अधिकारी रहते हुए बाजार से खुद सब्जी लाते थे इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह, निजी काम के लिए अपनी कार मारुती 800 में आते-जाते थे

ऐसे हैं हमारे नए इस्पात मंत्री आरसीपी सिंह

भिलाई@CG Prime News. पूर्व आईएएस और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचंद्र प्रसाद सिंह ने केंद्र में इस्पात मंत्री का पद भार ग्रहण कर लिया है। बिहार के नालंदा जिले के रहने वाले और यूपी कैडर के 1984 बैच के आईएएस की अजीबो गरीब कहानी है। पूर्व मंत्री बेनीप्रसाद वर्मा ने आरसीपी की नीतीश कुमार से मुलाकात कराई और बाद में वे नीतीश कुमार के निजी सचिव बने और फिर यूपी अपने पैरेंट कैडर में लौट गए. लेकिन बिहार के प्रति उनका लगाव यूपी में रहते हुए भी बना रहा। आरसीपी सिंह का मानना हैं जहां भी रहे ईमानदारी से काम करें अच्छा फल मिलता है। पढि़ए इस्पात मंत्री की कुछ अनसुनी कहानी।

बेटियों के साथ खुद सब्जी खरीदने बाजार जाते थे आरसीपी

नोएडा के सेक्टर- 19 के सी ब्लाक के साप्ताहिक बाजार में हर शनिवार को अपनी बेटी लिपी और लता को लेकर सब्जी खरीदते हुए आरसीपी सिंह मिल ही जाते थे। कई करीबी लोग उनसे सवाल कर भी लेते थे कि आप तो इतने बड़े अधिकारी हैं, फिर सब्जी के लिए खुद क्यों बाजार आते हैं और बेटियों को भी साथ में लाते हैं। तब उनका यही जवाब होता था कि जरूरी नहीं कि हमारी बच्चियां भी आईएएस या आईपीएस ही बनें और उनको हमेशा ऐसी ही सरकारी सुविधाएं मिलती रहें। हां अगर बनें भी तो सब्जियों के लिए खुद बाजार जाएं। ऐसा इसलिए कि हम एक किसान परिवार से हैं और हमारी बेटियां भी किसानों का सम्मान करें और बाजार में बेचने वालों को देखे कि सामान्य व्यक्ति अपने घर परिवार को चलाने के लिए कितनी मेहनत करता है।

बेटियां जमीनी हकीकत से रुबरु होंगी तो आगे जीवन भी आसान होगा

उनकी बड़ी बेटी लिपी सिंह जो आईपीएस बनी, वो उस वक्त 11 वीं में पढ़ती थीं। उनके हाथ में एक थैला था। आरसीपी सब्जी वालों से मोल भाव करते और खुद ही सब्जी उठाकर भी देखते। यही नहीं सरकारी गाड़ी व ड्राइवर होने के बाद बावजूद वे अपनी मारुती 800 से बाजार आते थे। वे कहते थे कि ईमानदारी इसी में है कि हम अपना निजी काम अपनी गाड़ी से ही करें। सरकार सरकारी काम के लिए गाड़ी मुहैया कराती है। सीजी प्राइम न्यूज नेटवर्क के अगले अंक में अपने इस्पात मंत्री के बारे में और भी पढ़िए…।

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