आरएसएस नेता के घर पर तोड़फोड़ मामले में पुलिस ने नहीं दर्ज की रिपोर्ट, नारेबाजी कर कलेक्टर को सौपा ज्ञापन

CG Prime News@भिलाई. आरएसएस नेता डाॅ. दीप चटर्जी के घर पर राज्य सभा सांसद सरोज पांडेय की भाभी चारुलता पांडेय, दो भतीजे मुदित पांडेय व देवव्रत पांडेय और भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा की गई तोड़फोड़ का मामला पूरी तरह से गरमा गया है। पुलिस की अडियल रवैय्या की वजह से एफआईआर नहीं दर्ज करने पर आरएसएस और भाजपा का एक बड़ा धड़ डाॅ.दीप चटर्जी के साथ विरोध प्रदर्शन में शामिल हो गया है। कलेक्टर सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौपा। एक एसपी प्रशांत कुमार ठाकुर के नाम ग्रामीण एएसपी को ज्ञापन सौपा।

उग्र आंदोलन की चेतावनी दी

घटना के 24 घंटे बीत जाने के बाद भी एफआईआर दर्ज नहीं होने पर चटर्जी गुट सोमवार को कलेक्टर पहुंचा और जमकर नारेबाजी की। विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता रहे। लगभग एक दो घंटे तक नारेबाजी कर प्रदर्शन के बाद कार्यकर्ताओं ने राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यदि 24 घंटे के भीतर मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की जाती तो उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।

सूत्रों की माने तो डॉ. चटर्जी ग्रुप ने मामले को लेकर परिवाद भी दर्ज करा दिया है। कहा जा रहा है कि न्यायालय यदि मामले आदेश देता है तो उसके बाद पुलिस को मामला दर्ज कराना ही पड़ेगा। इतना ही नहीं इस मामले में संघ की केंद्रीय इकाई ने सख्त संज्ञान लिया है। कहा जा रहा है कि संघ की नाराजगी को देखते हुए बीजेपी आलाकमान ने राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय को दिल्ली तलब किया है।

जानिए डॉ. दीप चटर्जी ने क्या पोस्ट किया था फेसबुक पर

गौरतलब है कि भाजपा नेता व आरएसएस के लीडर डॉ. दीप चटर्जी ने शनिवार को फेसबुक पर लिखा कि “देखो अब तो समाजवादी बहू ने भी राम जी पर अपनी “निधि समर्पण” कर दी। अब तो हिन्दू इसे “चंदा” बोलना बंद करें। वैसे हमारे यहां भिलाई में एक ‘शाही दशहरा होता है। उस पैसे को आप चंदा कह सकते हैं। उस चंदे की चोरी भी होती है। चंदा लेने-देने वाले अपनी निधि समर्पित नहीं करते ! वह भय या प्रलोभन से ‘चंदा ही देते हैं।

भड़की शाही दशहरा उत्सव की संरक्षक

इस पोस्ट के बाद रविवार सुबह चारूलता और उनके दोनों बेटे भारी संख्या में अपने समर्थकों के साथ उसके घर पहुंचे और उनके साथ गाली-गलौज करने लगे। जब डॉ. चटर्जी की बेटी ने इसका विरोध किया तो विद्रोहियों ने उसके साथ हुज्जत की और उसको थप्पड़ भी जड़ दिया। इसके बाद उन्होंने डॉ चटर्जी की मां और पत्नी के साथ दुव्र्यवहार किया।

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