दुर्ग में एक महिला ब्लैक फंगस की चपेट में आई, उपचार के बीच हॉस्पीटल में मौत

– 6 मई से चंदूलाल चंद्राकार मेमोरियल हॉस्पीटल में इलाज चल रहा था। रविवार को सीएम मेडिकल कॉलेज में रेफर किया। सोमवार की सुबह महिला की मौत हो गई

भिलाई@ CG Prime News. छत्तीसगढ़ में लोग कोरोना संक्रमण से दंश झेल ही रहे थे कि अब ब्लैक फंगस अपनी चपेट में लेने लगा है। दुर्ग जिले में इस बार एक महिला मरीज ब्लैक फंगस की चपेट में आ गई, जिससे उसकी मौत हो गई। पूर्व में भिलाई के ही एक युवक की मौत इस बीमारी से हो चुकी है। प्रदेश में ब्लैक फंगस से मौत का आंकड़ा तीन पहुंच गया है। आश्चर्य की बात यह है कि एंटी फंगस इंजेक्शन डॉक्टर उपलब्ध नहीं करा सके। इस इंजेक्शन के अभाव महिला की जान चली गई।

जिला स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक 6 मई को चरोदा निवासी बी लक्ष्मी (61वर्ष) को चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियाल हॉस्पीटल में भर्ती कराया गया। एक आंख में ब्लैक फंगस पूरी तरह से जकड़ लिया। डॉक्टर उपचार करते रहे, लेकिन वह गंभीर होती गई। यह बीमारी दूसरी आंख में पहुंच गई। रविवार को सीएम मेडिकल कॉलेज में रेफर किया गया। सोमवार सुबह उपचार के दौरान मौत हो गई। बता दें कि दुर्ग जिले में अब तक ब्लैक फंगस के 14 मरीजों की पुष्टि हुई है।

करीब 4 लाख रुपए डॉक्टरों ने वसूला

बी लक्ष्मी का छोटा बेटा रेलवे कर्मचारी बी एन राजू ने बताया कि बड़ा भाई अमेरिका में है। मां के साथ रहता था। मां की तबियत बिगड़ी तो उन्हें पहले बीएमवाय रेलवे अस्पताल में भर्ती कराया। वहां से 23 अप्रैल को उपचार के लिए रायपुर के एक निजी अस्पताल में रेसर किया। डॉक्टरों उस बीच ब्लैक फंगस होने की जानकारी दी। एंटी इंजेक्शन नहीं होने का हवाला देकर रेफर कर दिया। 6 मई को चंदूलाल चंद्राकर मेमोरियल हास्पिटल में भर्ती कराया। यहां के डॉक्टरों ने पहले तो एंटी फंगस इंजेक्शन की उपलब्धता की जानकारी देते हुए भर्ती कर लिया। उपचार चलता रहा। इसके बाद इंजेक्शन नहीं होने की बात करने लगे। पहले तो खुद एंटी इंजेक्शन का पता किया। 16 मई को चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज में मां को भर्ती कराया। 17 मई सुबह डॉक्टरों ने मौत की जानकारी दी।

राज्य स्वास्थ्य विभाग ने दवाइंयों का दावा किया है, लेकिन एंटी इंजेक्शन की अभाव

स्वास्थ्य विभाग ने ब्लैक फंगस को लेकर अहम जानकारी दी है। राज्य में ब्लैक फंगस से पीड़ित मरीज के 76 प्रकरण सामने आए हैं और उनका इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में इसके इलाज के लिए पर्याप्त दवाईयां हैं। राज्य में ब्लैक फंगस (म्युकरमाइकोसिस) का इलाज सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में होगा। जबकि जिला में गिनती के एंटी फंगस इंजेक्शन सिर्फ सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध कराया जा रहा है।

ब्लैक फंगस का मंहगा है इलाज

7 हजार रुपया एक इंजेक्शन की कीमत है। एक मरीज को 40 इंजेक्शन लगते है। इस तरह 2 लाख 80 हजार रुपए का इंजेक्शन देना होगा। इसके अलावा 500रुपए की एक दवां है, जिसे दिन में तीन बार खाना है। यह जहां तीन माह तक चलती है।

Leave a Reply