पुलिस में खुद को अधिकारी बताकर तीन युवकों से ठगा 15 लाख, बेरोजगारों को कांस्टेबल की नौकरी लगाने का दिया था झांसा

भिलाई@ CG Prime News. छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग में आरक्षक पद पर नौकरी लगाने का झांसा देकर 15 लाख ठगी करने वाले कथित पुलिस अधिकारी के खिलाफ पुलिस ने जुर्म दर्ज किया है। तीन बेरोजगारों को कॉस्टेबल की नौकरी तो नहीं मिली, लेकिन उसके झांसे में आकर घर की जमापूंजी को गवा दिया और कर्जदार भी बन गए। रकम लौटाने को लेकर ठग घुमाता रहा। अत: मदत की गुहार लगाने पुलिस के पास पहुंचे।

रानीतराई थाना पुलिस ने बताया कि ग्रान रेंगाकठेरा निवासी मिलेश चतुर्वेदी, केवल कुमार बांधे, कुंदन कुमार ने संयुक्त रुप से शिकायत की है कि जिला कोंडागांव फरसगांव वार्ड- 2 निवासी आरोपी दीपेन्द्र कुमार नाग, पिता शिवलाल नाग (35 वर्ष) ने पुलिस विभाग में आरक्षक पद पर नौकरी लगाने का झांसा दिया। भरोसा में लेते हुए उसने अपने को एसआईबी का अधिकारी बताया। उसके झांसे में आकर अलग-अलग तीनों ने 8 लाख, 5 लाख, 2 लाख रुपए दिए। पैसा देने के बाद भी जब नौकरी नहीं लगी तो रकम लौटाने की बात करने लगे। इस पर वह आनाकानी कर रहा है। कुल 15 लाख रुपए चपत लगाकर आरोपी भाग गया। पुलिस ले जुर्म दर्ज किया है।

खुद को बताया एसआईबी में पदस्थ

पीड़ित युवक मिलेश चतुर्वेदी, पिता दिनदयाल चतुर्वेदी उम्र 24 साल ने बताया कि फरस गांव निवासी दीपेन्द्र कुमार नाग 27 दिसम्बर को मेरे गांव रेंगाकठेरा (रानीतराई) आया था। मुझसे और गांव के केवल कुमार बांधे पिता दयालुराम बांधे उम्र 24 साल, कुंदन कुमार पिता सालिक राम कुम्हार उम्र 24 साल से मिला और अपने आप को एसआईबी पुलिस विभाग में नौकरी करता हूं। कांकेर में पदस्थ हूं बताया। आरोपी ने पुलिस विभाग में वर्ष 2012 में बहुत लागों की नौकरी लगाने की बात की। उसने कहा कि आप लागों को भी वर्ष 2017 के भर्ती में पुलिस में भर्ती होना है तो मेरे पुलिस विभाग के एसपी, डीएसपी और भर्ती सेल के अधिकारी से अच्छा जान पहचान और पहुंच पकड़ है।

आठ महीने से पैसे के लिए घुमा रहा आरोपी

आरोपी ने युवकों को झांसे में लेते हुए एडवांस बुकिंग कराने के लिए पहले 3-4 लाख रूपए देने और बाद में रिजल्ट आने के पहले पूरी रकम 7 से 8 लाख रूपए देने कह बात कही। जिसके बाद मैंने 8 लाख, केवल बांधे ले 5 लाख, कुन्दन लाल ने 2 लाख रूपए नगद और खाते के माध्यम से कुल 15 लाख रूपए जमा कर दिया। जब पुलिस भर्ती रिजल्ट आया तो हम तीनों लोगों का नाम नहीं था। इन बातों को लेकर बाद में जब दीपेंन्द्र कुमार नाग से सम्पर्क किया तो उसका मोबाइल बंद मिला और उसके घर जाकर सपंर्क किया तो पैसा वापस करने का नाम नहीं ले रहा है।

चेक हो गया बाउंस

आरोपी, पीडि़त युवकों को आज पैसा दूंगा, कल दूंगा कहकर 8 माह से घुमा रहा है। पैसा वापस नहीं कर रहा है। पीडि़तों ने बताया कि जब भी घर फरसगांव जाकर पता करते तो हैं तो वह घर से हमेशा बाहर भागे-भागे फिरता है। अपना मोबाईल भी बंद करके रखता है, जिस कारण से हम तीनों बेरोजगार युवक बहुत ही ज्यादा आर्थिक तंगी और मानसिक परेशानियों के दौर से गुजर रहे है। आरोपी दीपेन्द्र नाग ने पैसा वापसी के संबंध में अपना बैंक खाता 32445205314 का तीन लोगों के नाम से 8 लाख, 5 लाख, 2 लाख रूपए का चेक दिया था। जिसे बैंक में जमा करने पर खाते में पर्याप्त बैलेंस नहीं होने के कारण से चेक बाउंस हो गया।