भिलाई@CG Prime News. खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने रेमडेसिविर इजेक्शन की कालाबाजारी करते एक डॉक्टर और डिलिवरी ब्वॉय को रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। उसके पास से चार इंजेक्शन जब्त हुआ है। इजेक्शन को उसने तीन गुना अधिक दाम पर बेचने के लिए वॉट्सऐप में अपना मोबाइल नंबर वायरल किया था। आरोपी डॉ. पीयूष शुक्ला जगदलपुर सरकारी अस्पताल में पसदस्थ है। वह भिलाई कोहका बजरंगपारा का निवासी है।
असिस्टेंट ड्रग कंट्रोलर बीआर साहू ने बताया कि यह सूचना मिली थी कि एक व्यक्ति का वाट्सऐप पर नंबर वायरल हो रहा है। वह तीगुना दर पर रेमडेसिविर का इंजेक्शन बेच रहा है। उसे पकडऩे के लिए तुरंत टीम गठित की गई। उस मोबाइल नंबर के जरिए टीम ने ग्राहक बनकर बात की। आरोपी कोहका बजरंग पारा निवासी डिलिवरी ब्वॉय कुलेश्वर पटेल ने शाम को इजेक्शन लेने के लिए सुपेला चौक में बुलाया। टीम मौके पर पहुंची और कुलेश्वर से दो इंजेक्शन खरीदा, इसके बाद टीम ने दो और इंजेक्शन की डिमांड किया। कुलेश्वर ने डॉ. पीयूष शुक्ला का नाम लिया।औषधि विभाग की टीम कुलेश्वर के साथ डॉ. शुक्ला पास पहुंची। जहां ड्रग निरीक्षक ब्रजराज साहू ने दो इंजेक्शन मांगे। डॉ. शुक्ला ने 13 हजार रुपए की दर से दो इंजेक्शन उन्हें दिया। इसके बाद ड्रग टीम ने पकड़ लिया। साहू ने बताया कि 4 हजार 800 एमआरपी वाले इंजेक्शन रेमडेसिविर को 13 हजार में बेचने के लिए वाट्सऐप में अपना नंबर वायरल किया था।
पिता की मौत के बाद बचा हुआ इंजेक्शन जरूरतमंद खरीदी रेट देना चाहा
डॉ. पीयूष शुक्ला ने बताया कि वह जगदलपुर शासकीय हॉस्पिटल में पदस्थ है। उसके पिता कोरोना पॉजीटिव थे। रेमडेसिविर का 4 इंजेक्शन कुलेश्वर पटेल से खरीदा था, लेकिन 5 अप्रेल को उसके पिता की मौत हो गई। इंजेक्शन बच गया था। वहीं इंजेक्शन कुलेश्वर को लौटा दिया था, जिस कीमत में खरीदा था उसी कीमत में बेचने के लिए कुलेश्वर ने वाट्सऐप में अपना नंबर पोस्ट कर दिया था। वाट्सऐप नंबर दुर्ग के ड्रग इंस्पेक्टर ब्रजराज सिंह के पास पहुंच गया। साहू ने बताया कि मामले में अभी पूछताछ की जा रही है। ड्रग एंड कास्मेटिक एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।
