CG Prime News@भिलाई. भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव (MLA Devendra yadav) की विधानसभा (CG ViDHANSABHA 2024) की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति सम्बन्धी याचिका बलौदाबाजार कोर्ट ने खारिज कर दी है। यादव ने 16 से 20 दिसम्बर तक चलने वाली चार दिनी कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति देने का आग्रह कोर्ट से किया था। बलौदाबाजार कोर्ट ने कहा है कि उनके कोर्ट के अलावा अन्य तीन न्यायालयों में भी प्रोटक्शन वारंट है अर्थात उनके विरुद्ध कई मामले दर्ज है।उसे न्यायिक कार्यवाही में भी भाग लेना होगा।
देवेन्द्र यादव की ओर से अनादिशंकर मिश्र अधिवक्ता उपस्थित थे. उन्होंने कोर्ट से आग्रह किया कि छ.ग. विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 65 भिलाई नगर का निर्वाचित विधायक होकर विधानसभा का सदस्य है। 16.12 2024 से 20.12.2024 तक विधानसभा सत्र चलना है। इस सत्र में 4 बैठक होगी. विधानसभा सत्र में वित्तीय कार्य के साथ अन्य कार्य संपादित किए जाने की सूचना है। वह अपने विधानसभा का सदस्य होकर विधानसभा सत्र में सम्मिलित होकर अपने क्षेत्र की भिन्न-भिन समस्याओं एवं विकास कार्य के संदर्भ में महत्वपूर्ण प्रश्न पूछना है एवं विधानसभा के सत्र में पटल पर रखे जाने वाले मुद्दों पर अपनी राय रखना है। अन्य कई मुद्दों पर होने वाले चर्चाओं पर अपना पक्ष प्रस्तुत करना है, जिस हेतु उसे प्रत्येक पेशी तिथि में उसकी विधानसभा में उपस्थित रहना आवश्यक है। उनके वकील ने कहा कि देवेन्द्र 17.08.2024 से केन्द्रीय कारागार रायपुर में न्यायिक अभिरक्षा में निरूद्ध है, जिसे जेल प्रशासन द्वारा ही विधानसभा की कार्यवाही में भाग लिये जाने हेतु प्रस्तुत किया जा सकता है।
जेल नियमावली में उल्लेख नहीं
अभियोजन की ओर से इस पर जवाब देते हुए सुरक्षागत परिस्थितियों एवं जेल नियमावली के प्रावधानों के अनुरूप क्रियान्वयन संबंधी, अधीक्षक के प्रतिवेदन के उपरांत ही विचार किये जाने का निवेदन किये हैं। जेल अधीक्षक केन्द्रीय जेल रायपुर से पेश प्रतिवेदन अनुसार जेल नियमावली के नियम 376 अनुसार संसद- सदस्यों तथा विधानसभा सदस्यों को यदि वे असिद्धदोष आपराधिक कैदी हों, तो उनके द्वारा किये गये अपराधों को दृष्टि में लाए बिना यथास्थिति विशेष वर्ग में रखा जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त विधानसभा सदस्यों को विधानसभा में शामिल कराये जाने संबंधी नियमों का उल्लेख जेल नियमावली में नहीं होना लेख किया गया है।
तीन अन्य कोर्ट में प्रोटेक्शन वारंट, देवेन्द्र के खिलाफ कई मामले दर्ज
जेल अधीक्षक के प्रतिवेदन में इस बात का भी उल्लेख है कि देवेन्द्र का इस न्यासालय के अतिरिक्त अत्य तीच न्यायालय से प्रोड्क्शन वारंट है। अर्थात् आवेदक के विरूद्ध कई मामले दर्ज हैं। जिनमें उसे न्यायिक कार्यवाही में भाग लेना होगा। आवेदक निर्वाचित विधानसभा सदस्य है, इसलिए उसे सदन की कार्यवाही में भाग लेने के लिए अनुमति दी जा सकती है। न्यायालय को यह देखना होगा कि ऐसी अनुमति से न्यायिक प्रक्रिया पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े। इस न्यायालय में लंबित प्रकरण में आगामी तिथि विधानसभा सत्र की प्रस्तावित तिथियों के अनुरूप विधानसभा सत्र के बाद नियत की जा सकती है। किन्तु अन्य तीन मामलों के संबंध में यह जानकारी नहीं है कि सत्र के दौरान आवेदक की आवश्यकता न्यायिक कार्यवाही के लिए होगी या नहीं। ऐसी स्थिति में आवेदक के अधिकारों और न्यायिक प्रक्रिया के बीच संतुलन नहीं रखा जा सकता। इसलिए आवेदन अस्वीकार किया जाता है।