छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस, चैतन्य के खिलाफ 7 हजार पन्नों का चालान पेश, रिमांड में लेने EOW-ACB पहुंची कोर्ट
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छत्तीसगढ़ शराब घोटाला केस, चैतन्य के खिलाफ 7 हजार पन्नों का चालान पेश, रिमांड में लेने EOW-ACB पहुंची कोर्ट

CG Prime News@रायपुर. Chhattisgarh liquor scam case, 7 thousand pages challan presented against Chaitanya baghel छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही है। चैतन्य के खिलाफ ED ने सोमवार को रायपुर कोर्ट में 7 हजार पन्नों से ज्यादा का चालान पेश किया है। ED के अधिकारी 4 बंडल दस्तावेज लेकर कोर्ट पहुंचे थे। वहीं चैतन्य की रिमांड के लिए ईओडब्ल्यू-एसीबी ने भी कोर्ट में आवेदन लगाया है।

18 जुलाई को हुई थी गिरफ्तारी

पूर्व सीएम भूपेश के बेटे चैतन्य बघेल की कस्टोडियल रिमांड सोमवार को खत्म होने पर जेल के अधिकारियों ने कोर्ट में पेश किया। चैतन्य के खिलाफ शराब घोटाला, कोल लेवी, महादेव सट्टा ऐप और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जांच चल रही है। चैतन्य बघेल की 18 जुलाई 2025 को गिरफ्तारी हुई थी, तब से रायपुर जेल में बंद है।

घोटाले को लेकर पूछताछ

ईओडब्ल्यू-एसीबी ने चैतन्य से पूछताछ के लिए 7 दिन की रिमांड मांगी है, लेकिन कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। मंगलवार को फिर से सुनवाई होगी। माना जा रहा है कि अब ईओडब्ल्यू-एसीबी की भी टीम भी घोटाले को ले कर पूछताछ कर जांच करेगी।

जानिए क्या है छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला मामले में ED जांच कर रही है। ED ने ACB में FIR दर्ज कराई है। दर्ज FIR में 3200 करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है। इस घोटाले में राजनेता, आबकारी विभाग के अधिकारी, कारोबारी सहित कई लोगों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज है।

ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में IAS अफसर अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के एमडी AP त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के सिंडिकेट के जरिए घोटाले को अंजाम दिया गया था।

पैसा छुपाने के लिए फ्रंट कंपनियों का इस्तेमाल

ED का दावा है कि चैतन्य बघेल ने घोटाले का पैसा पाने के लिए दूसरे लोगों और कंपनियों का इस्तेमाल किया ताकि ED और अन्य एजेंसियां ट्रैक न कर सकें।

जैसे ढिल्लन सिटी मॉल में पैसा आया, फिर ढिल्लन ड्रिंक्स से कर्मचारियों को पैसा ट्रांसफर हुआ, फिर वही पैसा बघेल डेवलपर्स को दिया गया। ED का दावा है कि चैतन्य बघेल के पास 16.70 करोड़ के अवैध घोटाले के पैसे आए।