CG Prime News@भिलाई. नगर निगम भिलाई के आयुक्त (Bhilai municipal Corporation Commissioner ) राजीव कुमार पाण्डेय बुधवार को स्वामी आत्मानंद स्कूल (Swami Atmanand School) खम्हरिया के औचक निरीक्षण पर पहुंचे। यहां बच्चों की क्लास में पहुंचकर वे उन्हें पढ़ाने लग गए। इसी बीच आयुक्त ने किताब उठाकर बच्चों से पूछा कि राजिम किस जिले में है। इस पर बच्चों ने अलग-अलग जवाब दिया। जिसे सुनकर आयुक्त हंसने लग गए। बाद में उन्होंने बच्चों को समझाते हुए कहा कि जैसे हम दुर्ग जिले में रहते हैं वैसे ही राजिम गरियाबंद जिले में है। आयुक्त ने लगभग आधे घंटे तक स्कूली बच्चों की क्लास ली। कई बच्चों को इंग्लिश में पढऩे के लिए लेसन भी दिया।
क्लास के अनुसार सवाल पूछा
निगम आयुक्त स्कूल का पूरी तरफह से निरीक्षण करने के बाद बच्चों के क्लास रूम में गये। वहां टीचर्स से भी बातचीत की। आयुक्त पाण्डेय ने विद्यार्थियो की किताब को हाथ में लेकर कुछ सवाल किये, उनसे प्रश्न करने लगे और बच्चे बड़े ही जोश भरे आवाज से जवाब दे रहे थे। बच्चों से उनके क्लास के अनुसार सवाल कर रहे थे, जैसे राष्ट्रगान कितने सेकंड में पढऩा चाहिए।
टीचर्स से बोले पैरेंट्स को समझाने
छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री का क्या नाम है। बांग्लादेश कौन से दिशा में है। बच्चों से गणित एवं अंग्रेजी के प्रश्न भी पूछे क्लास में रीडिंग कराते हुए कविता पूछे। यह भी सवाल था कि कौन-कौन बच्चे घर से सुबह खाना खाकर नहीं आते हैं। कुछ बच्चों ने हाथ खड़ा किया उपस्थित शिक्षिका से उनके पेरेंट्स को समझने को कहा की बच्चों को सुबह नाश्ता कराके ही स्कूल भेजा करें ।
बच्चों को खेल खिलाया
आयुक्त ने बच्चों से कहा किसी भी प्रकार का प्रश्न को अपने मन में रहने नहीं देना चाहिए। बेजिझक अपने क्लास टीचर्स से पूछना चाहिए। प्रश्न करने से ही उसका जवाब मिलता है। दूसरे छात्र को भी पता चलता है। अंत में टीचर्स को भी समझाये बच्चों की पढ़ाई में पूरा सहयोग करें, किसी प्रकार की समस्या हो तो उसका शीध्र निराकरण किया जाए। अंत में बच्चों को क्लास में मनोरंजन के लिए शिक्षाप्रद खेल भी खिलवाए।
सुविधाओं की ली जानकारी
आयुक्त ने स्कूल में विद्यार्थियों को दी जाने वाली सुविधाओं को बारीकी से देखा। विद्यार्थियो को किसी प्रकार की कोई असुविधा तो नहीं हो रही है। साथ ही स्कूल में बैठने के टेबल, कुर्सी, पीने का पानी, शौचालय, लाईट, पंखा का भी निरीक्षण किया। जिससे स्कूल में पढऩे वाले बच्चों, पढ़ाने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं को किसी प्रकारी की परेशानी ना हो।