@Dakshi sahu Rao
CG Prime News@जगदलपुर. बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में 20 बुजुर्ग आदिवासियों के मोतियाबिंद ऑपरेशन में लापरवाही बरतने वालों पर गाज गिरी है। स्वास्थ्य मंत्री ने एक डॉक्टर सहित तीन स्वास्थ्यकर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग से जारी आदेश के मुताबिक सर्जरी करने वाली डॉ. गीता नेताम, स्वास्थ्य अधिकारी और एक स्टाफ नर्स को सस्पेंड कर दिया गया है। बता दें कि सर्जरी के बाद 10 बुजुर्गों को आंख में खुजली, दर्द, दिखाई देना बंद हो गया। आनन-फानन में दंतेवाड़ा के सरकारी डॉक्टर्स ने मरीजों को गुरुवार को रायपुर के अंबेडकर हॉस्पिटल भेज दिया। जहां उनका उपचार जारी है।
स्वास्थ्य मंत्री पहुंचे मरीजों से मिलने
मामला सामने आया तो रविवार को प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल आदिवासी ग्रामीण पीडि़त मरीजों से मिलने पहुंचे। उन्होंने डॉक्टर्स की टीम को निर्देश दिया कि सभी का सही से इलाज किया जाए। मंत्री विभाग के अफसरों पर भड़के हुए हैं। उन्होंने मरीजों का हाल-चाल जाना। गलत इलाज की वजह से ये 10 ग्रामीण आदिवासी अब परेशानी में हैं। इन्हें दिखाई नहीं दे रहा है।
फिलहाल चल रहा उपचार
संक्रमण के शिकार मरीजों को लेकर अंबेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. संतोष सोनकर ने बताया कि एक-दो दिन बाद ही मरीजों की आंखों की स्थिति का पता चल सकेगा। फिलहाल उन्हें नेत्र रोग विभाग में अलग वार्ड में रखा गया है। जूनियर डाक्टरों की एक टीम उनकी निगरानी कर रही है। इधर सोशल मीडिया पर प्रदेश कांग्रेस ने इस पूरे घटनाक्रम को अंखफोड़वा कांड पार्ट 2 बताया है। कांग्रेस पार्टी ने एक जांच दल बनाया है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के डॉक्टर राकेश गुप्ता को भी इस स्थिति में मरीजों का जायजा लेने के निवेदन के साथ एक पत्र कांग्रेस ने भेजा है।