भिलाई . R-1 SIH देश को विकसित भारत का तमगा दिलाने में यंग माइंड्स का रोल सबसे अहम रहेगा। हमारे इनोवेशन आइडिया की बदौतल हम दुनियाभर में अपनी अलग पहचान बनाएंगे। कुल मिलाकर विश्व में हम ही पायनियर और हम ही फस्र्ट होंगे। यह बातें गुरुवार को रूंगटा आर-1 इंजीनियरिंग कॉलेज में चल रहे दो दिवसीय स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन के समापन सत्र के मुख्य अतिथि आईआईटी भिलाई के डायरेक्टर प्रोफेसर राजीव प्रकाश ने कहीं। SIH उन्होंने छात्रों से संवाद करते हुए कहा कि, मौजूदा दौर की शिक्षा व्यवस्था विद्यार्थियों को भरपूर आजादी से पढऩे, सीखने और कुछ बनने का विकल्प देती है। ऐसे में राष्ट्रीय शिक्षा नीति की खूबी का फायदा उठाते हुए तकनीकी छात्रों को वन इनोवेशन वन स्टार्टअप की तर्ज पर आगे बढऩा चाहिए।
बताई नई शिक्षा नीति की खूबी
नई शिक्षा नीति छात्रों को मल्टीपल एंटी और एग्जिट का विकल्प देती है। इसका मतलब यह है कि आप अभी अपने इनोवेशन को अभी स्टार्टअप में बदल लीजिए। इस पर शुरू काम कीजिए। पढ़ते हुए ही कमाई का जरिया बनाइए। डायरेक्टर ने स्टार्टअप को प्रमोट करने सरकार से लेकर शैक्षणिक संस्थानों की नीति भी छात्रों को समझाई। कहा कि, आइडिया दमदार हुआ तो सरकार ही नहीं बल्कि आईआईटी भिलाई भी आपके स्टार्टअप को बिजनेस की शक्ल तक पहुंचाने में मदद करेगा। फंड देगा। एक्सपर्ट सपोर्ट भी उपलब्ध कराएगा।
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25 टीमों ने की 36 घंटे नॉनस्टाप कोडिंग
रूंगटा आर-1 इंजीनियरिंग कॉलेज में भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय ने यह हैकाथॉन कराया, जिसमें देश के 12 राज्यों की 25 टीमों ने भाग लिया। इस हैकाथॉन के लिए इन टीमों को देश के विभिन्न मंत्रालयों की समस्याएं बताई गई थी, जिसका तकनीकी विद्यार्थियों को सॉफ्टवेयर के जरिए समाधान देना था। इसके लिए टीम को कॉलेज में सभी जरूरी सुविधाएं दी गईं, जिससे छात्रों ने ३६ घंटे नॉन स्टाप कंप्यूटर कोडिंग के जरिए एक से बढक़र समाधान पेश किए। इनमें से पांच टीमों को प्रथम और द्वितीय पुरस्कार दिया गया। प्रथम पुरस्कार विजेता टीमों को एक लाख रुपए का चेक दिया गया। कार्यक्रम में रूंगटा ग्रुप के चेयरमैन संतोष रूंगटा, डायरेक्टर डॉ. सौरभ रूंगटा, डायरेक्टर सोनल रूंगटा, डीजी एकेडमिक्स डॉ. मनीष मनोरिया, डायरेक्टर डॉ. मनोज वर्गीस, डॉ. एडविन एंथोनी, डॉ. एजाजुद्दीन मौजूद रहे।
कितना प्रदूषण बताएगा वायु दृष्टि
शहर के कौन से इलाके में कितना प्रदूषण है। वहां की हवा की गुणवत्ता का स्तर क्या है। एयर क्वालिटी इंटेक्स यानी एक्यूआई में ओजोन, नाइट्रोजन डाइ ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड मानक से अधिक तो नहीं? यह सबकुछ अब इंजीनियरिंग छात्रों का बनाया सॉफ्टवेयर हार्डवेयर टूल वायु दृष्टि बताएगा। रूंगटा आर-1 इंजीनियरिंग कॉलेज में चल रहे स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन के ग्रैंड फिनाले में छात्रों ने अपनी इस टेक्नोलॉजी का डेमो दिया।
टूल को प्रदर्शित करते हुए बताया कि, भिलाई हो या फिर दिल्ली सभी जगहों पर प्रदूषण की मात्रा लेने एक्यूआई मीटर लगाए जाते हैं, जिससे सिर्फ उसी क्षेत्र के प्रदूषण के बारे में जानकारी मिलती है। इंजीनियरिंग छात्रों का बनाया वायु दृष्टि टूल पूरे शहर के हर एक-एक कोने के प्रदूषण का हाल बता सकता है। इंजीनियरिंग छात्रों ने इसे शहरों में चलने वाली सिटी बसों के ऊपर इंस्टॉल करने के लिए तैयार किया है। यह टीम भी विजेता बनी।
पोर्टबल एक्यूआई मशीन की तैयार
छात्रों ने इस टूल को पोर्टबल बनाया है, जिसे सिर्फ पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर फिट करने से वह पूरे शहर के एक्यूआई की डेली रिपोर्ट अपडेट करता रहेगा। बस या पब्लिक ट्रांसपोर्ट जिस भी रूट में जाएंगे, यह टूल उस रूट के एक्यूआई की रियल टाइम स्थिति अपनी वेबसाइट और ऐप पर अपलोड कर देगा। उस शहर में रहने वालों के साथ-साथ पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड को भी हर बार एक्यूआई बढ़ते ही पॉपअप मैसेज मोबाइल पर दिखने लगेंगे।