दुर्ग जिले में बाढ़ में फंसे 32 मजदूरों का SDRF ने किया रेस्क्यू, भारी बारिश से उफान पर शिवनाथ, कलेक्टर ने किया निरीक्षण

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CG Prime News@दुर्ग.flood in durg district दुर्ग जिले में लगातार भारी बारिश से शिवनाथ नदी उफान पर है। जिसके चलते जिले में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। भारी बारिश के कारण जिले के प्रमुख जलाशयों से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे नदी के किनारे बसे गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। हालात की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन, पुलिस, जल संसाधन विभाग और एसडीआरएफ पूरी तरह अलर्ट मोड पर हैं। बुधवार को कलेक्टर अभिजीत सिंह, दुर्ग मेयर अल्का बाघमार सहित प्रशासन के अधिकारियों ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।

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दुर्ग जिले में बाढ़ में फंसे 32 मजदूरों का SDRF ने किया रेस्क्यू, भारी बारिश से उफान पर शिवनाथ, कलेक्टर ने किया निरीक्षण

जलाशयों से छोड़ा गया पानी

जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता आशुतोष सारस्वत ने बताया कि मोगरा जलाशय से 20,000 क्यूसेक, घुमरिया नाला बैराज से 4,800 क्यूसेक, सूखा नाला से 2,600 क्यूसेक, खादूटोला से 600 क्यूसेककुल मिलाकर 27,400 क्यूसेक पानी शिवनाथ नदी में छोड़ा गया है। इसलिए नदी में जल स्तर बढ़ा हुआ दिखाई दे रहा है ।

एनीकट में बढ़ा जलस्तर

दुर्ग का महमरा एनीकट भी पानी से लबालब हो गया है, और जलस्तर में और वृद्धि की आशंका जताई जा रही है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा कर्मियों की तैनाती कर दी गई है ताकि लोग नदी पार न करें। इसके अलावा, नदी किनारे बैरिकेडिंग भी की गई है। वहीं शिवनाथ में उफान के कारण जलकुंभी के चलते जल आपूॢत प्रभावित हो रही है। कलेक्टर ने 24 व 42 एमएलडी इंटकवेल का निरीक्षण किया। सफाई के निर्देश दिए।

बाढ़ में फंसे 32 मजदूरों का रेस्क्यू ऑपरेशन

SDRF कमांडेंट नागेंद्र सिंह ने बताया कि जिले में जारी भारी बारिश और शिवनाथ नदी के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए आसपास के क्षेत्रों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। बुधवार सुबह भारतमाला परियोजना में काम कर रहे 32 मजदूर थनौद गांव के बाढग़्रस्त क्षेत्र में फंस गए थे। एसडीआरएफ की टीम ने मौके पर पहुंचकर सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।

ग्रामीणों को सतर्कता बरतने के निर्देश

जिला प्रशासन ने सभी ग्राम पंचायतों को निर्देश जारी किए हैं कि यदि किसी भी गांव में पानी घुसने की स्थिति बने तो तुरंत प्रशासन को सूचित करें। एसडीआरएफ की 50 से अधिक जवानों की टीम पूरी तरह तैयार है, और नदी किनारे बसे गांवों में मुनादी कराकर लोगों को सतर्क किया जा रहा है।