JAES पर आयकर विभाग की कार्रवाई, 32 करोड़ कर चोरी का पर्दाफाश

CG Prime News@रायपुर| आयकर विभाग (Income tax department) ने जय अंबे इमरजेंसी सर्विसेज (जेएईएस) में 32 करोड़ रुपये की कर चोरी का खुलासा किया है। इस मामले में बोगस खर्च, फर्जी कटौतियां और जाली बिलिंग तंत्र का इस्तेमाल कर रिफंड प्राप्त करने की साजिश सामने आई है।

आयकर विभाग की गहन जांच में जेएईएस के निदेशकों धर्मेंद्र सिंह, जोगेंद्र सिंह और अमरेंद्र सिंह ने 32 करोड़ रुपये की कर चोरी की बात स्वीकार की है। इसके परिणामस्वरूप, उन पर 10.75 करोड़ रुपये का अग्रिम कर देय है और 25 लाख रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भी बकाया है। इस जांच के दौरान, जेएईएस के स्वामित्व में कई डमी कंपनियां भी पाई गईं, जिनमें मदवारानी कोल बेनेफिशिएशन, फेसिक फोर्जिंग, अरंश प्रोजेक्ट्स और अन्य कंपनियां शामिल थीं। हालांकि, इन कंपनियों का इस्तेमाल कर चोरी के लिए नहीं किया गया था।

अनुचित कर लाभ लेने के प्रयासों का पर्दाफाश

आयकर अधिकारियों ने वित्तीय विवरणों की बारीकी से जांच की, जिसमें लेखा विसंगतियां और कर कानूनों की खामियों का दुरुपयोग करके अनुचित कर लाभ लेने के प्रयासों का पर्दाफाश हुआ। जेएईएस को ‘हाई रिफंड’ मामला करार दिया गया, जिससे यह साबित हुआ कि कर अधिकारियों ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की।

विभाग की टीम ने डेढ़ महीने तक की सर्च 

आयकर विभाग ने इस अभियान को डेढ़ महीने से अधिक समय तक चल रही वित्तीय निगरानी का परिणाम बताया और साफ किया कि वे कॉर्पोरेट कर चोरी को लेकर कड़ी निगरानी बनाए रखेंगे। जांच में जब्त किए गए दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने यह भी कहा कि यह मामला उन कंपनियों के लिए चेतावनी होगा जो अवैध वित्तीय तंत्रों का दुरुपयोग कर कर चोरी करती हैं।