– परिजन नहीं कराना चाहते थे चिडफ़ाड़, एसडीएम की समझाइश पर माने
भिलाई@CG Prime News. नंदिनी थाना अंतर्रगत वार्ड-6 में साहू परिवार के दो मासूमों की सर्पदंश से मौत के मामले में परिजनों ने दोनों बच्चों को दफनाकर उनका अंतिम संस्कार कर दिया था। घटना की सूचना न तो परिजनों ने दी और न ही अस्पताल से मर्ग इंटिमेशन भेजा गया। पुलिस को जब इसकी जानकारी हुई। तब जाकर एसडीएम, तहसीलदार और पुलिस की मौजूदगी में गड्ढे से दोनों बच्चों की डेडबॉडी को निकाला गया और मर्ग कायम कर पोस्टमार्टम कराया गया। इसके बाद दोनों बच्चों के शव को परिजनों को सौप दिया गया।
नंदिनी टीआई लक्ष्मण कुमेटी ने बताया कि वार्ड-6 निवासी टेकराम साहू अपने दो बच्चे हुमांशु साहू (4 वर्ष) और पत्नी कमला और 8 माह के बेटा शाहिल के साथ एक ही बिस्तर पर सोए हुए थे। 21 व 22 की दरमियानी रात 4.30 बजे छोटा बच्चा शाहिल अचानक रोने लगा। मां उठी और लाइट जलाई। पिता टेकराम भी उठ गया। सामने देखा तो जहरिला सांप बाहर निकल रहा था। तब महसूस हुआ कि सांप ने बच्चे को कीट लिया। बिशैले सांप के जहर से 8 माह का मासूम ने 5.30 बजे ही दमतोड़ दिया। वहीं 4 वर्ष के हुमांशु को लेकर टेकराम बैद्य के घर गया। उसकी स्थिति गंभीर होने से वैद्य ने हॉस्पिटल ले जाने की सलाह दी। तत्काल बच्चे को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचा, जहां प्राथमिक उपचार कर जिला अस्पताल रेफर कर दिया। वहां से पंडित जवाहर लाल नेहरु चिकित्सालय एवं अनुसंधान केन्द्र सेक्टर-9 ले जा रहे थे। इस बीच उसने दमतोड़ दिया।
परिजन नहीं चाहते थे पोस्टमार्टम कराना
टेकराम साहू का कहना था कि दोनों मासूमों की जान चली गई। मौत के बाद अब अपने बच्चों का चिढफ़ाड़ नहीं कराना चाहता था। इस लिए घटना की सूचना किसी को नहीं दिया और दोनों बच्चों के शव को दो अलग-अलग गड्ढों में दफना दिया था। एसडीएम ने पुलिस की मौजूदगी में परिजनों को समझाया गया। शासन की योजना के बारे में जानकारी दी इसके बाद तैयार हुए।
पूरी प्रक्रिया में प्रशासन ने कराया
मंगलावर को धमधा एसडीएम बृजेश सिंह, तहसीलदार राजेन्द्र चंद्राकर ने तीन सदस्यीय डॉक्टरों की टीम बनाकर घटना स्थल पर पहुंचे।सुबह 11से दोपहर 1.30 बजे तक गड्ढे की खोदाई की गई। तहसीलदार ने मर्ग पंचनामा कराया। पुलिस ने बताया कि प्रशासन ने अकाल मृत्यु की वजह से शासन की योजना अंर्तगत सहयोग राशि मुआवजा के रूप में दिया जाएगा।