बलौदाबाजार हिंसा: एक्शन मोड में सरकार, कई अफसरों पर गिर सकती है गाज, CM ने पूछा बैकअप क्यों नहीं रखा ? 150 उपद्रवी हिरासत में, धारा 144 लागू

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@Dakshi sahu Rao

CG Prime News@बलौदाबाजार. छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार (baloda bazar violence) में 10 जून को हुई हिंसा मामले में राज्य सरकार एक्शन मोड में आ गई है। जिले में हुई हिंसा को लेकर सीएम विष्णुदेव साय काफी नाराज हैं। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को रायपुर स्थित सरकारी बंगले में मीटिंग बुलाई है। मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक में गृह मंत्री विजय शर्मा शामिल हैं। बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि इतनी बड़ी घटना हो गई आप लोगों तक जानकारी कैसे नहीं पहुंची? क्यों बैकअप नहीं रखा गया? सोमवार को उग्र भीड़ ने कलेक्टर-एसपी ऑफिस में आगजनी करते हुए 75 बाइक, 20 कार और 2 दमकल वाहन को आग के हवाले कर दिया गया था।

150 लोग हिरासत में
सतनामी समाज के प्रदर्शन में उपद्रवियों ने कलेक्ट्रेट में खड़ी गाडिय़ों में तोडफ़ोड़ की। इसके बाद कुछ लोगों ने कलेक्ट्रेट में आगजनी की। इससे कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जलकर खाक हो गए। उपद्रवियों ने बलौदाबाजार में कलेक्टर कार्यालय के सामने ध्वजारोहण पोल पर सफेद ध्वज भी लगा दिया। इस मामले में अब तक पुलिस ने 150 लोगों को हिरासत में लिया है। मिली जानकारी के अनुसार बलौदाबाजार हिंसा मामले में कई अफसरों पर सख्त कार्रवाई हो सकती है।

गृहमंत्री पहुंचे घटना स्थल
हिंसा के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। इसमें पुलिसकर्मियों सहित कुछ लोग भी घायल हुए हैं। घटना की सूचना मिलने के बाद डिप्टी सीएम विजय शर्मा सोमवार देर रात घटनास्थल पहुंचकर मौके का जायजा लिया। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उपद्रवियों की गिरफ्तारी के आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं जिले में 16 जून तक धारा 144 लागू कर दिया गया है।

सोशल मीडिया में चल रहे थे भड़काऊ पोस्ट
बलौदाबाजार हिंसा के पीछे प्रशासन का इंटेलीजेंस पूरी तरह फेलियर रहा। वहीं भीम रेजिमेंट और कुछ अन्य संगठन के भड़काऊ पोस्ट सोशल मीडिया पर चल रहे थे लेकिन इंटेलीजेंस डिपार्टमेंट इससे बेखबर रहा। भीम रेजिमेंट के दिनेश चतुर्वेदी ने हिंसा वाले दिन सोशल मीडिया पर अपना वीडियो और मैसेज पोस्ट किया था। उसने लिखा है कि भाजपा सरकार के गृहमंत्री विजय शर्मा के द्वारा सतनामी समाज के महाआंदोलन को कमजोर करने के लिए गहरी चाल है कृपया इन नेताओं के चाल में न आए और 10 तारीख को महाआंदोलन में पहुंचे।