Big breaking: विधायक देवेंद्र यादव के निवास की जांच पूरी, 20 घंटे बाद घर से बाहर निकले समर्थकों में खुशी की लहर

– कांग्रेस विधायक के तीनों आवास पर प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने मारा था छापा

– डेढ बजे ईडी की जांच थमी, उमड़ा समर्थकों का हुजूम

CG Prime News@ मनीष चौबे/भिलाई. कांग्रेस विधायक देवेन्द्र यादव के तीनों आवासों पर केन्द्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने सीआरपीएफ जवानों की सुरक्षा में छापा मारा। इस कार्यवाई से विधायक के समर्थकों में हडकंप मच गया। ईडी के खिलाफ रातभर जमकर नारेबाजी की। देर रात ईडी की जांच थम गई। जैसे ही विधायक देवेन्द्र यादव बाहर निकले। उनके समर्थकों ने खुशी से उन्हें अपने कंधे पर बैठाकर बंगले के सामने घुमाया।

सुबह 6.30 बजे ईडी की सात सदस्यीय टीम ने विधायक देवेंद्र यादव के हाउसिंग बोर्ड और सेक्टर-5 निवास पर जांच शुरु की। जांच करीब 20 घंटे तक चली। इस बीच विधायक के समर्थकों ने सेक्टर-5 निवास के सामने टेंट लगाकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। तब ईडी ने 80 सीआरपीएफ के जवानों को सुरक्षा के लिए बुला लिया। रात करीब 1.20 बजे जांच पूरी हुई। फिर विधायक देवेंद्र यादव को बाहर निकलने मिला। हाउसिंग बोर्ड में करीब रात 11 बजे ही ईडी की जांच थम गई। तीन गाड़ियों में ईडी के अधिकारी और एक बस में सीआरपीएफ के जवान आए थे। सभी एक साथ रवाना हो गए।

कई जरुरी दस्तावेज चेक किया

हाउसिंग बोर्ड एमआईजी 175, 176 और टाउनशिप सेक्टर-5, सड़क-41, ब्लाक-16 सी में ईडी के अधिकारी ने विधायक समेत परिवार के सभी सदस्यों को अपने घेरे में लिया। इसके बाद दोनों घरों में जांच शुरु की। जमीन के दस्तावेज, बैंक एकाउंट, मकान के कागजाद, ज्वेलरी, गाडिय़ों के दस्तावेज और लेनदेन के रिकार्ड को खंगाला है। ईडी के हाथ क्या लगा।इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई।

सेक्टर-5 निवास को समर्थकों ने घेरा

ईडी की छापेमारी की सूचना मिलते ही सैकड़ों की संख्या में समर्थक बंगले पर पहुंच गए। ईडी का घेराव कर लिया। दरवाजा के सामने टेंंट लगाकर बैठ गए। ईडी के खिलाफ जमकर नारेबाजी शुरु की। हवन, सुंदरकांड का पाठ और हनुमान चालिसा का पाठ किया। महिलाएं संगीत भजन करती रही। देर रात भर ईडी को घेरे रहा।

ईडी ने देर में मांगा फोर्स

एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि ईडी की टीम ने अचानक जानकारी दी। सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की। तब तक दरवाजे पर बड़ी संख्या में समर्थक बैठ चुके थे। इसके बाद भी ईडी के अधिकारियों को आने जाने के लिए जगह दिलाई गई। उनके जांच में किसी प्रकार की बांधा न हो इसलिए सीएसपी, टीआई और 50 से अधिक पुलिस जवानों को लगाया गया था।