डॉ. अजय कुमार सिंह होंगे साइंस कॉलेज दुर्ग के नए प्राचार्य, प्रदेश में सबसे ज्यादा 18 प्राचार्य इसी संस्थान से दिए, उच्च शिक्षा विभाग ने 131 प्रोफेसरों को प्राचार्य बनाया, डॉ. ऋचा ठाकुर संभालेंगी संगीत महाविद्याालय दुर्ग की कमान…

दुर्ग। उच्च शिक्षा विभाग ने लंबे इंतजार के बाद आखिरकार प्रोफेसर से प्राचार्य पद की पदोन्नती लिस्ट जारी कर दी है। प्रदेश के 131 प्रोफेसरों को पदोन्नती के बाद यूजी प्राचार्य का दायित्व दिया गया है। इस सूची में अकेले साइंस कॉलेज दुर्ग से ही 18 प्रोफेसरों को प्राचार्य बनाया गया है। दुर्ग गल्र्स कॉलेज से दो प्रोफेसरों और भिलाई-3 खूबचंद कॉलेज से एक प्रोफेसर प्राचार्य बनाए गए हैं। ऑटोनोमस दुर्ग साइंस कॉलेज के प्राचार्य की जिम्मेदारी अब डॉ. अजय कुमार सिंह निभाएंगे। वह साइंस कॉलेज में ही साल 2005 से प्रोफेसर रहे हैं और अब उन्हें प्राचार्य पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

उच्च शिक्षा विभाग से जारी हुई इस लिस्ट में कॉलेजों की महिला प्रोफेसरों को आसपास के कॉलेजों में पदोन्नत कर प्राचार्य पद दिया गया है। वहीं पुरुष प्रोफेसरों को दूर-दराज के इलाकों में भेजा गया है। यह सूची आने के बाद अब नवीन महाविद्यालयों को नियमित प्राचार्य मिल गए हैं। इसी तरह दुर्ग संगीत महाविद्यालय को भी नया स्थाई प्राचार्य मिला है।

चार प्रोफेसर लिस्ट से पहले हुए रिटायर

स्नातक प्राचार्यो की इस सूची को जारी करने में उच्च शिक्षा विभाग ने लगभग १२ साल का समय लगा दिया। सूची सोमवार को जारी हुई। इससे पहले ही कुछ वरिष्ठ प्राध्यापक साइंस कॉलेज और गल्र्स कॉलेज से रिटायर हो गए। करीब चार प्रोफेसर साइंस कॉलेज से ही ३ माह से एक साल के भीतर रिटायर हुए। डॉ. मंजु कौाशल, डॉ. अलका तिवारी और डॉ. शंकर निषाद इनमें शामिल हैं।

साइंस कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य रहे डॉ. आरिफ सिद्दिकी भी नवंबर में रिटायर हो जाएंगे। वहीं डॉ. सुकुमार चटर्जी अगले साल सेवानिवृत्त होंगे। डॉ. अनिल कुमार कश्यप भी अगले साल अप्रैल के आसपास रिटायरमेंट को पहुंचेंगे। बता दें कि, इस लिस्ट में जिन प्रोफेसरों का नाम शामिल हुआ है, वे अपनी मर्जी से इसे फॉरगो भी कर सकते हैं।

जानिए कौन है डॉ. एके सिंह

डॉ अजय कुमार सिंह रसायन शास्त्र के युवा वैज्ञानिक के रूप में देश में ख्याति प्राप्त हैं। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से रसायन में डॉक्टर ऑफ फिलासफी की उपाधि हासिल कर 1994 में उच्च शिक्षा में सहायक प्राध्यापक पद पर कार्य आरम्भ किया। नेट, जेआरएफ के साथ ही अमेरिकन केमिकल सोसाइटी से अवॉर्ड भी प्राप्त किया है। 29 वर्ष का अनुभव प्राप्त डॉ सिंह 2005 से साइंस कॉलेज दुर्ग में पदस्थ हैं। शासन ने अब उन्हें जिले के सबसे बड़े कॉलेज की जिम्मेदारी सौंपी है। बुल्गारिया के साथ एक शोध परियोजना में कार्य कर रहे है। उनके निर्देशन में एक छात्रा ने पोस्ट डॉक्टरेट और 17 ने पीएचडी की है। 170 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हुए हैं। 20 बुक चैप्टर लिखे हैं साथ ही 3 पुस्तके प्रकाशित हुई है।

