दुर्ग रेंज आईजी रामगोपाल गर्ग ने साइबर फ्रॉड से लोगों को जागरुक करने Cg Prime News कि तारीफ की, साइबर फ्रॉड के झांसे से खुद को बचाने वाले प्रोफेसर और दुकानदार का आईजी ने किया सम्मान, CPN ने सबसे पहले खबर पब्लिश की थी…

भिलाई . आए दिन हो रहे साइबर फ्रॉड से लोगों को बचाने के लिए दुर्ग पुलिस हर संभव प्रयास कर रही है। इसके लिए दुर्ग पुलिस ने साइबर प्रहरी नाम से कई वॉट्सऐप ग्रुप बनाए हैं। फेसबुक सहित तमाम सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर ठगों से बचने की जागरुकता फैलाई जा रही है। इन ग्रुप और सोशल मीडिया के जरिए लोगों को सही और गलत का फर्क साफ समझ आ रहा है। इसी का नतीजा है कि शनिवार को प्रोफेसर डॉ. डीएन शर्मा और उनके परिचित दुकानदार ने एआई क्लोन वॉइस ठगी की घटना को होने से पहले ही रोक दिया।

इस QR को स्कैन कर साइबर प्रहरी से जुड़ जाइए

जागरुकता ही सबसे बड़ा हथियार

दोनों की इस सूझबूझ ने शहर के हजारों लोगों को साइबर फ्रॉड के खिलाफ चल रही दुर्ग पुलिस की जंग का हिस्सा बना दिया है। इनकी सूझबूझ से टली ठगी के मद्देनजर सोमवार को दुर्ग रेंज पुलिस आईजी रामगोपाल गर्ग ने प्रो. डीएन शर्मा और किराना दुकानदार नीरज जैन बाकलीवाल को देकर सम्मानित किया। आईजी दुर्ग ने कहा कि, साइबर फ्रॉड की घटनाओं को रोकने जागरुकता ही सबसे बड़ा हथियार है।

ठग कर रहे ऑनलाइन रेकी

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इस दौर में ठग भी हाईटेक हो गए हैं। आम लोगों के द्वारा फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर डाले जा रहे पोस्ट या स्टेटस पर ठग नजर रखते हैं। फिर काफी दिनों तक ऑनलाइन रेकी करने के बाद ठग पूरी जानकारी जुटाकर आपको कॉल या मैसेज करते हैं। यह बता दें कि एआई वॉइस क्लोनिंग या डिजिटल अरेस्ट जैसी तमाम ठगी के सबसे अधिक टारगेट बुजुर्ग होते हैं। ठग ऑनलाइन रेकी के दौरान यह भांप लेते हैं कि, इन्हें किस मोमेंट पर कॉल किया जाए कि आसानी से ठगी हो।

भिलाई के नेहरू नगर, स्मिति नगर, रिसाली जैसे इलाकों में सबसे अधिक बुजुर्ग रहते हैं, जिनके बच्चे देश-विदेश में रहकर नौकरी या बिजनेस करते हैं। अकसर ठग इस तरह के लोगों को सबसे पहले टारगेट करते हैं। इनके बारे में हर वो जानकारी जुटाई जाती है, जो कॉल करने पर आसानी से बताई जाए और सामने वाला बातों को गंभीरता से लें। कई सारे लोग इनकी इसी चाल में फंसकर रकम गवां बैठते हैं।

अब जानिए आखिर इनसे कैसे बचें

सबसे पहले आप फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्वीटर पर दुर्ग पुलिस साइबर प्रहरी पेज से जुड़ जाइए। यहां आपको नियमित तौर पर साइबर फ्रॉड से जागरुकता की जानकारी मिलती रहेगी। अकसर, ठग अपनी ठगी का पैटर्न बदलते रहते हैं। कई बार ठग वॉइस कॉलिंग का सहारा लेते हैं तो कई बार फेक यूपीआई की मदद से ठगी करते हैं। कई बार डिजिटल अरेस्ट जैसे मामले आते हैं। इस पेज पर जुडऩे से आपको ठगी के बदलते पैटर्न की जानकारी मिलती रहेगी।

जागरुकता की वजह से चाहकर भी कोई ठग आपको शिकार नहीं बना सकेगा। आप दुर्ग पुलिस साइबर प्रहरी वॉट्सऐप ग्रुप से भी जुड़ सकते हैं। इसके लिए आप वॉट्सऐप के चैनल सेक्शन में जाइए। यहां साइबर प्रहरी लिखिए और इसे फॉलो कर लीजिए। फॉलो करते ही साइबर प्रहरी टीम जागरुकता की हर काम की बात आप तक पहुंचती रहेगी। इसके बारे में परिवार के सदस्यों के साथ दोस्तों और रिश्तेदारों को भी बताइए।

समझिए, ये है ठगी का नया पैटर्न

  • एआई क्लोन वॉइस – इसमें ठग एआई की मदद से आपकी आवाज को हूबहू कॉपी कर बात कर सकता है। आपको बातचीत के पैटर्न को समझना होगा वहीं जिस बारे में ठग झांसा दे रहा है, उसकी तुरंत पड़ताल करनी होगी।
  • डिजिटल अरेस्ट – इसमें ठग नकली पुलिस या अन्य एजेंसी का नाम लेकर डराते हैं। ईमेल, स्काइप या वीडियो कॉल के जरिए धमकाया जाता है। परिवार के सदस्य को गिरफ्तार कर लिए जाने जैसी बातें कहीं जाती है, जिसमें आम तौर पर लोग फंस जाते हैं। इस ठगी से बचने के लिए सबसे सरल ऊपाए कही जा रही बातों को क्रॉस चेक करना है।
  • थर्ड पार्टी ऐप से बचें – पैसों के लेनदेन या अन्य किसी कार्य के लिए थर्ड पार्टी ऐप से बचकर रहें। फेसबुक या इंस्टाग्राम पर दिखने वाले ऐसे ऐड को क्लिन नहीं करें।

यहां क्लिक कर whatsapp से जुड़ जाइए
https://whatsapp.com/channel/0029VaPCdlY0wajz4oCuwb3k

इंस्टाग्राम से जुड़ने के लिए फॉलो करें
https://www.instagram.com/cyberprahri?igsh=NDkxeTlyYzR6dGs5

दुर्ग साइबर प्रहरी ऑनलाइन फ्रॉड को लेकर लोगों को लगातार जागरुक कर रही है। जागरुक नागरिक ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। प्रो. शर्मा और दुकानदार नीरज जैन साइबर प्रहरी से जुड़े हुए हैं। उन्होंने अपनी जागरुकता से उनके साथ होने जा रही ठगी को रोका है। उनके इस सराहनीय कार्य के लिए दुर्ग पुलिस ने उन्हें सम्मनित किया।
राम गोपाल गर्ग, आईजी दुर्ग रेंज