैल को वे बस्तर दौरे पर रहेंगे।
अमित शाह सुरक्षा बलों के साथ करेंगे मीटिंग
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने जानकारी दी है कि अमित शाह अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान बस्तर पंडुम महोत्सव के समापन समारोह में शामिल होंगे और नक्सल विरोधी अभियानों में शामिल सुरक्षाबलों के अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करेंगे। चार अप्रैल की रात को शाह रायपुर पहुंचेंगे और अगले दिन सुबह बस्तर क्षेत्र के दंतेवाड़ा जाएंगे। दंतेवाड़ा में मां दंतेश्वरी मंदिर में पूजा करेंगे और बाद में बस्तर पंडुम के समापन समारोह में शामिल होंगे।
सकारात्मक माहौल में शांति प्रस्ताव की पहल
नक्सलियों की ओर से जारी पर्चे में लिखा गया है कि सैकड़ों लोगों को गिरफ्तार किया गया और उन्हें जेल में डाल दिया गया है। ऐसे में अब जनता के हित में हम सरकार से शांति वार्ता के लिए तैयार हैं। नक्सली लीडर अभय ने कहा कि, इस मौके पर हम केंद्र और राज्य सरकार के सामने शांति वार्ता के लिए सकारात्मक माहौल बनाने का प्रस्ताव रख रहे हैं।
इसके लिए हमारा प्रस्ताव है कि केंद्र और राज्य सरकारें छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र (गढ़चिरौली), ओडिशा, झारखंड, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में ऑपरेशन के नाम पर हत्याओं और नरसंहार को रोकें। नए सशस्त्र बलों के कैंप की स्थापना रोकें। अगर केंद्र और राज्य सरकारें इन प्रस्तावों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देती हैं, तो हम तुरंत युद्धविराम की घोषणा कर देंगे।
2026 तक नक्सलियों को खत्म करने का डेडलाइन
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अगस्त 2024 और दिसंबर 2024 को छत्तीसगढ़ के रायपुर और जगदलपुर आए थे। वे यहां अलग-अलग कार्यक्रमों में शामिल हुए थे। इस दौरान उन्होंने अलग-अलग मंच से नक्सलियों को चेताते हुए कहा था कि हथियार डाल दों। हिंसा करोगे तो हमारे जवान निपटेंगे। उन्होंने एक डेडलाइन भी जारी की थी कि 31 मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद का खात्मा कर दिया जाएगा। शाह की डेडलाइन जारी करने के बाद से बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन काफी तेज हो गए हैं।