जानिए… जिले से कौन-कौन बना प्राचार्य

– डॉ. अनुपमा अस्थाना – साइंस कॉलेज दुर्ग – नवीन महाविद्यालय, रिसाली

– डॉ. कैलाश शर्मा – वैशाली नगर कॉलेज – भिलाई-३ महाविद्यालय

– डॉ. जगजीत कौर सलूजा – साइंस कॉलेज दुर्ग – आत्मानंद आदर्श कॉलेज दुर्ग

– डॉ. एमए सिद्दिकी – साइंस कॉलेज दुर्ग – नवीन महाविद्यालय, नगपुरा

– डॉ. शशिकांत झा – साइंस कॉलेज दुर्ग – नवीन महाविद्यालय पेंडरावन

– डॉ. अरुण कुमार मिश्रा – उतई महाविद्यालय – नवीन महाविद्यालय रानीतराई

– डॉ. अभिनेश सुराना – साइंस कॉलेज दुर्ग – नवीन महाविद्यालय गुरुर

– डॉ. डॉ. सोमाली गुप्ता – साइंस कॉलेज दुर्ग – शासकीय कॉलेज अर्जुंदा

– डॉ. बदजीत कौर – साइंस कॉलेज दुर्ग – खुर्सीपार कॉलेेज भिलाई

– डॉ. सुकुमार चटर्जी – साइंस कॉलेज दुर्ग – शासकीय कॉलेज छुईखदान

– डॉ. शिखा गर्ग – साइंस कॉलेज दुर्ग – शासकीय कॉलेज जामगांव आर

– डॉ. अनिल कश्यप – साइंस कॉलेज दुर्ग – शासकीय कॉलेज डौंडी बालोद

– डॉ. अमिता सहगल – गल्र्स कॉलेज दुर्ग – नवीन महाविद्यालय बालोद

– डॉ. रोशन अहमद आरा – शासकीय कॉलेज जामगांव आर – डौंडीलोहारा बालोद

– डॉ. अब्दुल खलिक – साइंस कॉलेज दुर्ग – कुंजबिहारी चौबे कॉलेज राजनांदगांव

– डॉ. सुचित्रा गुप्ता – साइंस कॉलेज दुर्ग – नवीन महाविद्यालय जेवरतला

– डॉ. पद्मावती – साइंस कॉलेज दुर्ग – नवीन महाविद्यालय मचांदुर

– डॉ. अरजिंदर पाल सलूजा – साइंस कॉलेज दुर्ग – शासकीय कॉलेज घुमका

– डॉ. चंदन बोस – जामुल कॉलेज – शहीद कौशल महाविद्यालय गुंडरदेही

– डॉ. ऋचा ठाकुर – गल्र्स कॉलेज दुर्ग – संगीत महाविद्यालय दुर्ग

– डॉ. रमाशंकर सिंह – साइंस कॉलेज दुर्ग – नवीन महाविद्यालय जामुल

कुछ प्रोफेसर नहीं बन पाए प्राचार्य

उच्च शिक्षा विभाग के नियम से सूची में कुछ प्राध्यापक वंचित रह गए है जो तय मापदंडों में खरा नहीं उतर पाए है। निर्धारित बेंच मार्क के आभाव में पदोन्नति नहीं हुई। सभी प्राध्यापकों की मार्च 2024 की डीपीसी हुई थी।