भिलाई के आरोपी राजीव रंजन बिहार से लाया था हथियार, विश्वजीत नाग ने मारी गोली
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नारायणपुर. कांग्रेस नेता विक्रम बैस की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया। एसपी प्रभात कुमार ने गुरुवार को सनसनी खेज मामले का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि अब तक कांट्रेक्ट किलर समेत 6 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई। इस मामले का मास्टरमाइंड मनीष राठौर फरार है। उसकी तलाश की जा रही है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस नेता की हत्या ट्रांसपोर्टिंग व्यापार में वर्चश्व की लड़ाई की वजह से की गई। हत्या की साजिश जगदलपुर व भिलाई से रची गई। इसे अंजाम देने मुख्य आरोपी मनीष राठौर और कांट्रेक्ट किलर की बैठक भिलाई में हुई। हत्यारे इस वारदात को नक्सली घटना में कनवर्ट कर रहे थे। मनीष राठौर अपने साथियों से नक्सली पर्चा- बैनर लिखवाकर धमकी दिया था। लेकिन घटना थ्योरी से पुलिस को पता चल गया था कि यह नक्सली घटना नहीं है। इस मामले में शामिल 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। वहीं मनीष राठौर के गोदाम के हथियार को बरामद किया गया।
हत्या के पीछे ट्रांसपोर्टिंग व्यापार
कांग्रेस नेता विक्रम बैस का ट्रांसपोर्टिंग काम था। परिवहन संघ के पदाधिकारी की वजह से ट्रांसपोर्ट में अच्छा दबदबा था। इधर ट्रांसपोर्ट व्यापार में मनीष राठौर अपना दबदबा बनाना चाहता था। दोनों के बीच बर्चस्व की लड़ाई थी। इस कारण मनीष राठौर ने विक्रम बैस को रास्ते से हटाने चाहता था। मनीष राठौर जगदलपुर जेल में बंद था। इसी दौरान उसकी मुलाकत सजा काट रहे विश्वजीत नाग से हुई थी। मनीष ने विश्वजीत नाग के साथ मिलकर हत्या की योजना बनाई थी। जेल से छूटने के बाद दोनों नारायणपुर में मिले। विश्वजीत दो महीने तक मनीष के बंगलापारा स्थित गोदाम में छिपकर रहता था। मनीष ने हथियार के लिए विश्वजीत नाग से चर्चा की। विश्वजीत ने हथियार के लिए सैमुअल से बात की। सैमुअल ने उसे कहा कि पैसा लगेगा, लेकिन व्यवस्था हो जाएगा।
माइनिंग में जरुरत है,यह बोलकर लिया था हथियार
पुलिस ने बताया कि विश्वजीत नाग और मनीष राठौर भिलाई पहुंचे। सैमुअल से मुलाकात की। हथियार को लेकर सैमुअल अपने जेल का साथी राजीव रंजन से बात की। फिर कॉफी हाउस में मनीष राठौर, विश्वजीत नाग, सैमुअल रत्नम और संदीप यादव उर्फ संजू की बैठक हुई। हथियार कैसे मिलेगा। इसे लेकर चर्चा हुई। विश्वजीत ने कहा माइनिंग कार्य के लिए हथियार की जरुरत है। मीटिंग में राजीव रंजन का चेला संदीप यादव उर्फ संजू भी शामिल था। राजीव रंजन मूलतः बिहार निवासी है। उसने 3 लाख रुपए में बिहार से पिस्टल खरीदी। विश्वजीत को हथियार उपलब्ध करा दिया।
विश्वजीत ने चलाई थी ताबड़तोड़ गोली,संदीप ने गड़ासा
पुलिस के मुताबिक विश्वजीत नाग और जसप्रीत सिंह जस्सी पिस्टल लेकर नारायणपुर मनीष राठौर के पास पहुंचा। जहां उनकी बातचीत हुई। विक्रम बैस को मारने की प्लानिंग की। इसके लिए विश्वदीप ने संदीप यादव को माइनिंग में सुपरवाइजर काम के बहाने बुलाया। संदीप जब नारायणपुर पहुंचा। तब उससे कहने लगा कि एक युवक की हत्या करनी है। संदीप को गड़ासा दिया। दोनों हथियार लेकर पहुंचे। इस तरह विक्रम बैस की रेकी कर रहे अन्य आरोपियों ने प्वाइंट दिया। विश्वजीत नाग पहुंचा और ताबड़तोड़ गोली से फायरिंग कर हत्या कर दी।
पुलिस को गुमराह करने घटना से पहले बिलासपुर पहुंच गया था मनीष राठौर
हत्या का मास्टरमाइंड मनीष राठौर पुलिस को गुमराह करने के लिए फिल्मी तरीका अपनाया था। हत्या के दिन वह बिलासपुर चला गया था। जहां होटल में रुककर चेक इन और चेक आउट पंजीयन कराया। इसके अलावा अपने सभी मोबाइल को साथ में रखकर उसे चालू रखा था। जिससे पुलिस को किसी प्रकार का कोई शक न हो सके। उसे यह नहीं मालूम था कि नारायणपुर के एसपी प्रभात कुमार से पाला पड़ा है। एसपी ने उसके मोबाइल नम्बर का 3 महीने का डाटा निकाला। जिसमें 30 हजार नम्बरों की जांच की।




