– बीएसपी प्रबंधन ने 13 कार्मिक को किया सस्पेंड, 19 को कारण बताओ नोटिस
भिलाई. बीएसपी की इकाई पावर एंड ब्लोइंग स्टेशन-2 में शनिवार को सुबह 6.56 बजे पीबीएस-2 के कार्मिकों ने एसटीजी- 4 कंट्रोल रूम के अंदर अनाधिकृत रूप से जबरदस्ती घुस गए। जहां ड्यूटी पर तैनात ऑपरेटर कम टेक्नीशियन कार्तिक राम भगत ने मना किया। इलके बावजूद स्टीम टर्बो यूनिट में कार्यरत कर्मी आरोपी सुनील कुमार शर्मा, बृजेश कुमार सिंह, उमेश कुमार दास और निशांत सूर्यवंशी द्वारा स्टीम टर्बो जनरेटर-4 कंट्रोल रुम की इमरजेंसी बटन के कवर को तोड़ दिया और जबरिया स्विच ऑफ कर दिया। इस तरह सार्वजनिक लोक संम्पति को नुकसान पहुंचाया है।
भिलाई नगर भट्ठी टीआई भूषण एक्का ने बताया कि बताया कि प्रगति नगर रिसाली निवासी बीएसपी की एक इकाई पावर एंड ब्लोइंग स्टेशन-2 के वरिष्ठ प्रबंधक के प्रेम कुमार (57 वर्ष) की शिकायत पर आरोपी सुनील कुमार शर्मा, बृजेश कुमार सिंह, उमेश कुमार दास और निशांत सूर्यवंशी के खिलाफ धारा 186, 427, 448, 3-लोक संम्पति को नुकसानी का निवारण अधिनियम 1984 के तहत जुर्म दर्ज किया है। मामले की जांच में लिया है। फिलहाल आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
गौरतलब है कि सेल-बीएसपी प्रबंधन ने दो दिन से प्लांट में टूल डाउन हड़ताल करने वाले कर्मियों की हरकतों को संज्ञान में लेते हुए कर्मी सुनील कुमार यादव, अभिषेक सिंह, प्रवीण यादव, सुदीप, काशीनाथ माजी यूआरएम, रामकेश मीणा, पवन सीईडी, सुनील शर्मा, ब्रजेश कुमार सिंह, निशांत राजेश सूर्यवंशी, पीबीएस-2, गया प्रसाद भास्कर, वासुदेव बंजारे और नीरज बीआरएम कार्मिकों को निलंबित कर दिया है और 19 कार्मिकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। वहीं 4 कर्मियों के खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। इन कर्मियों पर कोरोना संकट के दौर में ऑक्सीजन का उत्पादन बाधित करने का आरोप है। ऐसे राष्ट्रद्रोह की हरकत माना जा रहा है।
स्टीम टर्बो जनरेटर शट डाउन होने से 22.5 मेगा वाट पावर जनरेशन बंद
बता दें स्टीम टर्बो जनरेटर-4 के इमरजेंसी कवर को तोड़कर स्वीच ऑफ कर दिया। इसके परिणाम स्वरूप बॉयलर प्रेशर बढ़ जाने की वजह से स्टीम टर्बो जनरेटर शट डाउन हो गया और इसके सभी सेफ्टी वाल खुल गए, जिसके कारण 22.5 मेगा वाट पावर जनरेशन बंद हो गया। सुबह 7:10 पर शिफ्ट इंचार्ज को जब यह ज्ञात हुआ कि एसटीजी-4 को जबरदस्ती बंद कर दिया गया है। उसने तत्काल आवश्यक कदम उठाते हुए एसपीजी 4 को पुन: चालू करने की प्रक्रिया प्रारंभ किया। बीएसपी प्रबंधन ने बताया कि एसटीजी-4 के बंद होने से संयंत्र के ऑक्सीजन प्लांट में विद्युत आपूर्ति बंद हो जाती और ऑक्सीजन उत्पादन ठप हो जाता।
