गिरोधपुरी मेला 2025: पुलिस प्रशासन की सराहनीय व्यवस्था, 92 गुमशुदा रिकवर

सुरक्षा में तैनात थे 1 हजार पुलिस जवान

बलौदा बाजार भाटापारा|गिरोधपुरी धाम (Girodhpuri dham) में 4 से 6 मार्च 2025 तक आयोजित ऐतिहासिक गिरोधपुरी मेला सफलता पूर्वक एवं शांतिपूर्वक संपन्न हुआ। मेला में लाखों श्रद्धालुओं ने भाग लिया, जिनकी सुरक्षा एवं सुविधा के लिए पुलिस और प्रशासन द्वारा विशेष इंतजाम किए गए थे।

गुमशुदा 92 लोगों को मिलाया उनके परिजनों से

मेला परिसर में पुलिस सहायता केंद्र स्थापित किए गए थे, जिनकी सहायता से गुम हुए कुल 92 लोगों को सकुशल खोजकर उनके परिजनों को सौंपा गया। इस सराहनीय प्रयास से कई परिवारों को राहत मिली।

सुरक्षा के लिए 1000 पुलिस बल की तैनाती

मेले की सुरक्षा के लिए 27 राजपत्रित अधिकारियों सहित 30 निरीक्षक, 64 उपनिरीक्षक, 116 प्रधान आरक्षक, 763 आरक्षकों सहित कुल 1000 पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई। इसके अलावा, मेला क्षेत्र में 24 घंटे निगरानी के लिए 72 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, जिससे सुरक्षा पर पैनी नजर रखी जा सके।

यातायात प्रबंधन और संदिग्धों की निगरानी

मेला क्षेत्र में 08 मुख्य पार्किंग स्थल बनाए गए थे, जिनमें छाता पहाड़ और शेरे पंजा स्थल को प्रमुख पार्किंग स्थल के रूप में चिन्हित किया गया। इसके अलावा, बाहरी राज्यों से आकर ठेला-खोमचा लगाने वालों एवं संदिग्ध व्यक्तियों की जांच के लिए सर्च स्लिप भरी गई, जिसमें कुल 132 लोगों का पंजीयन किया गया।

आपातकालीन सेवाओं की तैनाती

मेले में किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए 22 प्रशिक्षित गोताखोरों को 24 घंटे जोंक नदी और अन्य जल स्त्रोतों पर तैनात किया गया। साथ ही, 07 फायर ब्रिगेड की गाड़ियां और 15 से अधिक फिक्स पॉइंट बनाए गए, जिससे किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

सूचना संचार और श्रद्धालुओं की सुविधा

मेले में सूचना संचार को सुलभ बनाने के लिए 100 मैनपैक सेट और 30 स्टैटिक सेट लगाए गए। इसके अलावा, पैदल श्रद्धालुओं के लिए अलग मार्ग और मजबूत बैरिकेडिंग की गई, जिससे उनकी आवाजाही सुगम बनी रहे।

मधुमक्खी के 60 से अधिक छत्ते हटाए गए

मेले के दौरान वन विभाग और पुलिस की टीम ने मिलकर नवनिर्मित जैतखाम एवं अन्य क्षेत्रों से 60 से अधिक मधुमक्खी के छत्तों को सुरक्षित हटाया, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।

शांतिपूर्ण समापन

इस वर्ष का गिरोधपुरी मेला सुरक्षा, सुगम यातायात और बेहतर प्रशासनिक प्रबंधन के कारण अत्यंत सफल और शांतिपूर्ण रहा। पुलिस प्रशासन और अन्य विभागों के सहयोग से यह आयोजन बिना किसी बड़ी दुर्घटना के संपन्न हुआ, जिससे श्रद्धालुओं को सुरक्षित और सुखद अनुभव प्राप्त हुआ।