CG शराब घोटाला: आरोपियों से मिलने जेल पहुंचे पूर्व CM बघेल, बोले-लखमा और भाटिया को इलाज की नहीं मिल रही सुविधा

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CG Prime News@रायपुर. छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गुरुवार छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले (CG liquor scam) के आरोपियों से मिलने रायपुर सेंट्रल जेल पहुंचे। वहां उन्होंने पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और विजय भाटिया से मुलाकात की। उनका हालचाल जाना। जेल से बाहर आते ही पूर्व सीएम बघेल ने आरोपों की झड़ी लगा दी। उन्होंने कहा कि जेल के अंदर कवासी लखमा और विजय भाटिया के साथ दुश्मनों की तरह व्यवहार किया जा रहा है।

इलाज की सुविधा नहीं मिलने का लगाया आरोप

पूर्व सीएम ने कहा कि जेल के भीतर कवासी लखमा और विजय भाटिया की तबीयत ठीक नहीं है। कवासी लखमा हार्ट पेशेंट हैं पर उन्हें इलाज की सुविधा नहीं दी जा रही है। जवानों की कमी बताकर उनका इलाज नहीं कराया जा रहा है। विजय भाटिया भी बीमार हैं उन्हें भी अस्पताल नहीं ले जाया जा रहा है। वे इसको लेकर कोर्ट भी जाएंगे।

भाजपा विधायक राजेश मूणत ने ली चुटकी

पूर्व सीएम भूपेश बघेल के आरोपों को लेकर भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ विधायक राजेश मूणत ने चुटकी लेते हुए पलटवार किया। उन्होंने कहा कि भूपेश बघेल को बहुत दिनों बाद अपने शुभचिंतकों की याद आई। पूर्व मंत्री और विधायक के साथ जेल में अमानवीय व्यवहार हो ही नहीं सकता। जेल में भी अस्पताल है। वहां उसका इलाज चल रहा है अगर कोई अलग से इलाज चाहिए तो बता दे सरकार वह भी कर देगी। उन्होंने कहा कि कई दिनों से भूपेश बघेल अपने शुभचिंतकों से मिलने के लिए समय नहीं निकल पा रहे थे। एक शुभचिंतक विजय भाटिया आए हैं तो वह मिलने पहुंचे हैं ।

क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।

डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई शराब

ED की ओर से दर्ज कराई गई FIR की जांच ACB कर रही है। ACB से मिली जानकारी के अनुसार साल 2019 से 2022 तक सरकारी शराब दुकानों से अवैध शराब डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर बेची गई। इससे शासन को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ है।