भिलाई इस्पात संयंत्र देश के विभिन्न अस्पतालों को कर रहा ऑक्सीजन सप्लाई
उल्लेखनीय है की भिलाई इस्पात संयंत्र से संपूर्ण देश के विभिन्न अस्पतालों को ऑक्सीजन सप्लाई किया जा रहा हैं। इस कृत्य से ऑक्सीजन सप्लाई बाधित हो सकती थी। आज राष्ट्रीय विपदा में ऑक्सीजन संकट को उत्पन्न करना, निश्चित ही एक राष्ट्रद्रोह है। कार्मिकों के इस कृत्य को प्रबंधन ने बेहद गंभीरता से लेते हुए उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के साथ पुलिस में इनके विरुद्ध शिकायत की है। इसके अतिरिक्त एसटीजी-4 के बंद होने से संयंत्र में सुरक्षा का संकट खड़ा होने की संभावना थी। यदि सेफ्टी वॉल समय पर नहीं खुलते तो ब्लास्ट फर्नेस को जाने वाले स्टीम पाइप लाइन के फ टने की संभावना बन जाती है जिससे ब्लास्ट फर्नेस-5, ब्लास्ट फर्नेस-7 तथा ब्लास्ट फर्नेस-8 के बंद होने की स्थिति हो गई थी और भयंकर रूप से उत्पादन प्रभावित होने के साथ ही जान-माल की हानि होने की संभावना थी।
कोरोना संकट में ऑक्सीजन उत्पादन बाधित करने का आरोप
बीएसपी प्रबंधन ने बताया कि जब पूरे देश में कोरोना का संकट चल रहा हो, ऑक्सीजन की भारी जरूरत हो, अस्पतालों में मरीज तड़प रहे हैं। ऐसे वक्त में लोगों के जीवन से खिलवाड़ करने की कोशिश किया जाना बेहद शर्मनाक है। ऐसे समय में जब एस्मा लगा हो, लॉक डाउन चल रहा हो और पूरे देश में विषम परिस्थितियां हो उस वक्त इस प्रकार की गैर-जिम्मेदाराना हरकत को बर्दाश्त करना संभव नहीं है। इसी को दृष्टिगत रखते हुए भिलाई इस्पात संयंत्र ने इन कार्मिकों पर विभागीय कार्यवाही करने के साथ ही इन पर क़ानूनी कार्यवाही करने हेतु पुलिस में भी शिकायत की है जिससे कोविड मरीजों की सुरक्षा से लेकर संयंत्र के अन्य कार्मिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।
जानिए क्या है मामला
भिलाई इस्पात संयंत्र के कुछ विभागों में कुछ कार्मिकों ने 23 अप्रैल रात से लेकर अब तक विभाग में काम रोककर अपनी मांगों को मनवाने की जिद पर अड़े हुए हैं। इन्होंने जल्द एवं उनके मांगो के अनुरूप वेज रिवीजन किये जाने तथा कोविड-19 से हुए मृत्यु पर अनुकंपा नियुक्ति देने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन कर कुछ विभागों में कार्य बाधित किया है। संयंत्र के डायरेक्टर इंचार्ज अनिर्बान दासगुप्ता ने स्वयं कर्मचारियों से सीधी चर्चा की। अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वेज रिवीजन एवं अनुकंपा नियुक्ति जैसे मुद्दे सेल स्तर पर ही हल किए जा सकते हैं। स्थानीय स्तर पर इस पर निर्णय लेना संभव नहीं है। प्रदर्शनकारियों को यह समझाया गया कि वे कोरोना के इस भीषण दौर में, जबकि एस्मा लगा हो, तब भीड़ एकत्रित न करें बल्कि बीएसपी की परंपरा के अनुरूप समस्या समाधान हेतु बातचीत का मार्ग चुने।
