पैरेंटिंग अनपल्गड में पैरेंट्स ने पूछा सर..मेरा बच्चा मोबाइल बहुत देखता है..क्या करूं, जानिए एक्सपर्ट चिरंजीव जैन ने क्या दिया जवाब

CG PRIME NEWS

@Dakshi sahu Rao

CG Prime News@भिलाई. सर, मेरा बच्चा बहुत ज्यादा जिद्दी है…मेरा बच्चा बात नहीं सुनता…सर, मेरी बेटी इमोशनल ब्लैकमेल करती है…सर, मेरा बेटा बिना मोबाइल देखे खाना नहीं खाता…कुछ ऐसे सवालों के जवाब तलाशे गए JCI दुर्ग-भिलाई के द्वारा शनिवार को आयोजित पैरेंटिंग अनपल्गड कार्यक्रम में। सर्टिफाइड पैरेंटिंग कोच और सचदेवा न्यू पीटी कॉलेज के डायरेक्टर चिरंजीव जैन ने पालकों को पैरेंटिंग के टिप्स देते हुए उनके मन में उठ रहे सवालों का जवाब दिया। पैरेंटिंग कार्यक्रम में अपने बच्चों को लेकर कई पालक भावुक भी हो गए। एक वक्त ऐसा भी आया जब एक मां ने अपना अनुभव शेयर किया जिसे सुनकर उनके बेटे की प्रिंसिपल भी रो पड़ी। विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में मौजूद फाउंडेशन किंडरगार्टेन की प्राचार्य प्रफुल्ला शाह ने भी बच्चों से जुड़े अनुभव और पैरेंटिंग की चुनौतियों पर प्रकाश डाला।

बच्चों को प्यार के साथ समय दें
कार्यक्रम में पैरेंटिंग कोच चिरंजीव जैन ने पैरेंट्स के सवालों का सटीक जवाब उद्धाहरण देते हुए दिया। उन्होंने बताया कि जब आपका बच्चा किसी बात के लिए जिद्द करे या फिर मोबाइल मांगे तो आप उसे सीधे न कहना सीखिए। पहली बार आपकी न सुनकर शायद बच्चा ओवर रिएक्ट भी करेगा। धीरे-धीरे वह समझ जाएगा कि उसके लिए क्या जरूरी है। बच्चों के साथ पैरेंट्स भी मोबाइल कम यूज करें। अगर आप बच्चे को मना कर रहे लेकिन थोड़ी देर बाद खुद मोबाइल पर बिजी हो गए तो बच्चा आपकी नहीं सुनेगा। बच्चे वही सीखते हैं जो अपने पैरेंट्स को करते हुए देखते हैं।

बच्चों को घर में खुशनुमा माहौल देते हुए उनके साथ वक्त गुजारिए। बच्चे आपसे प्यार और वक्त मांगते हैं। आज पैरेंट्स अपने काम और रूटीन लाइफ में इतने बिजी हो गए हैं कि वो अपने बच्चों को घर पर वक्त ही नहीं देते। जब बच्चा गलत दिशा में चला जाता है तब तक बहुत देर हो चुकी रहती है। इसलिए पैरेंट्स की ये जिम्मेदारी बनती है कि वो अपने बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताए। साथ ही बच्चों को कृत्रिम अभाव का अहसास कराएं। इससे बच्चे चीजों का महत्व सीखेंगे। कार्यक्रम में पैरेंटिंग कोच ने नैतिक शिक्षा पर भी जोर दिया।

कार्यक्रम में यह रहे मौजूद
पैरेंटिंग अनपल्गड कार्यक्रम में जेसीआई दुर्ग-भिलाई प्रेसिडेंट योगेश राठी, पास्ट प्रेसिडेंट प्रशांत गोलछा, सुरेंद्र खेतान, प्रणय महेश्वरी, जेसी वीक डायरेक्टर आदित्य राठी, प्रोग्राम डायरेक्टर सीए पायल जैन, भूप्रेंद नेमा के साथ ही फाउंडेशन किंडर गार्डन के टीचर्स, पैरेंट्स मौजूद रहे।

बढ़ती जा रही पालकों और बच्चों के बीच दूरियां
सर्टिफाइड पैरेंटिंग कोच चिरंजीव जैन ने बताया कि आज के समय में बच्चों की सही पैरेंटिंग बहुत जरूरी है। पहले घर में माता-पिता ज्वाइंट फैमिली में रहते थे। उनके अनुपस्थिति में घर के प्रत्येक सदस्य बच्चों को जीवन का अहम सबक खेल-खेल में सीखा देते थे। आज का दौर अलग है। आज माता-पिता न्यूक्लियर फैमिली में रहते हैं। माता-पिता कामकाजी हो तो बच्चे अपनी ही दुनिया में मस्त हो जाते हैं। सोशल मीडिया, इंटरनेट के बीच उनका बचपन बीत रहा है। कई बार बच्चे इंटरनेट का दुरूपयोग करके गलत बातें सीख जाते हैं। ऐसे में पैरेंट्स कैसे अपनी नौकरी के साथ बच्चों को कैसे गाइड करे इसी बात पर कार्यक्रम में विस्तार से चर्चा हुई।