CG Prime News@रायपुर. छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस में गिरफ्तार कांग्रेस विधायक व पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है। ईओडब्ल्यू (EOW) की कोर्ट ने लखमा की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। पूर्व मंत्री लखमा के वकील ने कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी जिस पर मंगलवार को सुनवाई हुई थी।
इसलिए खारिज की जमानत याचिका
ईओडब्ल्यू (EOW) ने कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए बताया कि तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा को हर महीने 50 लाख रुपए शराब कार्टल से कमीशन दिया जाता था। साथ ही उनके पद में रहते हुए उन्होंने विभाग में हो रही गड़बडिय़ों को रोकने के लिए कुछ नहीं किया। इसलिए उनकी अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार नहीं की जानी चाहिए। जिसके बाद दोनों पक्षों का तर्क सुनने के बाद जमानत आवेदन खारिज कर दिया है।
वकील बोले नहीं ली सरकार की अनुमति
कोर्ट ने बुधवार को पूर्व मंत्री मंत्री की अग्रिम जमानत याचिका पर फैसला सुनाया है। EOW कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई के दौरान 14 दिन के लिए न्यायिक रिमांड बढ़ा दी है। इस मामले में अगली सुनवाई 18 फरवरी को होगी। लखमा को 21 जनवरी को न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया था। लखमा के वकील ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि, ईओडब्ल्यू ने एफआईआर (FIR) के आधार पर गिरफ्तारी की है। गिरफ्तारी से पहले सरकार की मंजूरी लेनी थी। बिना सरकारी अनुमति के पुलिस कार्रवाई कर रही है।
कमीशन के पैसे से बनाया बेटे का घर
ईडी का आरोप है कि छत्तीसगढ़ में शराब घोटाला 3 साल तक चला है। पूर्व मंत्री लखमा को हर महीने 2 करोड़ रुपए मिलते थे। इस दौरान 36 महीने में लखमा को 72 करोड़ रुपए मिले। ये राशि उनके बेटे हरीश कवासी के घर के निर्माण और कांग्रेस भवन सुकमा के निर्माण में लगे। ईडी ने कहा कि, छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले से सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है। शराब सिंडिकेट के लोगों की जेबों में 2,100 करोड़ रुपए से अधिक की अवैध कमाई भरी गई।