सुकमा। Cg panchayat Election जिले के कोंटा ब्लॉक में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने के तीसरे दिन अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। ब्लॉक के ग्राम पंचायत एर्राबोर में पंचायत चुनाव में जीत मिलने की खुशियां मना चुके सरपंच प्रत्याशी जब जीत का प्रमाण पत्र लेना पहुंची तो उसे पता चला कि चुनाव में उसकी नहीं बल्कि दूसरे प्रत्याशी की जीत हुई है और उसे जीत का प्रमाण पत्र भी रातों-रात बांट दिया गया। मामला ने जैसे ही तूल पकड़ा तो बवाल मच गया।
इन दोनों के बीच थी वोट की लड़ाई
त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव का तीसरे व अंतिम चरण का मतदान 23 फरवरी को संपन्न हुआ। Cg panchayat Election ग्राम पंचायत एर्राबोर में सरपंच पद के लिए कांग्रेस समर्थित प्रत्याशी आस जोगी और भाजपा समर्थित प्रत्याशी कट्टम जोगी चुनाव लड़ रहे थे। मतदान के दिन ग्राम पंचायत एर्राबोर में सरपंच पद के लिए चार मतदान केन्द्र क्रमांक 109, 110, 111 व 112 में मतदान प्रक्रिया संपन्न कराई गई।
प्रमाण पत्र देने घुमाते रहे अधिकारी
मिली जानकारी के अनुसार सरपंच पद का चुनाव जीतने के बाद आस जोगी ने प्रमाण पत्र की मांग की। जिस पर पीठासीन अधिकारी ने विजय प्रमाण पत्र 26 फरवरी को देने की बात कही। जीती हुई प्रत्याशी 26 तारीख को जब प्रमाण पत्र लेने पहुंची तो अधिकारियों ने शिवरात्रि के कारण अवकाश होने की जानकारी दी और अगले दिन 27 तारीख को बुलाया गया।
Cg panchayat Election ये काम बना विवाद का कारण
इस साल सुकमा जिले में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में गणना पत्रक कई मतदान केंद्रों में विवाद का कारण बने। ग्राम पंचायत एर्राबोर में ही गणना पत्रक की वजह से विवाद की स्थिति निर्मित हुई। मतदान केंद्र क्रमांक 109 में गणना पत्रक नहीं होने की वजह से पीठासीन अधिकारी ने मतगणना के बाद सादे कागज पर परिणाम की जानकारी आरओ के समक्ष जमा कर दिया।
कोंटा के रिटर्निंग ऑफिसर गिरीश निंबालकर ने बताया कि पीठासीन अधिकारियों से जो परिणाम पत्रक प्राप्त हुए थे उसी के आधार पर कट्टम लक्ष्मी को जीत का प्रमाण पत्र दिया गया है। प्रमाण पत्र मतदान के दूसरे दिन ही बन गया था, इसलिए छुट्टी के दिन वितरित किया गया है। Election किसी तरह की धांधली नहीं की गई है, जो भी आरोप लग रहे हैं वे बेबुनियाद हैं।
