परिचालक लाइसेंस के बिना चलने वाली बसों पर RTO उड़नदस्ता की सख्त कार्रवाई

उड़नदस्ता ने वसूल 3 लाख 50 हजार

दुर्ग। परिवहन विभाग की उड़नदस्ता (RTO) टीम ने जिले में बस (buses) परिचालकों के लाइसेंस को लेकर सघन जांच अभियान चलाया। बिना परिचालक लाइसेंस के बस संचालित करने वाले वाहनों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। परिवहन मुख्यालय द्वारा पहले ही निर्देश जारी किए गए थे कि सभी बस परिचालकों को अनिवार्य रूप से लाइसेंस लेना होगा। इसके लिए बस ऑपरेटरों और बस यूनियन के साथ बैठक कर विशेष शिविर भी आयोजित किए गए थे, जिसमें कई परिचालकों ने लाइसेंस बनवाए। बावजूद इसके, कई बसें अब भी बिना लाइसेंसधारी परिचालकों के संचालित हो रही हैं, जिस पर विभाग ने सख्त रुख अपनाया है।

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परिवहन उड़नदस्ता दुर्ग ने जनवरी और फरवरी माह में जिले के विभिन्न मार्गों पर बसों की सघन जांच की। इस दौरान 125 बसें बिना परिचालक वर्दी के पाई गईं, जबकि 31 बसों में किराया सूची नहीं मिली। सबसे गंभीर मामला उन 180 बसों का रहा, जिनमें परिचालक बिना लाइसेंस के कार्यरत थे। इन सभी बसों पर नियमानुसार कार्रवाई की गई। इसके अतिरिक्त, आठ बसें बिना परमिट और दस बसें अखिल भारतीय पर्यटक परमिट पर अवैध रूप से संचालित होती पाई गईं। इन पर भी कड़ी कार्रवाई की गई।

कार्रवाई जारी रहेगी

परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया है कि बिना परिचालक लाइसेंस वाली बसों पर कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी। सभी बस संचालकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने परिचालकों का लाइसेंस बनवाना सुनिश्चित करें। यदि कोई बस बिना लाइसेंसधारी परिचालक के चलती पाई गई, तो उस पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

3 लाख 5 हाज़र शमन शुल्क वसूले

जनवरी और फरवरी माह में  381 बसों पर कार्रवाई करते हुए लगभग तीन लाख पाँच हजार रुपये का शमन शुल्क वसूला गया, जिसे शासन के खाते में जमा कराया गया है। परिवहन विभाग की इस सख्ती के बाद बस संचालकों में हड़कंप मच गया है। विभाग ने दोहराया है कि यात्री सुरक्षा और परिवहन नियमों के पालन को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।