सवाल बरकरार किसने की अभिषेक मिश्रा की हत्या, या अब उसी गड्डे में दफन हो गया मर्डर का राज
अभियोजन पक्ष सुनवाई के दौरान घटना की कड़ियों को जोड़ नहीं पाया, जिसका लाभ आरोपितों को मिला
CG Prime News@बिलासपुर. भिलाई के बहुचर्चित अभिषेक मिश्रा हत्याकांड के दो दोषियों को उच्च न्यायालय बिलासपुर ने दोषमुक्त कर दिया है। जिला न्यायालय ने मामले के दो आरोपित विकास जैन और अजीत सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। वहीं पुलिस ने किम्सी कंबोज को मुख्य षणयंत्रकारी बताया था। लेकिन न्यायालय से दोषमुक्त हो गई। अभियोजक उसके खिलाफ साक्ष्य साबित करने में सफल नहीं हुआ। आरोपियों की तरफ से अधिवक्ता उमा भारती साहू ने उन विंदुओं पर रोशनी डाली, जिसके कारण किम्सी निर्दोष साबित हुई। उसके बाद उक्त दोनों आरोपियों की हाई कोर्ट में रिट पिटीशन लगाया था। बता दें अपने एकलौते बेटे की पीड़ा झेल रहे परिवार के लिए यह सिर्फ एक निर्णय है। उनको न्याय तब मिलेगा। जब पुलिस हत्यारों को पकड़ेगी। न्यायालय से दंड मिलेगा।
जिला न्यायालय ने इस मामले में 10 मई 2021 को फैसला सुनाया था। जिला न्यायालय के फैसले को दोनों आरोपितों ने बिलासपुर उच्च न्यायालय में चुनौती थी। उच्च न्यायालय में मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा एवं रविद्र कुमार अग्रवाल ने की। आरोपितों की ओर से उच्च न्यायालय में प्रकरण की पैरवी करने वाली अधिवक्ता उमा भारती साहू ने बताया कि यह पूरा मामला परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर टिका हुआ था। अभियोजन पक्ष सुनवाई के दौरान घटना की कड़ियों को जोड़ नहीं पाया। जिसका लाभ आरोपितों को मिला। वहीं अभिषेक मिश्रा के पिता आईपी मिश्रा ने किम्सी जैन की रिहाई को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। किम्सी के मामले में उच्च न्यायालय ने जिला न्यायालय के फैसले को उचित ठहराते हुए आईपी मिश्रा के आवेदन को खारिज कर दिया।
सवाल बरकरार अभिषेक के हत्यारे कौन
शंकराचार्य इंजीनियरिंग कॉलेज भिलाई के डायरेक्टर अभिषेक मिश्रा की हत्या के सभी आरोपी दोष मुक्त हो गए। अब सवाल यह है कि अभिषेक मिश्रा की हत्या कौन किया? क्योंकि अभिषेक की हत्या की पुष्टि हुई थी गड्ढे में जो सड़ी गली लाश मिली थी, वह भी उसी की थी। पुलिस ने हत्या के लिए जिसको कसूरवार मानकर प्रकरण दर्ज किया था। वह तीनों दोष मुक्त हो चुके हैं। अब सवाल उठता है कि आखिर हत्या किसने की थी। पुलिस क्या फिर से मामले की विवेचना करेगी। असली हत्यारों को पकड़कर क्या न्यायालय में दंड दिला पाएगी? पीड़ित परिवार को उम्मीद रहेगी।
जानिए क्या है मामला
शंकराचार्य ग्रुप आफ कालेज जुनवानी के डायरेक्टर अभिषेक मिश्रा कॉलेज के डायरेक्टर अभिषेक मिश्रा के मर्डर की गुत्थी 9 नवंबर 2015 को अपने घर से निकला था। 10 नवंबर 2015 को दुर्ग के जेवरा चौकी अभिषेक मिश्रा की गुमशुदगी दर्ज कराई गई। 22 दिसंबर 2015 को पुलिस ने संदेह के आधार पर स्मृति नगर निवासी विकास जैन, उसके चाचा अजीत सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ की। 23 दिसंबर 2015 को पुलिस ने स्मृति नगर निवासी अजीत सिंह के मकान स्थित परिसर में अभिषेक के शव को बरामद किया। जहां गोभी और अन्य सब्जियां उगा दी गई थी। 24 दिसंबर 2015 को विकास की पत्नी किम्सी जैन को भी पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार किया था।